उत्तर प्रदेश

बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त श्री संजय गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 16 टीमें तैनाती की गयी है। 2,728 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि नदियों के जलस्तर के सतत् निगरानी रखी जाये तथा आसपास के गांवों में पानी भरने के पूर्व ही मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों तथा बाढ़ शरणालयों में ले जाया जाये। बाढ़ शरणालयों में कोविड-19 के दृष्टिगत समुचित सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन किया जाये तथा भोजन आदि की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। प्रदेश के समस्त बांधों पर निगरानी रखी जाये तथा आवश्यक रिपेयर समाग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये ताकि किसी भी प्रकार की क्षति होने से पूर्व ही उसे रोका जा सके।
श्री गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 12,496 खाद्यान्न किट व 86,209 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है, 223 मेडिकल टीम भी लगायी गयी है।
श्री गोयल ने बताया कि जनपद बलिया में सरयू (घाघरा) नदी के दायें तट पर स्थित बकुलहा संसार टोला तटबंध के किमी0 4.125 के मध्य निर्मित टी-स्पर के नोज भाग के अपरस्ट्रीम में स्लोप क्षतिग्रस्त होना सूचित हुआ है। कटान को रोकने हेतु तुरंत सीमेंट की खाली बारी में बिक्र रोड़ाभर कर गैवियान रोप में डालकर फ्लट फाईटिंग का कार्य कराया जा रहा है। कटान स्थल पर जी0आई0 वायर क्रेट में बोल्डर डाल कर कटर निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। तटबंध की सतत् निगरानी की जा रही है। वर्तमान में तटबंध सुरक्षित हैं।
श्री गोयल ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 160 बाढ़ शरणालय और 03 जनपदांे में 36 शरणालयों मंे 3,984 व्यक्ति रह रहे है तथा 657 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपदों के 536 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर, सरयू (घाघरा) नदी-एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 139 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 5,12,591 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि पशु के चारे हेतु कुल 415 कंुतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।

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