उत्तर प्रदेश

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तकनीक व प्रशिक्षण पर फोकस किया जाए: सीएम

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भारत सरकार द्वारा घोषित नए आर्थिक पैकेज के सन्दर्भ में खाद्य प्रसंस्करण से सम्बन्धित प्राविधानों का अधिकतम लाभ प्राप्त किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में शीघ्र ही ठोस एवं व्यावहारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए, जिसे भारत सरकार को प्रेषित किया जा सके। उन्होंने राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की व्यापक सम्भावनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों की उपज का लाभकारी उपयोग इन उद्योगों के माध्यम से किया जा सकता है। इससे उनकी आय बढ़ेगी और उपज का शत-प्रतिशत इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर भारत सरकार द्वारा घोषित नए आर्थिक पैकेज के सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में बैठक की। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियों के क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने सम्बन्धित नीतियों का समावेश करें। उन्होंने एम0एस0एम0ई0 विभाग को भी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के साथ समन्वय करते हुए कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना के संचालन और अनुभव का लाभ खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के सन्दर्भ में क्रियान्वित किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहे एक्सप्रेसवेज़ के दोनों ओर फूड पार्क की स्थापना किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के आर्थिक पैकेज के सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाए। इससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में संचालित ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ (सी0एम0-ए0पी0एस0) के तहत युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए लाभान्वित किया जा सकता है। योजना के तहत प्रत्येक चयनित प्रशिक्षु हेतु उद्योगों एवं अधिष्ठानों को कुल 2,500 रुपए प्रतिमाह की धनराशि की प्रतिपूर्ति मिलेगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पैदावार के लिए पहचाने जाने वाले क्षेत्र विशेष में उस उपज से सम्बन्धित खाद्य प्रसंस्करण की इकाइयां स्थापित की जाएं। इन्हें जनपद स्तर या क्लाइमेटिक जोन के आधार पर विभाजित करते हुए कार्य किया जा सकता है। उन्होंने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना की तर्ज पर यह कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तकनीक व प्रशिक्षण पर फोकस किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों व इकाइयों के लिए क्लस्टर आधारित रणनीति अपनायी जाए। फूड और एग्रो पार्क की स्थापना को बढ़ावा मिले। निर्यात प्रोत्साहन और कौशल विकास के इंसेन्टिव्स दिए जाने की सम्भावनाओं पर विचार किया जाए। फल, सब्जियों, फूल, मसाले, औषधीय व एरोमैटिक पौधे, शहद के अलावा, दुग्ध एवं दुग्ध आधारित उत्पाद, कृषि उत्पादों, मत्स्य, पोल्ट्री, गुड़ आदि को खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना में प्रोत्साहित किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विकसित हो रही अवस्थापना सुविधाओं का लाभ खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को दिया जाए। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों की ब्राण्डिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश, देश और इससे बाहर के बाजार में यहां के खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों की मांग है। इनकी मार्केटिंग करते हुए उत्पादों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अचार, पापड़, भुजिया, पेठा, चिप्स, नमकीन, साॅस, जैम, जेली, काॅर्नफ्लेक्स आदि से सम्बन्धित इकाइयों की अधिकतम स्थापना और उन्हें बढ़ावा देने की कार्यवाही की जाए। इससे व्यापक पैमाने पर महिलाओं, युवाओं सहित अन्य लोगों को रोजगार मिलेगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बाबू लाल मीणा ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि प्रदेश में संगठित क्षेत्र में 62,325 इकाइयां रजिस्टर्ड हैं। असंगठित क्षेत्र में 3.5 लाख माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स हैं। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार इससे सम्बन्धित प्रस्ताव शीघ्र ही प्रस्तुत किया जाएगा।

बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, मुख्य सचिव श्री आर0के तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास श्रीमती एस0 राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button