अपराध

BSP लीडर मर्डर केस में शूटर गिरफ्तार लेकिन क़त्ल की वजह अभी साफ़ नहीं

इलाहाबाद: यूपी की योगी सरकार के शपथ ग्रहण के दिन इलाहाबाद में मौत के घाट उतारे गए बीएसपी नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद शमी के क़त्ल के मामले में इलाहाबाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए तीनों लोग कांट्रेक्ट किलर हैं और इन्होने 62 हजार रूपये की सुपारी लेकर बीएसपी नेता को गोलियों से भूना था.

पूर्व ब्लॉक प्रमुख की हत्या किसने और क्यों कराई थी ?

पुलिस ने तीन शूटरों को गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन वह अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख की हत्या किसने और क्यों कराई थी. पुलिस अभी इस बात का भी पता नहीं लगा सकी है कि इस चर्चित और सनसनीखेज मर्डर केस में नामजद किये गए बीजेपी के ब्लॉक प्रमुख सुधीर मौर्य और जिला पंचायत सदस्य अभिषेक यादव का वारदात से कोई लेना-देना भी है या नहीं.

बहरहाल नामजद किये गए तीनों आरोपी तीन हफ्ते बाद भी गिरफ्तार नहीं किये जा सके हैं. जिन चार शूटरों ने वारदात को अंजाम दिया था, उनमे से एक की हत्या हो चुकी है, जबकि एक अन्य ने पुराने मामले में प्रतापगढ़ की अदालत में सरेंडर कर दिया है.

अपने घर के बाहर गाड़ी पार्क कर रहे थे मोहम्मद शमी

गौरतलब है कि इलाहाबाद में बीएसपी के नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद शमी को 19 मार्च को योगी सरकार के शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया गया था. मोहम्मद शमी पर उस वक्त गोलियां बरसाई गईं जब वह इलाहाबाद के मऊआइमा इलाके में अपने घर के बाहर गाड़ी पार्क कर रहे थे.

शमी की हत्या के बाद खूब हंगामा भी मचा था. शमी के परिवार वालों ने इस मामले में बीजेपी के मौजूदा ब्लॉक प्रमुख सुधीर मौर्य और जिला पंचायत सदस्य अभिषेक यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. दावा यह किया गया था कि शमी की हत्या सियासी रंजिश में कराई गई है.

राजकुमार नाम के शख्स ने दी थी शमी की हत्या की सुपारी

बहरहाल पकडे गए शूटरों ने पुलिस को जानकारी दी है कि उन्हें प्रतापगढ़ ज़िले में रहने वाले राजकुमार नाम के एक शख्स ने शमी की हत्या की सुपारी दी थी. एडवांस के तौर पर इन्हे बासठ हजार रूपये भी दिए गए थे. सुपारी देने वाले राजकुमार की शमी से क्या दुश्मनी थी, फिलहाल पुलिस इसका पता नहीं नहीं लगा सकी है. पुलिस के इस खुलासे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

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