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वित्त मंत्री ने आईबीए और प्रायोजक बैंकों को आरआरबी में तकनीकी प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाने की सलाह दी

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, आरआरबी में परिचालन और शासन सुधारों एवं पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के प्रदर्शन की समीक्षा की गई।

वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने प्रायोजक बैंकों के प्रमुखों और आरआरबी के अध्यक्षों के साथ आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा की। वित्त मंत्री ने वित्तीय समावेशन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ऋण जरूरतों को पूरा करने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। वित्त मंत्री ने प्रायोजक बैंकों से आरआरबी को और मजबूत करने और महामारी के बाद आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए समयबद्ध तरीके से एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया। श्रीमती सीतारमण ने आईबीए और प्रायोजक बैंकों को आगामी समय में आरआरबी में तकनीकी प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाने की सलाह दी।

वित्त मंत्री ने आरआरबी की एक कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि वे एक दूसरे के साथ सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा कर सकें।

श्रीमती सीतारमण ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जुलाई के अंत तक ऑन एकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम ऑनबोर्ड करने का निर्देश दिया।

दूसरे सत्र में, श्रीमती सीतारमण ने बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र को केसीसी जारी करने की प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला भी इस सत्र में शामिल हुए। दोनों सत्रों के दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किसानराव कराड भी मौजूद रहे।

अधिक से अधिक किसानों को केसीसी ऋण का लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से, 2 लाख करोड़ रुपए के ऋण प्रोत्साहन के साथ केसीसी के तहत 2.5 करोड़ किसानों को आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत कवर करने के लिए एक विशेष केसीसी संतृप्ति अभियान का शुभारंभ किया गया था। उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई, 2022 तक 3.26 करोड़ किसानों (19.56 लाख पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन किसानों सहित) को केसीसी योजना के तहत कवर किया गया है, जिसकी स्वीकृत ऋण सीमा 3.70 लाख करोड़ रुपए है।

अर्थव्यवस्था में पशुपालन और मत्स्य पालन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री ने बैंकों को लंबित केसीसी आवेदनों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। एफएम ने बैंकों को केसीसी के साथ पशु पालन और मछली पकड़ने में लगे सभी लोगों को लाभान्वित करने के लिए शिविर आयोजित करने का भी निर्देश दिया।

श्री रूपाला ने पशुपालन और मत्स्य पालन किसान को केसीसी प्रदान करने में बैंकों के प्रयासों की सराहना की और उनसे केसीसी योजना के तहत ऋण स्वीकृत करते समय छोटे मछुआरों और पशुपालन में शामिल लोगों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखने का आग्रह किया।

श्रीमती सीतारमण ने अधिकारियों को सभी हितधारकों के साथ केसीसी योजना के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश दिया ताकि योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों की अधिकतम संख्या तक पहुंच सके।

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