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उपराष्ट्रपति द्वारा झारखंड सरकार की मुख्य मंत्री कृषि आर्शीवाद योजना का शुभारंभ

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि “भारत सरकार द्वारा किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का संकल्प लिया गया है। इसी क्रम में सरकार 23 अनाजो के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लगातार बढ़ा रही है तथा हमारे वनवासी भाइयों के लिये वन उत्पादों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जा रहा है।” वे आज यहां झारखंड राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने हेतु मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना का शुभारंभ कर रहे थे। इस योजना के तहत राज्य के सभी लघु एवं सीमांत किसान जिनके पास अधिकतम 5 एकड़ तक कृषि योग्य जमीन होगी उन्हें 5000/- रूपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से सहायता अनुदान दिया जायेगा, जिससे उनके ऋण पर निर्भरता में भी कमी आयेगी। यह राशि दो किस्तों में दी जायेगी। इस योजना से सभी योग्य किसानों को प्रति वर्ष कम से कम 5000/- रूपये तथा अधिकतम 25000/- रूपये मिलेंगे जो कि DBT के माध्यम से सीधा किसानों के बैंक खाते में भेजी जायेगी। इस वर्ष राज्य के लगभग 35 लाखकिसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। जिसके प्रथम चरण में लगभग 10 लाख किसानों के बीच प्रथम किस्त के रूप मेंराशि 380.00 करोड़ रूपये का वितरण किया गया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि “जल जैसे प्राकृतिक संसाधन का संचयन, संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए वर्षा जल संरक्षण का व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए, जिससेधरती का जल स्तर बढ़े।” उन्होंने आगाह किया कि भूजल के अनियंत्रित दोहन से भूजल का स्तर लगातार नीचे गिर रहाहै। जिससे सिंचाई की लागत बढ़ रही है। उपराष्ट्रपति ने अपेक्षा की कि किसान अपने पारंपरिक तकनीक अपना करभूजल संरक्षण में सहयोग देंगे।

इस अवसर पर राज्य सरकार के अनेक मंत्री, उच्च प्रशासनिक अधिकारी तथा गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

Following is the text of Vice President’s address in Hindi:

“प्रिय भाईयो एवं बहनो सभी को नमस्कार एवं समस्त झारखंडवासियों को जोहार

प्रदेश के किसान भाइयों के लाभ के लिए मुख्यमंत्री कृषि आर्शीवाद योजना के शुभारंभ के अवसर पर, सावन के इस पवित्र माह में वैद्यनाथ धाम की इस पवित्र भूमि पर, आप सभी के बीच शामिल होकर अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव कररहा हूं। वर्षा ऋतु प्रकृति के नवसर्जन का समय है। जीवनदायी जल से तृप्त हो कर धरती हमे धनधान्य का आर्शीवाददेती है। इस अवसर पर आप सभी धरा-सेवी किसान भाइयों के बीच आकर धन्य महसूस कर रहा हूं।

झारखंड कृषि प्रधान राज्य है। मुझे यह जानकर खुशी है कि झारखंड सरकार द्वारा किसानों के कल्याण एवं कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। मुझे बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा कृषि को बढ़ावा देने हेतुजल संग्रहण एवं जल संचयन की योजना चलायी जा रही है, तालाब का जीर्णोद्धार, डीप बोरिंग एवं परकोलेशन टैंक कानिर्माण किया रहा है, जिससे बढ़े क्षेत्रफल में अतिरिक्त सिंचाई सृजित हो सकेगी।

मित्रों, मैं आग्रह करूंगा कि जल जैसे प्राकृतिक संसाधन का संचयन, संरक्षण आवश्यक है। इसके लिए वर्षा जल संरक्षणका व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए, जिससे धरती का जल स्तर बढ़े। यह चिंता का विषय है कि भूजल के अनियंत्रित दोहन से भूजल का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है। जिससे सिंचाई की लागत बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने per drop, more crop का संदेश दिया है। मैं अपेक्षा करूंगा कि हमारे कृषक भाई अपने पारंपरिक तकनीक अपना कर भूजलसंरक्षण में सहयोग देंगे।

मुझे जानकर हर्ष है कि कृषि के यांत्रिकीकरण का कार्य भी हो रहा है। उन्नत बीज उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा बीज ग्राम का गठन सराहनीय पहल है। मुझे यह जानकर संतोष है कि कृषकों को योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेइसके लिए सिंगल विंडो सेंटर की व्यवस्था की गयी है। कृषि अनिश्चितताओं से भरा क्षेत्र है। अत: विपरीत परिस्थितियोंमें फसल की क्षति की भरपाई हेतु फसल बीमा योजना भी चलाई जा रही है। साथ ही किसानों की लागत कम करने केलिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को दिये जा रहे अल्पकालीन कृषि ऋण पर अतिरिक्त 3 प्रतिशत ब्याजमाफ करने हेतु इंट्रेस्ट सबवेंशन की योजना भी चलाई जा रही है। राज्य सरकार की ये योजनाऐं स्वागत योग्य हैं।

आप जानते ही हैं कि भारत सरकार द्वारा किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का संकल्प लिया गया है। इसी क्रम में सरकार 23 अनाजो के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लगातार बढ़ा रही है। हमारे वनवासी भाइयों के लिये वनउत्पादों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जा रहा है।

मुझे खुशी है कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषिआर्शीवाद योजना का आज शुभारंभ किया जा रहा है।

इस योजना में राज्य के सभी लघु एवं सीमांत किसान जिनके पास अधिकतम 5 एकड़ तक कृषि योग्य जमीन होगी उन्हें5000/- रूपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से सहायता अनुदान दिया जायेगा। जिन किसानों के पास कुल कृषि योग्य भूमि0-1 एकड़ तक होगी, उन्हें 5000/- रूपये आर्थिक सहायता के रूप में दिये जायेंगे। मुझे विश्वास है कि इस राशि का उपयोग किसानों द्वारा कृषि कार्य हेतु किया जायेगा, जिससे उनके ऋण पर निर्भरता में भी कमी आयेगी। मुझे यह भीबताया गया है कि यह राशि दो किस्तों में दी जायेगी। इस योजना से सभी योग्य किसानों को प्रति वर्ष कम से कम5000/- रूपये तथा अधिकतम 25000/- रूपये मिलेंगे और यह राशि किसानों को DBT के माध्यम से सीधा उनके बैंकखाते में भेजी जायेगी।

विगत दशकों में देश में कृषि योग्य भू क्षेत्र में तो वृद्धि हुई है लेकिन यह चिंता का विषय है कि Holdings का आकार कमहो रहा है। एक अनुमान के अनुसार आगामी कुछ वर्षों में लगभग 90% Holdings 1 हैक्टेयर से कम क्षेत्रफल की होगी।आज कृषि पर आधारित लगभग 6.25 करोड़ परिवार 1 हैक्टेयर से कम की Holdings पर जिदंगी बसर कर रहे हैं। Holdings के आकार के साथ, ऐसे परिवारों की आमदनी भी कम होती है। लेकिन छोटी Holdings से ही अधिकतमपैदावार प्राप्त करने के लिए, किसानों द्वारा प्रयोग किये गये बीजों, खाद और रसायनों से लागत बढ़ती जाती है। इसीकारण अन्य देशों के मुकाबले हमारे देश में प्रति हैक्टेयर उत्पादकता भी कम है। ऐसे में सरकार द्वारा दी गयी यहसहायता सर्वथा स्वागत योग्य है।

मुझे हर्ष है कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष राज्य के लगभग 35 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।जिसके प्रथम चरण में आज लगभग 10 लाख किसानों के बीच प्रथम किस्त के रूप में राशि 380.00 करोड़ रूपये कावितरण किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि यह योजना किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में सहायक साबित होगी।

मैं पुन: राज्य सरकार को इस योजना की शुरुआत करने के लिए बधाई देता हूं तथा सभी किसानों को शुभकामना देता हूं।इस अवसर पर मैं किसान बंधुओं से आग्रह करूंगा कि कृषि आधारित सूक्ष्म उद्यम या शिल्प या अन्य ग्रामीण उद्योगों को भी लगाएं, इससे न केवल आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण उद्यमिता बढ़ेगी बल्कि कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी। आपकेविकास से ही राज्य का विकास संभव है।

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