उत्तर प्रदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ पुलिस से बेहद नाराज, ASP, CO सहित 11 पुलिसकर्मी निलंबित, ये है कारण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बिगढ़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस की कार्यप्रणाली से काफी नाराज हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगातार अपराधिक घटनाएं हो रहीं हैं, जिन्हें लेकर सीएम योगी नाराज हैं। इनमें कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन के अपरहण व हत्या तथा गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के मामले प्रमुख हैं। नाराज सीएम ने कानपुर के एएसपी व सीओ सहित 11 पुलिसकर्मी कों निलंबित कर दिया है।

सरकार ने एडीजी पुलिस मुख्यालय बीपी जोगदंड को पुलिस कार्रवाई में लापरवाही, अपराधियों के बच निकलने, अपहरण के मामले में फिरौती की रकम दिए जाने सहित कई बिंदुओं पर जांच का जिम्मा सौंपा है। एडीजी भी कानपुर पहुंच गए हैं और उन्होंने जांच शुरू कर दी है। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में युवक संजीत की अपहरण के बाद हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने कानपुर नगर में तैनात 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन सीओ गोविंदनगर मनोज गुप्ता समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। अपर्णा गुप्ता कानपुर नगर में एएसपी दक्षिण के पद पर तैनात थीं और अपहरण कांड में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठे थे। इन्हीं लापरवाहियों के कारण दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की वारदात के बाद युवक के अपहरण की इस घटना को लेकर विपक्ष लगातार प्रदेश सरकार पर हमला कर रहा है और प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर तीखे सवाल उठा रहा है। इसके बाद सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है।

बता दें कि कानपुर में पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव का अपहरण 22 जून को हुआ था। पुलिस ने इस मामले में बदमाशों को परिवार से फिरौती की रकम भी दिलवाई थी, लेकिन उन्हें दबोच नहीं सकी थी। बाद में बदमाशों ने संजीत की हत्या कर उसका शव नदी में फेंक दिया था। इस पर शासन के निर्देश पर कानपुर के बर्रा थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय, चौकी प्रभारी राजेश कुमार के अलावा उपनिरीक्षक योगेंद्र प्रताप सिंह, आरक्षी अवधेश, दिषु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पाण्डेय, आरक्षी मनीष व शिव प्रताप को निलंबित कर दिया गया है।

इसी तरह पत्रकार की हत्या के बाद गाजियाबाद पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसी ही स्थिति विभिन्न घटना के बाद सीतापुर व कौशांबी सहित अन्य जिलों की पुलिस की है। ऐसें में मुख्यमंत्री ने कई पुलिस अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताई है। माना जा रहा है कि सरकार इन लापरवाह पुलिस अधिकारियों व कर्मियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।

दरअसल योगी आदित्यनाथ हमेशा से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मामले में कोई भी समझौता नहीं करने वाले रहे हैं। शुक्रवार को सीएम आवास पर कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक में पुलिस की कार्यशैली को लेकर उनका पारा चढ़ गया। पुलिस तथा अपराधियों के बीच सांठगांठ के कई मामले सामने आने के बाद सीएम योगी काफी नाराज हैं। माना जा रहा है कि प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल हो सकता है। नईदुनिया

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