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वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एशियाई विकास बैंक की वार्षिक बैठक 2021 के एक भाग के रूप में आयोजित गवर्नर संगोष्ठी में भाग लिया

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामले मंत्री तथा एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की भारत की गवर्नर श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां “लचीले भविष्य के लिए सहयोग” विषय पर गवर्नरों की संगोष्ठी में भाग लिया जिसका आयोजन एशियाई विकास बैंक की वार्षिक बैठक 2021 के हिस्से के रूप में किया गया था। संगोष्ठी में भाग लेने वाले अन्य देश जापान, जॉर्जिया, चीन, फिलीपींस एवं नीदरलैंड्स थे। इस आभासी संगोष्ठी में एशियाई विकास बैंक के 68 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

श्रीमती सीतारमण ने कोविड 19 महामारी से लड़ने वाले भारत के अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी सराहना और आभार व्यक्त किया। मौजूदा महामारी द्वारा उत्पन्न संकट से पुख़्ता एवं स्थायी रिकवरी की व्यवहार्यता पर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सार्क कोविड-19 आपातकालीन कोष की स्थापना, तथा एक्सेस टू कोविड 19 टूल एक्सीलरेटर (एसीटी-ए) एवं कोवैक्स जैसी वैश्विक शुरुआतों में अगुआ रहकर भारत इस दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में भारत का नेतृत्व और पेरिस समझौते के लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता इस बात का उदाहरण बन गई है कि किस प्रकार साझेदारी के माध्यम से सकारात्मक वैश्विक वैश्विक जलवायु कार्रवाई उन्नत बनाया जा सकता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग में वृद्धि एक लचीली रिकवरी की हमारी साझा खोज में सफलता की कुंजी है। कोविड 19 से लड़ने के लिए सभी उपायों के बारे में जानकारी – नैदानिक, चिकित्सीय, टीके या प्रौद्योगिकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा की जानी चाहिए। श्रीमती सीतारमण ने भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कच्चे माल तक भारत की पहुंच को सक्षम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

श्रीमती सीतारमण ने लचीला विकास हासिल करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी करने के लिए निजी क्षेत्र और नागरिक समाज की आवश्यकता पर भी बातचीत की। वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि कैसे भारतीय वैक्सीन डेवलपर्स ने सरकार को उचित मूल्य पर सहयोग किया है और टीके प्रदान किए हैं। निजी कंपनियां भी अपने कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्वों के तहत योगदान दे रही हैं। एमएसएमई के विकास को पुनर्जीवित करने और उसका साथ देने के उद्देश्य से भारत सरकार की नीतियों से भी लचीले विकास की दिशा में काफी मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि लचीले एवं स्थायी विकास के लिए सहयोग हेतु बहुआयामी संस्थानों की भागीदारी की आवश्यकता होती है ताकि मानव विकास को प्राथमिकता में रखते हुए डिजिटल एवं आपदा के दृष्टिकोण से कारगर परिसंपत्तियों का निर्माण हो पाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि क्षेत्रीय एवं वैश्विक सहयोग में बढ़ोतरी दिशा में हो रहे सभी प्रयासों को मज़बूत बनाने के लिए भारत तैयार एवं प्रतिबद्ध है।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कोविड एवं ग़ैर कोविड संबंधी परियोजनाओं के लिए समयबद्ध वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एशियाई विकास बैंक की प्रशंसा की। वित्त मंत्री ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में स्वास्थ्य क्षेत्र में लचीलापन लाने पर अधिक ध्यान होना चाहिए एवं एशियाई विकासबैंक को इस विषय की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए विस्तृत योजना लेकर सामने आना चाहिए।

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