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डॉ. हर्षवर्धन ने रोगाणु जनित बीमारियों से लड़ने के लिए रोकथाम के महत्व और जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया

नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोगाणु जनित बीमारियों से लड़ने के लिए रोकथाम के महत्व और जन-जागरूकता अभियान के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया। डॉ. हर्ष वर्धन ने इन बीमारियों के खिलाफ तीन दिवसीय जन-जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। हौज खास के निवासियों से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण की प्रतिबद्धता को दोहराया। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए है, लेकिन हमारा विशेष ध्यान रोगाणु को नियंत्रित करने पर होना चाहिए। हमें ऐसे वातावरण का निर्माण करना चाहिए, जहां मच्छर न पनपे। इन बीमारियों के रोगाणु स्थिर पानी में पैदा होते है इसलिए हमें बर्तनों, डब्बों, टायरों, कूलरों, बिना ढक्कन वाली पानी की टंकियों आदि में जल जमाव नहीं होने देना चाहिए।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सामुदायिक प्रयासों से इन बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। हमें अपने घर के आस-पास स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। सामान्य प्रयासों से ऐसा किया जा सकता है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह पहला अवसर है जब केन्द्र व राज्य सरकारें तथा स्थानीय निकाय जन-स्वास्थ्य के लिए एकजुट होकर सामुदायिक भागीदारी के लिए प्रयास कर रहे है।

डॉ. हर्षवर्धन ने निगम प्रतिभा विद्यालय, गुलमोहर पार्क के बच्चों से बातचीत करते हुए कहा कि बच्चे स्वास्थ्य के सच्चे दूत है। उन्होंने पोलियो अभियान का उदाहरण देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम तभी सफल हुआ है जब बच्चों ने एक-एक घर में संदेश पहुंचाएं है। जब बच्चें स्वास्थ्य के अच्छे आदत सीखते है तो यह सूचना परिवार के अन्य सदस्यों तक भी पहुंचती है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने भी इस अभियान में भाग लिया और सरोजनी नगर, विनय मार्ग एवं चाणक्यपुरी टीमों का नेतृत्व किया। यह टीमें रोगाणु जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से गठित की गई थी।

वार्ड के आधार पर कुल 286 टीमों ने इस जागरूकता अभियान में हिस्सा लिया। प्रत्येक टीम में 20-25 सदस्य थे। यह सदस्य नगर निगम, केन्द्र सरकार तथा दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि के रूप में टीम में शामिल हुए थे। उत्तर रेलवे और दिल्ली छावनी बोर्ड के सदस्यों ने भी अभियान में हिस्सा लिया।

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