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भारत- बांग्‍लादेश के बीच व्‍यापारिक सहयोग से दोनों देश हो रहे हैं समृद्ध: पीयूष गोयल

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय वाणिज्‍य और उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और बांग्‍लादेश एक दूसरे के प्रतिस्‍पर्धी नहीं बल्कि सहयोगी हैं और एक दूसरे को समृद्ध बनाने के  साथ ही अपने लोगों के बेहतर भविष्‍य के लिए मिल कर काम कर रहे हैं। श्री गोयल आज नयी दिल्‍ली में भारत-बांग्‍लादेश व्‍यापार फोरम की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी उपस्थित थीं।

श्री गोयल ने भारतीय उद्योग प्रतिनिधियों से बांग्‍लादेश में अपार संभावनाओं वाले अवसंरचना,सूचना प्रौद्योगिकी और उूर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश के माध्‍यम से उसकी विकास यात्रा में सहभागी बनने की अपील की। श्री गोयल ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच व्‍यापार संतुलन को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

केन्‍द्रीय मंत्री ने सुश्री शेख हसीना को भरोसा दिलाया कि भारत रेलवे क्षेत्र में विस्‍तार के बांग्‍लादेश के हर अनुरोध को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है क्‍योंकि रेलवे संपर्क बढ़ने से दोनों देशों के बीच व्‍यापार को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही भारत का पूर्वी क्षेत्र अधिक सुगम बन जाएगा।

बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री ने भारतीय उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बांग्‍लादेश की सरकार और वहां के कारोबारियों को सीधी वार्ता का अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार और भारत के तीन उद्योग संगठनों को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि बांग्‍लादेश में भारतीय निवेशकों के लिए तीन विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाये गए हैं। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि इससे बांग्‍लादेश के निर्यात को प्रोत्‍साहन मिलेगा।

इस अवसर पर स्‍टार्टअप बांग्‍लादेश तथा भारत की टेक महिन्‍द्रा और बांग्‍लादेश के विशेष आर्थिक क्षेत्र प्राधिकरण और अदानी पोर्ट और सेज के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए।

बांग्‍लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझेदार है। पिछले एक दशक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार में खासी प्रगति हुयी है। वित्‍त वर्ष 2018-19(अप्रैल-मार्च) की अवधि में भारत से बांग्‍लादेश को 9.21 अरब डॉलर का निर्यात हुआ जबकि आयात 1.22 अरब डॉलर का रहा।

भारत और बांग्‍लादेश के बीच व्‍यापार को सुगम बनाने के लिए कई समझौते किये गए हैं। दोनों देश कई क्षेत्रीय व्‍यापार समझौतों के भी सदस्‍य हैं। इनमें एशिया प्रशांत व्‍यापार समझौता (एपीटीए), सार्क तरजीह व्‍यापार समझौता (एसएपीटीए) और दक्षिण एशिया मुक्‍त व्‍यापार समझौता (एसएएफटीए) शामिल हैं। एसएएफटीए के तहत भारत ने अपने यहां अल्‍कोहल और तम्‍बाकू को छोड़कर बांग्‍लादेश के अन्‍य सभी उत्‍पादों को निशुल्‍क आयात की अनुमति दे रखी है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच वाणिज्‍य, जहाजरानी, व्‍यापार, सीमा शुल्‍क और मत्‍स्‍य पालन पर गठित संयुक्‍त कार्य समूह की सचिव स्‍तर की वार्ताओं तथा बैंकिंग और एलसीएस/आईसीपी अवसंरचना पर उप समूहों की नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं। दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के फायदे के लिए त्रिपुरा के (श्रीनगर और कमलासागर) तथा मेघालय के (कलईछार और बालात) में चार सीमा हॉट बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्‍त और ऐसे दस हॉट निर्माणाधीन हैं।

भारत से बांग्‍लादेश को सकल प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश 2014 के 243.91 मिलियन अमरीकी डॉलर से दोगुना होगर दिसम्‍बर 2018 में 570.11 मिलियन डॉलर हो गया। जबकि  भारतीय कम्‍पनियों ने बांग्‍लादेश में दूरसंचार, फार्मा, एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। अप्रैल 2017 में बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान बांग्‍लादेश में भारत की ओर से 10 अरब डॉलर के प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश के 13 समझौते किये गए थे।

मौजूदा समय बांग्‍लादेश भारत का सबसे बड़ा‍ विकास साझेदार है। पिछले आठ वर्षों के दौरान भारत ने बांग्‍लादेश को आठ अरब डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान की है। इसके अतिरिक्‍त भारत सरकार की ओर से बांग्‍लादेश को अवसंरचना परियोजनाओं जैसे अगरतला,-अखौरा रेल सम्‍पर्क, नदियों से गाद निकालने, भारत-बांग्‍लादेश पाइपलाइन और शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, जल, संस्‍कृति, शहरी विकास, आपदा प्रबंधन और सामुदायिक विकास जैसी व्‍यापक प्रभाव रखने वाली विकास योजनाओं के लिए भी आर्थिक मदद दी जा रही है।

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