उत्तर प्रदेश

किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ अन्य लाभकारी फसलों के उत्पादन हेतु प्रेरित करें

लखनऊः श्री सतीश महाना ने कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है। किसान देश की आत्मा हैं। देश की लगभग आधी आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है। केन्द्र सरकार न किसानों को महामारी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए कई कदम उठाये। किसानों के खातों में सहायता राशि भेजी गई। किसान सम्मान निधि एवं आत्मनिर्भर कार्यक्रम शुरू किये।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने जिस तरह से यूपी में कोविड-19 मामलों को नियंत्रित किया है वह उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उद्योग क्षेत्र बेहद प्रभावित हुआ और पूरी तरह से बंद हो गया था। उन्होंने कहा कि शुरू में उन्होंने उद्योग के अस्तित्व पर ध्यान केंद्रित किया और बाद में इन उद्योगों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित किया। वर्तमान में 90 फीसदी से अधिक उद्योग चालू हो चुके हैं। उन्होंने अन्य राज्यों से यूपी में आने वाले प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने संबंधी यूपी सरकार की रणनीति के बारे में भी बताया।
श्री महाना आज अपने कार्यालय कक्ष में एमिटी फूड एण्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन द्वारा आयोजित वेबिनार में स्टूडेंट्स एवं फैकेल्टी मेम्बर्स को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूपी के कई निर्माता अब कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता की पीपीई किट का उत्पादन कर रहे हैं। पहले यह चीन व अन्य देशों से आयातित होती रही है। उन्होंने उद्योग-अकादमी-सरकारी संघ को एक आम मंच पर लाने का भी प्रस्ताव रखा और इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय को आमंत्रित किया।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कृषि क्षेत्र के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस वर्ष जीडीपी की वृद्धि प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से आग्रह किया कि वे यूपी के किसानों को विशेष रूप से पूर्वी यूपी के पिछड़े जिलों के किसानों को पारंपरिक खेती के साथ -साथ अन्य लाभकारी फसलों के उत्पादन हेतु प्रेरित करें। उन्होंने एमिटी विश्वविद्यालय से कृषि के एमपी मॉडल का विस्तार से अध्ययन करने और इसे यूपी में लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन प्रदान करने के बारे में भी बात कही।
कार्यक्रम में फाउंडर प्रेसिडेंट एमिटी श्री अशोक चैहान, वाइस चांसलर डा0 बलविंदर शुक्ला, एमिटी फूड एण्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन, लखनऊ की डायरेक्टर डा0 शालिनी सिंह विसेन सहित 500 से अधिक स्टूडंेट्स एवं फैकल्टी मेम्बर्स ने हिस्सा लिया।

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