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सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक नेजोशीमठ का दौरा कर हिमनदीय झील में हुए प्रकोप (जीएलओएफ) के कारण होने वालेनुकसान का जायज़ा लिया

सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी नेआज चमोली जिले में दिनांक 7 फरवरी को हिमनदीय झील में हुए प्रकोप (जीएलओएफ)के बाद हुई क्षति के बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा चलाए जा रहे बचाव, राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायज़ा लेने के लिए जोशीमठ क्षेत्र का दौराकिया, हिमनदीय झील में हुए इस प्रकोप के बाद हिमस्खलन एवं भीषण बाढ़ आईजिससे हाइड्रोइलेक्ट्रिक स्टेशन्स बह गए तथा अनेक मज़दूर फंस गए । ऋषिगंगानदी में हुए जीएलओएफ से रैनी गांव के पास जोशीमठ-मलारी रोड पर सीमा सड़कसंगठन (बीआरओ) का 90 मीटर आरसीसी पुल भी बह गया । यह पुल नीति सीमा तकपहुंचने का एकमात्र लिंक था।

डीजी बॉर्डर रोड्स ने कहा कि “बीआरओ अपने आदर्श वाक्य “श्रमेमसर्वम साध्यम” पर खरा उतरते हुए 100 से अधिक वाहनों/उपकरणों और संयंत्रोंको शामिल कर बचाव और पुनर्वास कार्य के लिए शीघ्र कार्रवाई की जिसमेंहाइड्रोलिक उत्खनन, डोजर, जेसीबी, व्हील लोडर इत्यादि जैसे लगभग 15 भारीअर्थमूविंग उपकरण शामिल हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भारतीय वायु सेनाकी सहायता से महत्वपूर्ण उपकरणों को भी अपने अभियान में शामिल किया है ।प्रोजेक्ट शिवालिक के तहत 21 बीआरटीएफ की लगभग 20 टीमों को बचाव औरपुनर्वास उद्देश्यों के लिए तैनात किया गया है। प्रारंभिक निरीक्षण के बादसीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सभी आवश्यक मोर्चों पर कनेक्टिविटी को फिर सेस्थापित करने के लिए काम शुरू किया है। सुदूर किनारे पर खड़ी चट्टानों औरदूसरी तरफ 25-30 मीटर ऊंचे मलबे/ कीचड़ के कारण यह स्थल बहुत चुनौतीपूर्णथा, हालांकि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने इन चुनौतियों को दूर कर लिया है औरसुदूर किनारों पर आधार निर्मित करने के लिए संरचना बनाने का निर्माण पूराहो गया है और निकटवर्ती किनारे पर काम युद्ध स्तर पर चल रहा है, बेली पुलघटकों को विभिन्न स्थानों से मंगाया जा रहा है ।

सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक ने टीम शिवालिक द्वारा की जा रहीकड़ी मेहनत और ईमानदारी से किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा किबीआरओ चरम मौसम की स्थिति में चौबीसों घंटे काम कर रहा है ताकि 200 फीट काबेली पुल शुरू करके जल्द से जल्द कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित किया जासके । उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का प्राथमिककार्य यह सुनिश्चित करना है कि संचार की लाइनें हों, लेकिन बीआरओ लापतालोगों का पता लगाने के लिए खोज और बचाव अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिकानिभा रहा है । इस दिशा में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने चार भारी भरकम मशीनेंतैनात की हैं और रेनी पावर हाउस स्थान से अब तक कुछ शवों को बरामद करनेमें सफल रहे हैं । सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) राज्य सरकार के साथ मिलकर कामकर रहा है । उन्होंने अपने कार्य को पूरा करने में सीमा सड़क संगठन कोसहायता और सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद भी दिया।

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