उत्तर प्रदेश

सभी 10 सेक्टरों के लिए 10 वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त कर कार्ययोजना के क्रियान्वयन एवं प्रगति की सतत मॉनीटरिंग की जाए

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रदेश में ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। उन्होंने प्रदेश में कोविड-19 से बचाव व उपचार की व्यवस्थाओं को पूरी तरह प्रभावी बनाए रखने के रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिक पॉजिटिविटी दर वाले जिलों में सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में टीम 9 की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति संतोषजनक है किन्तु 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण और 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने में तेजी लाने की आवश्यकता है। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी नागरिक टीकाकवर से वंचित न रहे। बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केन्द्रों के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए। हमें पूरी सावधानी और सतर्कता बरतनी होगी।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 129 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 202 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 1024 है। बुन्देलखण्ड में भी नए केस मिल रहे हैं। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 70 हजार 078 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 11 करोड़ 30 लाख 12 हजार 737 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।
बैठक में यह जानकारी भी दी गयी कि राज्य में गत दिवस तक 32 करोड़ 09 लाख 88 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 13 करोड़ 36 लाख 12 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। इस प्रकार 90.63 प्रतिशत लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 15 करोड़ 31 लाख 01 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है।
विगत दिवस तक 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में 96.30 प्रतिशत किशोर कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज तथा 72.01 प्रतिशत किशोर टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर चुके हैं। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 64 लाख 16 हजार से अधिक बच्चों ने टीके की पहली खुराक तथा 13 लाख 08 हजार से अधिक बच्चों ने टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर ली है। 29 लाख 62 हजार से अधिक प्रिकॉशन डोज प्रदान की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पावन ‘बड़ा मंगल’ के दृष्टिगत स्वच्छता, पेयजल आदि की आवश्यक व्यवस्था करायी जाए। लोगों की धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि धार्मिक आयोजनों से सड़क यातायात बाधित न हो। धार्मिक कार्य निर्धारित स्थलों पर ही किये जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार की भावी कार्ययोजना के सम्बन्ध में विगत दिनों मंत्रिमण्डल के समक्ष सेक्टर वार 10 प्रस्तुतिकरण किये गये। इन सभी 10 सेक्टरों के लिए 10 वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए कार्ययोजना के क्रियान्वयन एवं प्रगति की सतत मॉनीटरिंग की जाए। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही अन्तिम चरण में है। इसे माह जून के अन्त तक पूर्ण करा लिया जाए। बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही में तेजी लायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों में उत्तर प्रदेश के सभी 08 जनपदों ने विकास के विविध मानकों पर सराहनीय कार्य किया है। नीति आयोग ने विभिन्न जनपदों के प्रयासों को सराहा है। प्रदेश के सभी आकांक्षात्मक जनपदों की अद्यतन विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसी प्रकार 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों के विकास कार्याें में तेजी लायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क सुरक्षा के व्यापक महत्व को देखते हुए पुलिस, यातायात, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, परिवहन, नगर विकास, लोक निर्माण विभाग आदि सम्बन्धित विभागों के परस्पर समन्वय के साथ जागरूकता अभियान की कार्ययोजना तैयार की जाए। आगामी 18 मई को इस कार्ययोजना के साथ प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधिगण और अधिकारियों के साथ संवाद किया जाएगा, जिसके उपरान्त सड़क सुरक्षा अभियान आरम्भ होगा।
परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को यातायात के नियमों के अनुपालन के लिए विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। ट्रैफिक नियमों के अनुपालन का संस्कार बच्चों को शुरुआत से ही दिया जाना चाहिए। यातायात नियमों के सम्बन्ध में प्रधानाचार्य/प्राचार्य/विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कराया जाए। स्कूली बच्चों द्वारा जागरूकता विषयक ‘प्रभात फेरी’ निकाली जानी चाहिए। जागरूकता हेतु अभिभावकों के साथ विद्यालयों में बैठकें की जाएं। लोगों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए पालन करने के लिए जागरूक किया जाए।

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