उत्तर प्रदेश

दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ प्रदेश सरकार ने अनुदान राशि में बढोत्तरी करते हुए दी अनेकोें सुविधायें

लखनऊः दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन से सम्बन्धित शैक्षिक, भौतिक आर्थिक पुनर्वास के साथ-साथ स्वास्थ्य, रोजगार, बाधारहित वातावरण, आवागमन हेतु सुविधायें सामाजिक सुरक्षा निःशक्तता प्रमाणपत्र आदि पर विशेष रूप से उनकी सुविधाओं का प्राविधान प्रदेश सरकार ने किया है। मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने विकलांगजन विकास विभाग का नाम परिवर्तित कर ‘‘दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग‘‘ कर दिया है।

दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ प्रदेश सरकार ने अनेक योजनायें, कार्यक्रम संचालित करते हुए उनके विकास पर विशेष बल दिया है। संचालित विभिन्न योजनाओं की धनराशि में भी बढोत्तरी करते हुए उन्हें स्वावलम्बी बनाने के कार्य किये जा रहे हैं। किसी भी दिव्यांगजन या आम नागरिक को शासन द्वारा संचालित कार्यक्रमों, योजनाओं आदि की जानकारी प्राप्त करना हो तो वह हेल्पलाइन नम्बर 1800-180-1995 पर टेलीफोन कर जानकारी प्राप्त कर सकता है। इस टोल‘-फ्री हेल्पलाइन पर प्रतिमाह 400 से अधिक दिव्यांगजन फोन कर सरकार की योजनाओं आदि की जानकारी  प्राप्त करतें हैं।

दिव्यांगजनों के परिवार के सदस्य उन्हें बोझ न समझे, उनके भरण पोषण की समस्या न आये इसलिए सरकार उन्हें पेंशन देती है। पूर्व मंें दिव्यांगजनों को 300 रूपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी, किन्तु वर्तमान सरकार ने 06 जून 2017 से आदेश जारी कर दिव्यांगजन पेंशन में बढोत्तरी करते हुए 500 रूपये प्रतिमाह कर दिया है। जिन पात्र दिव्यांगों को पेंशन अज्ञानता या किन्हीं कारणों से नहीं मिल पा रही थी, प्रदेश सरकार ने सर्वे कराकर उन्हें भी सम्मलित किया। जिससे वर्ष 2017 से अब तक 1,01552 नये पात्र दिव्यांगजनों सहित कुल 9,84,709 दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 500 रूपये पेंशन देते हुए उन्हें लाभान्वित किया जा रहा  है।

कुष्ठरोग को अक्सर कुछ लोग बुरा मानते हैं और कुष्ठरोगी को समाज में कुछ लोग बड़ी अवहेलना की दृष्टि से देखते हैं। प्रदेश सरकार ने कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग हुए ऐसे सभी दिव्यांगजनों, जो उ0प्र0 के मूल निवासी हैं और जिनकी आय गरीबी रेखा (ग्रामीण क्षेत्र मंे 46080 तथा शहरी क्षेत्र में 56460रू0 प्रतिवर्ष प्रति परिवार) के नीचे हैं एवं सरकार की किसी भी अन्य योजना का लाभ नहीं ले रहा है तो सी0एम0 ओ0 द्वारा जारी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर उन्हें 2500 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रदेश सरकार अनुदान/पेंशन दे रही है। कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत मार्च 2017 से अब तक पाये गये 8407 दिव्यांगजनों को 2500 रू0 की दर से प्रतिमाह अनुदान/पेंशन देते हुए प्रदेश सरकार लाभान्वित कर रही है।

दिव्यांगों को चलने, फिरने, सुनने, लिखने, पढ़ने आदि के लिए कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण की आवश्यकता होती है। सर्जरी, शल्य-चिकित्सा और कृत्रिम अंग सहायक उपकरणों के प्रयोग से वे बिना किसी सहारे के अपना दैनिक कार्य कर लेते हैं। मा0 मुख्यमंत्री जी ने शल्य चिकित्सा सर्जरी कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण में भी पूर्व की अनुदान राशि 8000 से बढाकर 10,000 कर दिया है। प्रदेश में 40 प्रतिशत से अधिक की आवश्यकतानुसार शल्य चिकित्सा निःशुल्क कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण दिये जाते हैं। उपकरण वितरण प्रतिवर्ष अलग-अलग लाभार्थियों को किया जाता है। वर्ष 2018-2019 में प्रदेश में 63477 दिव्यांगजन इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।

दिव्यांगजनों के शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत सरकार द्वारा विवाह करने पर प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाता है। यदि दम्पत्ति  में दोनों दिव्यांग है तो उन्हें देय पुरस्कार की धनराशि जो पूर्व में 20 हजार रू0 थी उसकी वृद्धि करते हुए प्रदेश के मा.0 मुख्यमंत्री जी ने 35 हजार रू0 शासनादेश दिनांक 08 जून 2017 के द्वारा कर दिया है। उसी तरह दुकान निर्माण/संचालन योजनान्तर्गत दिव्यांगों के पुनर्वास हेतु दुकान निर्माण के लिए  20 हजार अथवा दुकान संचालन हेतु 10 हजार रू0 देने की व्यवस्था है। जिसमें 05 हजार रू0 व 2500 रू0 का अनुदान दिया जाता है। इसमें गरीबी रेखा के नीचे के दिव्यांगों को आर्थिक सहायता दी जाती है। 15 हजार/7500 रू0 पर 04 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ऋण के रूप में दिया जाता हैं वर्ष 2018-19 में 1045 दिव्यांगजन इस योजना का लाभ प्राप्त करते हुए स्वावलम्बी बने हैं।

दिव्यांगों को उ0प्र0 राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क बस यात्रा करने के लिए वर्तमान सरकार ने उ0प्र0 की बसों में उनके अन्तिम  गन्तव्य स्थल तक (चाहे उनकी यात्रा राज्य की सीमा से बाहर ही क्यों न हो) जाने के लिए निःशुल्क कर दिया है।

वर्तमान सरकार ने दिव्यांगजनों के कार्यों में सहायता आदि के लिए आॅनलाइन आवेदन करने के लिए सुविधा  प्रदान की हैं। हार्ड काॅपी को जिला कार्यालय में जमा करनें की छूट देने के साथ ही सत्यापन प्रक्रिया से उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी को हटाते हुए यह जिम्मेदारी  जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय को दे दी है। इस नई व्यवस्था से अब उनके कार्यों में शीघ्रता आ रही है। वर्तमान सरकार  दिव्यांगजनों के चतुर्दिश विकास एवं कल्याण के लिए कृतसंकल्पित होकर  कार्य कर रही है।  प्रदेश सरकार की इन योजनाओं  से वे लाभान्वित हो रहे हैं।

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