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डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 के बारे में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए तत्काल समाधान उपलब्ध कराने पर जोर दिया

नई दिल्ली: कोविड -19 पर मंत्री समूह की 12 वीं बैठक आज, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई।  बैठक में  नागरिक उड्डयन मंत्री, श्री हरदीप एस पुरी, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर,  गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, रासायनिक और उर्वरक तथा जहाजरानी राज्य मंत्री  श्री मनसुख मंडाविया,  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद के पॉल तथा रक्षा प्रमुख बिपिन रावत उपस्थित थे।

बैठक में कोविड-19 के फैलाव को नियंत्रित करने पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। मंत्री समूह ने इस दिशा में अबतक किए गए प्रयासों तथा उनकी वर्तमान स्थिति के साथ ही बीमारी की रोकथाम के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों की ओर से बनाई गई रणनीति पर भी चर्चा की। मंत्री समूह ने इस दिशा में अबतक किए गए प्रयासों तथा बीमारी की रोकथाम के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने की वर्तमान स्थिति के साथ ही केन्द्र और राज्य सरकारों की ओर से बीमारी के फैलाव को रोकने के उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की।

मंत्री समूह को सूचित किया गया कि सभी जिलों को कोविड -19 का मुकाबला करने के लिए अपनी आकस्मिक योजना तैयार करने और उसे मजबूत करने के लिए कहा गया है। राज्यों द्वारा कोविड-19 के लिए विशेष रूप से बनाए जाने वाले अस्पतालों, तथा  चिकित्सा संस्थानों को पीपीई, वेंटिलेटर तथा ऐसे ही अन्य चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए अपने संसाधनों का पूरा इस्तेमालकिए जाने के बारे में भी बैठक में चर्चा की गई।

मंत्री समूह को यह जानकारी भी दी गई देश में कोविड-19 संक्रमण से अब मृत्यु दर लगभग तीन प्रतिशत है, जबकि ठीक होने की दर लगभग 12 प्रतिशत है जो कि अधिकाशं देशों की तुलना में काफी बेहतर है। इसे  क्लस्टर प्रबंधन के साथ देश में लॉकडाउन के सकारात्मक प्रभाव के रूप में लिया जा सकता है। मंत्री समूह ने बैठक में देशभर में जांच किट की उपलबधता के साथ ही जांच की रणनीति और क्लस्टरों तथा हॉटस्पाट के प्रबंधन की भी समीक्षा की।उसे बताया गया  कि देशभर में 170 जिलों को हॉटस्पाट क्षेत्र के रूप में इंगित किया गया है और इन्हें रेड जोन में रखा गया है।इनमें से 123 जिले कोविड के ज्यादा प्रकोप वाले हैं जबकि 47 जिलों में यह क्लस्टरों में पाया गया है। यह जानकारी भी दी गई कि देशभर में क्लस्टरों वाले 207 ऐसे जिले हैं जिनमें एक भी हॉटस्पाट नहीं है। इसके साथ ही 353 ऐसे जिले हैं जिन्हें ग्रीन-ज़ोन में रखा गया है क्योंकि उनमें कोई संक्रमण नहीं पाया गया है। क्लस्टर के साथ 207 गैर-हॉटस्पॉट जिले हैं और 353 जिले हैं जिन्हें ग्रीन-ज़ोन में रखा गया है क्योंकि वे गैर-संक्रमित हैं। यदि पिछले 14 दिनों में संक्रमण का कोई मामला नहीं  पाया जाएगा तो रेड जोन वाले जिलों को नारंगी जोन वाले जिलों के अंतर्गत रख दिया जाएगा और इसके आगे अगले 14 दिनों तक यदि इनमें संक्रमण को कोई मामला नहीं आता तो इन्हें ग्रीन जोन की श्रेणी में ले आया जाएगा।

मंत्री समूह को आवश्यकता के अनुरूप पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, दवाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्तता और उपलब्धता के बारे में अवगत कराया गया।उसे सूचित किया गया कि पीपीई के उत्पादन के लिए घरेलू विनिर्माण कंपनियों की पहचान की गई है और उन्हें आर्डर दे दिए गए हैं।  इसके अलावा वेटिलेटर बनाने के आर्डर भी दिए गए हैं।मंत्री समूहकोवर्तमान में कोविड-19 की जांच सुविधा वाली निजी प्रयोगशालाओं की संख्या के बारे में जानकारी दी गई , साथ ही प्रयोगशालाओं के इस नेटवर्क के माध्यम से हर दिन किए जाने वाले परीक्षणों की संख्या के बारे में भी अवगत कराया गया।

बैठक में विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने कोविड के निदान के लिए , दवाएं और टीका विकसित करने के बारे में  मंत्री समूह के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी और यह भी बताया कि आईसीएमआर और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ कोविड  का समाधान खोजने के लिए वे किस तरह से  मिलकर काम कर रहे हैं।

डा. हर्षवर्धन ने  हाल ही में  सीएसआईआर के प्रबंध निदेशक  डॉ शेखर सी मांडे और  सीएसआईआर से जुड़ी 38 प्रयोगशलाओं के साथ वीडियो ​ कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की थी।इसमें देश में कोविड-19 के प्रकोप के प्रबंधन के लिए तकनीकी समाधान विकसित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की गई। सीएसआईआर ने सुझाव दिया कि कोविड से निबटने के लिए  समाधानों की समय पर उपलब्धता प्रमुख है।

डॉ. हर्षवर्धन ने निर्देश दिया कि पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों के निर्माण में गुणवत्ता और मानकों का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पीपीई, मास्क और वेंटिलेटर का निर्माण करते समय गुणवत्ता मानकों / प्रोटोकॉल की किसी भी तरह की अनदेखी  के मामले में निर्माताओं के लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार के मास्क किसे तथा किन लोगों को पीपीई का उपयोग करना चाहिए, इसके लिए विस्तृत दिशानिर्देश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए हैं, और इस बारे में जागरूकता आईईसी अभियानों के माध्यम से भी बनाई जा रही है। उन्होंने कोविड-19 से निबटने के लिए सामाजिक दूरी को सबसे प्रभावी टीका बताया और सभी से व्यक्तिगत स्वच्छता और श्वसन प्रोटोकॉल  का पालन करने की अपील की।

बैठक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन के अलावा कपड़ा नागरिक उड्डयन, फार्मास्यूटिकल्स जैव-प्रौद्योगिकी,  विज्ञान और प्रौद्योगिकी  के सचिवों के अलावा सीएसआईआर के महानिदेशक रमन आर गंगाखेड़कर और कई मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित थे।

कोविड-19 के बारे में किसी तरह की जानकारी प्राप्त करने के लिए , स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की हेल्पलाइन नं : + 91-11-23978046 या 1075 (टोल-फ्री) नंबर पर संपर्क करें। कोविड के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए  राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर भी उपलब्ध है।

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