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सीबीटी ने ईपीएस, 1995 में संशोधन की अनुशंसा के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय भविष्‍य निधि संगठन के न्‍यासी बोर्ड ने 21 अगस्‍त, 2019 को हैदराबाद में हुई बैठक में ईपीएस, 1995 में संशोधन की अनुशंसा के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी है। बैठक में 15 वर्षों से राशि प्राप्‍त करने के बाद पेंशनभोगियों के पेंशन की रूपान्‍तरित राशि की पुनर्स्‍थापना का निर्णय लिया गया है। इससे 6.3 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। यह पेंशनभोगियों की लंबे समय से मांग रही है।

 केन्‍द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने सीबीटी को संबोधित करते हुए कहा कि ईपीएफओ 91 प्रतिशत से अधिक दावों का निपटारा ऑनलाइन कर रहा है। श्री गंगवार सीबीटी के चेयरमैन भी हैं। उन्‍होंने मृतक सदस्‍यों के परिजनों के दावों को निपटाने में संगठन के प्रयासों की  सराहना की।

श्री गंगवार ने 22 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की बचत करने के लिए ईपीएफओ की सराहना की। उन्‍होंने 24×7 घंटे कार्यरत ईपीएफओ कॉल सेंटर की प्रशंसा की।

श्रम एवं रोजगार मंत्री ने साल के कुछ महीनों के लिए काम करने वाले व्‍यक्तियों (सीजनल कामगार) के लिए एक शिक्षाप्रद पुस्तिका जारी की। ईपीएस, 1995 में उक्‍त कामगारों के लिए पेंशन की व्‍यवस्‍था है। इसके अनुसार यदि कोई कामगार किसी वर्ष में सेवा योगदान देता है और इसकी अवधि एक वर्ष से कम भी रहती है, ऐसी स्थिति में भी सीजनल कामगार की योग्‍यता सेवा को एक पूर्णरूप के वर्ष में मान्‍यता दी जाएगी। इससे रोजगार प्रदाता/सदस्‍य के मन में किसी प्रकार का संशय नहीं रहेगा।

इस अवसर पर सीबीटी के चेयरमैन ने ईपीएफआईजीएमएस 2.0 वर्जन भी लॉन्‍च किया। इससे शिकायतों के निपटारे में तेजी आएगी। लगभग पांच करोड़ सदस्‍यों तथा लाखों कामगार को लाभ मिलेगा।

निफ्टी 50 और सेंसेक्‍स में निवेश का आबंटन : बोर्ड ने निफ्टी 50 और सेंसेक्‍स ईटीएफ में समान कोष आबंटन (50-50 प्रतिशत के अनुपात में) के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी।

मेसर्स क्रिसिल लिमिटेड के अतिरिक्‍त परामर्शदाता की नियुक्ति : मेसर्स क्रिसिल लिमिटेड के अतिरिक्‍त परामर्श देने वाली एजेंसी/कंसलटेंट की चयन/नियुक्ति के लिए नियोक्‍ता और कर्मचारी की तरफ से सदस्‍यों को नामांकित करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी।

केन्‍द्रीय बोर्ड, ईपीएफ के कोष प्रबंधन के लिए पोर्टफोलियो मैनेजर की नियुक्ति : केन्‍द्रीय बोर्ड ने पोर्टफोलियो मैनेजर की नियुक्ति और एफआईएसी की अनुशंसाओं के अनुसार पोर्टफोलियों मैनेजर की नियुक्ति संबंधी प्रस्‍ताव को मंजूरी दी।

डीएचएफएल बॉण्‍ड में समय पूर्व भुगतान के विकल्‍प का उपयोग : बोर्ड ने एफआईएसी द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर डीएचएफएल बॉण्‍ड के समय पूर्व भुगवान विकल्‍प के उपयोग को मंजूरी दी।

जीएसपीसी के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) को जीएसआईएल को हस्तांतरित करने के लिए सहमति: ईपीएफओ का जीएसपीसी (एनसीडी) में कुल 2300 करोड़ रुपये का निवेश है। बोर्ड ने जीएसपीसी की एनसीडी को जीएसआईएल को हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी, जो गुजरात सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। जीएसआईएल की रेटिंग बेहतर है और इसने गुजरात सरकार के बजटीय समर्थन के साथ जीएसपीसी का कर्ज लेने का प्रस्ताव दिया था।

ईपीएफओ द्वारा गैर-डेरीवेटिव बाजारों में भागीदारी के लिए कानूनी इकाई पहचानकर्ता कोड (एलईआई): भारतीय रिजर्व बैंक ने नवम्‍बर, 2018 में वित्तीय बाजारों में सभी योग्‍य बाजार सहभागियों को एलईआई कोड प्राप्त करने की सलाह दी थी। बोर्ड ने एलईआई कोड प्राप्त करने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों के रूप में ईपीएफओ ​​अधिकारियों के नामांकन को मंजूरी दी।

निजी क्षेत्र की कंपनियों के बॉण्‍डों में निवेश पर रोक : सीबीटी ने निजी क्षेत्र की कंपनियों के बॉण्‍ड में निवेश करने पर रोक लगाने के फैसले को मंजूरी दी। पीएसयू बॉण्‍ड श्रेणी में निवेश के लिए सीआरआईएसआईएल, केआरई, आईसीआरए और इंडिया रेटिंग में से कम से कम दो रेटिंगों पर अनिवार्य रूप से विचार करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी।

बोर्ड ने तमिलनाडु पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की एनसीडी में पुट ऑप्शन के फैसले की पुष्टि की और केरल फाइनेंस कॉर्पोरेशन और तमिलनाडु पॉवर फाइनेंस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर देव क्रॉप लिमिटेड द्वारा जारी बॉन्ड में पुट ऑप्शन को भी मंजूरी दे दी।

ईपीएफ के केंद्रीय बोर्ड के कर्मचारी प्रतिनिधि श्री रघुनाथन ने केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त की अध्यक्षता में वित्त निवेश और लेखा परीक्षा समिति के प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि समिति ने पारदर्शी तरीके से ईपीएफओ कोष के निवेश के लिए नये पोर्टफोलियों मैनेजरों के नामों को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने बोर्ड को सूचित किया कि एसबीआई के फंड मैनेजमेंट इकाई ने एसबीआई पीएमएस में 94 प्रतिशत तथा यूटीआई एएमसी ने 28 प्रतिशत की कमी की है। इससे ईपीएफओ पोर्टफोलियो प्रबंधन शुल्क में भारी बचत होगी।

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