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आयुष्‍मान भारत सभी को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध कराने के सरकारी प्रयासों को मजबूती देगा: डा. हर्षवर्धन

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डाक्‍टर हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत सरकार सभी को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और आयुष्‍मान भारत योजना इस दिशा में प्रभावी तरीके से काम कर रही है। इसके माध्‍यम से सरकार सबके लिए समान रूप से चिकित्‍सा उपचार सेवाओं की उपलब्‍धता, स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के भारी भरकम खर्च का बोझ कम करने तथा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने का काम कर रही है।

     डॉ. हर्षवर्धन आयुष्‍मान भारत योजना के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर नई दिल्‍ली में विदेशी संवाददाता क्‍लब में आयोजित पत्रकार सम्‍मेलन में बोल रहे थे।

   स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि काफी कम समय में ही आयुष्‍मान भारत योजना के तहत देश में 21 हजार से ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍य और वेलनेस केंद्रों ने काम करना शुरू कर दिया है और योजना के लागू होने के पहले साल में ही लगभग 47 लाख लोग प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना (आयुष्‍मान भारत) का लाभ ले चुके हैं। यह एक ऐसी योजना है जो देश में सबसे ज्‍यादा जरूरतमंदों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं सुनिश्चित करा रही है।’

      केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि आयुष्‍मान भारत योजना देश के गरीब और सबसे ज्‍यादा जरूरतमंद लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध कराने के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के विजन का हिस्‍सा है। उन्‍होंने श्री मोदी का हवाला देते हुए कहा कि आयुष्‍मान भारत देश के स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में आमूल बदलाव लाएगी। इस योजना को बनाने और लागू करने के लिए सरकार ने मध्‍यम आय वाले उन देशों में उपलब्‍ध कराई जा रही स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के अनुभवों को ध्‍यान में रखा है, जिन्होंने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 3.8 प्राप्त करने के लिए अपने यहां प्रमुख स्वास्थ्य सुधार किए हैं।

     योजना पर प्रकाश डालते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह संभवत: दुनिया की सबसे बड़ी स्‍वास्‍थ्‍य योजना है। इसके तहत देश में दिसंबर 2022 तक डेढ़ लाख स्‍वास्‍थ्‍य और वेलनेस केंद्र काम करना शुरू कर देंगे। जिनके माध्‍यम से लोगों को उनके घरों के नजदीक व्‍यापक प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल (सीपीएचसी) के साथ ही रोग से बचाव और बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सभी जरूरी सेवाएं मिल सकेंगी। उन्‍होंने कहा कि पीएमजेएवाई के तहत देश के 550 मिलियन गरीब और असहाय लोगों को चिकित्‍सा सेवाएं उपलब्‍ध कराई जा रही हैं। इसके जरिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 500,000 रुपये का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा दिया गया है। बीमित परिवार इसके जरिए गंभीर और खतरनाक बीमारियों के लिए द्वितीय और तृतीय स्‍तर की चिकित्‍सा सेवाएं प्राप्‍त कर सकता है। ऐसी सेवाओं के लिए उसे किसी तरह का कोई भुगतान नहीं करना होगा और ना ही किसी तरह की कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया से गुजरना होगा।

      डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस साल जब आयुष्‍मान भारत योजना अपने एक वर्ष पूरे कर रही है, देश के करीब 4.7 मिलियन लोग इसके माध्‍यम से 1070 अमरीकी डॉलर से ज्‍यादा के स्‍वास्‍थ्‍य उपचार का लाभ ले चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि उपयोग की गई कुल राशि में से 55 प्रतिशत राशि ऐसी गंभीर बीमारियों के उपचार पर खर्च की गई है, जिनके लिए पहले बीमा कवर उपलब्‍ध नहीं था। केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा 102 मिलियन से अधिक लाभार्थी कार्ड जारी किए गए हैं। पीएमएवाई के तहत देश भर में लगभग 18,100 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें से 53 प्रतिशत अस्पताल निजी और विशेष रूप से बहु-विशिष्ट हैं। 62 प्रतिशत उपचार इन निजी अस्पतालों में हुए हैं। पीएमजेएवाई की एक अनूठी विशेषता इसकी पोर्टेबिलिटी है, जिससे पात्र गरीब और प्रवासी श्रमिक अपने राज्यों के बाहर भी पीएमजेएवाई कार्ड का इस्‍तेमाल कर इलाज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 40,000 से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा चुके हैं।

     डॉ. हर्ष वर्धन ने विदेशी संवाददाताओं को बताया कि आयुष्‍मान भारत एक कुशल और तकनीकी रूप से मजबूत इको-सिस्टम पर दुनिया की सबसे बेहतर स्वास्थ्य योजना होगी, जिसके तहत बीमारी के इलाज पर होने वाले भारीभरकम खर्च को कम करके सभी के सस्‍ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि पीएमजेएवाई पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्‍त पोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। सरकार ने इसके लिए आम लोगों से कोई पैसा नहीं लिया है, यह पूरी तरह से सरकारी राजस्‍व से चलाई जा रही है। सरकार ने इसके लिए मैक्सिको, थाईलैंड और तुर्की सहित कई देशों द्वारा अपने यहां लागू की गई व्‍यवस्‍था का अनुसरण किया है। उन्‍होंने कहा कि अब तक देश के 32 राज्‍य और केन्‍द्र शासित प्रदेश अपने यहां इस योजना को लागू कर चुके हैं। इसके लिए सहकारी संघवाद की मूल भावना के साथ राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य प्राधिकरण (एनएचए) और राज्‍य सरकारें मिलकर काम कर रही है। राज्‍यों की अलग-अलग जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए योजना को काफी लचीला बनाया गया है। राज्‍यों को इसे अपने हिसाब से लागू करने की छूट दी गई है।

     केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के गवर्निंग बोर्ड ने पीएमजेएवाई के तहत उपलब्‍ध कराए जा रहे मौजूदा स्वास्थ्य पैकेजों की लागत कम करके और इनमें गड़बडि़यों की गुंजाइश खत्‍म करके उन्‍हें और ज्‍यादा तर्कसगत बनाने का फैसला किया है। इससे ज्‍यादा से ज्‍यादा अस्‍पतालों को इस योजना के तहत लाया जा सकेगा और निजी क्षेत्र की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि योजना को उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक अनुकूल, सुरक्षित और अत्याधुनिक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी प्रणाली के उन्‍नयन की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की पहल का भी समर्थन किया गया।

      स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लाभार्थियों के व्यक्तिगत और संवेदनशील डेटा, जैसे आधार जानकारी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, वित्तीय जानकारी आदि की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखना इस योजना का आधार है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत को लाभा‍र्थियों के स्वास्थ्य की जानकारी को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सर्वोत्तम उपलब्ध तकनीक का इस्‍तेमाल करते हुए मजबूत और बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली उपलब्‍ध कराई है। इसे और मजबूत बनाने के लिए उन्‍नत सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली पीएमजेएवाई 2.0 तैयार की जा रही है।

     उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य प्राधिकरण के पास आयुष्‍मान भारत योजना को किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से सुरक्षित रखने के लिए पुख्‍ता व्‍यवस्‍था है, जो छह देशों (अमरीका, इंडोनेशिया, फिलीपींस, तुर्की, कोरिया और क्रोएशिया के अनुभवों तथा चार भारतीय राज्यों (महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना) के अध्‍ययन पर आधारित है। आयुष्मान भारत योजना की यह सुरक्षा व्‍यवस्‍था धोखाधड़ी-रोधी ढांचा, पहचान और निरोधक उपायों के तीन प्रमुख स्तंभों पर टिकी है।

      डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कुल 97 अस्पतालों पर अनियमितता और गड़बडियों के लिए 214000 अमरीकी डालर या 15 मिलियन रूपए से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि एनएचए ने हाल ही में गुणवत्ता प्रमाणन मानकों की एक पहल शुरू की है और आयुष्मान भारत योजना के पैनल वाले अस्पतालों के लिए डिजिटल गुणवत्ता प्रमाणन के लिए एक प्रक्रिया शुरू की गई है, जो भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा किया गया एक अनूठा प्रयोग है।  गरीब और कमजोर लाभार्थियों को ध्यान में रखते हुए, आयुष्मान भारत एक समग्र लाभार्थी सशक्तीकरण प्रणाली है, जिसे कॉल सेंटर, ऑटो एसएमएस, पीएमजेएवाइ वेबसाइट, स्वयं सहायता पोर्टल, केंद्रीय शिकायत निवारण प्रणाली, पीमएमजेएवाई मोबाइल ऐप और प्रधानमंती को पत्र के माध्यम से लागू किया जा रहा है। “वेबसाइट और कॉल सेंटर के टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14555 ने रोगियों को स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ समय पर शिकायत निवारण के लिए अपनी प्रतिक्रिया भेजने में काफी मदद की है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हेल्‍पलाइन सेवा पर  औसतन हर मिनट में तीन कॉल का जवाब दिया जा रहा है।

     डॉ. हर्षवर्धन ने आगे कहा कि भविष्‍य में लंबे समय तक  आयुष्मान भारत की अपनी पहलों के माध्‍यम से सेवाओं की उपलब्धता का विस्तार करने की योजना है। अधिक मांग होने की वजह से दूसरे और तीसरी श्रेणी के शहरों में पीएमजेएवाई के तहत अपनी सेवाओं का विस्‍तार कर सकते हैं। पीएमजेएवाई गरीब मरीजों को प्राथमिकता देने के लिए सरकारी अस्‍प्‍तालों को कई तरह से मदद करता है और उनके बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और उनके सेवा अंतराल की भरपाई के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के  साधन उपलब्‍ध कराता है। “यह सबके लिए स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का लक्ष्‍य हासिल करने की प्रतिबद्धता को प्राप्त करने में मदद करेगा । हम जानते हैं कि यूएचसी को हासिल करना  एक लंबी यात्रा है, जिसे पूरा करने के लिए हम  हम वैश्विक अनुभवों से सीख लेकर अपने प्रयासों को लगातार सुधार रहे हैं।’

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई की प्रथम वर्षगांठ के उपलक्ष्‍य में  राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण 30 सितंबर और 1 अक्टूबर, 2019 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला, अरोग्य मंथन का आयोजन कर रहा है। इसमें पीएमजेएवाई के सभी महत्वपूर्ण हितधारक योजना के कार्यान्वयन में पिछले वर्ष आई चुनौतियों के प्रभावी समाधानों के साथ दिन भर चलने वाले  सत्रों चर्चा करेंगे।

     डॉ हर्षवर्धन ने आयुष्मान भारत के आधार स्तंभों की जानकारी देते हुए कहा कि 21,000 से अधिक आयुष्‍मान भारत-हेल्‍थ और वेलनेस सेंटर आयुष्‍मान भारत योजना के तहत 5 करोड़ आबादी को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध करा रहे हैं। इनमें मातृ और शिशु देखभाल तथा प्रशिक्षित सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों के माध्‍यम से बाल स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं और आम रोगों के उपचार का काम किया जा रहा है। अब तक ऐसे केंद्रों में 1,70,63,522 रोगियों को स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध कराई जा चुकी हैं। उन्‍होंने कहा कि ये केंद्र गरीब लोगों में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी आदतों को बढ़ावा देने के साथ ही बीमारी में होने वाले खर्चों में कमी लाने का भी काम करेंगे। इनके माध्‍यम से आम लोगों में सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के प्रति भरोसा बढ़ेगा तथा उन्‍हें योग, स्‍वस्‍थ जीवन शैली तथा सुरक्षित खान-पान की आदतों के प्रति जागरूक बनाया जा सकेगा।

    आयुष्‍मान भारत के स्‍वास्‍थ्‍य और वेलनेस केंद्रों के फायदे पर प्रकाश डालते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि ऐसे केंद्रों में अब तक  डेढ़ करोड़ से ज्‍यादा लोगों की उच्‍च रक्‍तचाप की जांच की जा चुकी है तथा इनमें से 70 लाख से ज्‍यादा लोगों का उपचार किया जा रहा है। 13 मिलियन लोगों में मधुमेह की जांच की गई है और इनमें से 31 लाख से ज्‍यादा लोगों का उपचार किया जा रहा है। इसी तरह स्‍तन, गर्भाशय और मुंह के कैंसर के संभावित मामलों की जांच के बाद उन्‍हें आगे और जांच तथा उपचार के लिए बड़े अस्‍पतालों में भेजने का काम भी किया गया है। उन्‍होंने बताया कि इन केंद्रों में अब तक मुंह के कैंसर के लिए 76 लाख से ज्‍यादा लोगों की जांच की जा चुकी है और इनमें 10,218 लोगों का उपचार किया जा रहा है।  53 लाख से ज्‍यादा महिलाओं में स्‍तन कैंसर की जांच की गई है, जिनमें से करीब 9700 महिलाओं का इलाज किया जा रहा है। इसी तरह  37 लाख से ज्‍यादा महिलाओं में गर्भाशय कैंसर की जांच की गई है, जिनमें से करीब 10000 महिलाओं का इलाज किया जा रहा है।  इसके अतिरिक्‍त 16 मिलियन से अधिक लोगों को दवाइयां उपलब्‍ध कराई गई है तथा लगभग 49 लाख लोगों को जांच सेवाएं मिल रही हैं।

    डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि लोगों को प्रशिक्षित डॉ। हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर और सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा स्तर से संदर्भित मामलों के लिए योग्य चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों के माध्‍यम से लोगों को टेली-परामर्श सेवाएं शीघ्र ही उपलब्‍ध कराई जाएंगी। इसके लिए एक पायलट योजना सी-डैक के ई-संजीवनी एप्‍लीकेशन पर गुजरात में शुरू की गई है। नियत सुरक्षा ऑडिट के बाद, इसे आयुष्‍मान भारत योजना के तहत संचालित स्‍वास्‍थ्‍य और वेलनेस सेंटरों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

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