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‘‘भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण’’ पर जा रहे हाईस्कूल के टॉपर छात्र-छात्राओं से भेंट करते हुएः सीएम

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में ‘‘भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण’’ पर जा रहे देवप्रयाग विधानसभा के हाईस्कूल के टॉपर छात्र-छात्राओं से भेंट की। मुख्यमंत्री ने भ्रमण पर जाने से पूर्व इन बच्चों को डेंगू से सुरक्षा हेतु डेंगू डोज भी पिलाई। देवप्रयाग विधानसभा के 55 मेधावी छात्र-छात्राएं 15 सितम्बर से 19 सितम्बर तक पांच दिन के शैक्षणिक भ्रमण पर रहेंगे। यह भ्रमण रविवार को श्रीनगर से शुरू हुआ। इस भ्रमण के दौरान ये मेधावी बच्चे आई.एम.ए, विज्ञान धाम, एफ.आर.आई, पतंजलि योगपीठ, मंशा देवी, आईआईटी रूड़की व दिल्ली में विभिन्न स्थानों का भ्रमण करेंगे। भ्रमण के दौरान ये बच्चे राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू, उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, गृह मंत्री श्री अमित शाह, मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक से भी भेंट करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण से बच्चों को देश की संस्कृति, रहन-सहन व विभिन्न गतिविधियों की जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण से बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ेगी। जब बच्चे देशाटन के लिए जाते हैं, तो उनकी रूचि का भी पता चलता है, एक-दूसरे से भी बच्चों को काफी सीखने को मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के टॉप 25 वें स्थान तक आने वाले बच्चों के लिए राज्य सरकार ने ‘‘देश को जानो योजना’’ की शुरूआत की है। इस योजना के तहत मेधावी छात्र-छात्राओं को एक सप्ताह का देशभर में भ्रमण कराया जायेगा। इस भ्रमण के दौरान एक दिन की हवाई यात्रा भी करवाई जायेगी। इस यात्रा के दौरान बच्चों को देश की विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराने के साथ ही प्रसिद्ध स्थलों का भ्रमण भी कराया जायेगा।
देवप्रयाग विधायक श्री विनोद कण्डारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से ही बच्चों को यह शैक्षणिक भ्रमण कराया जा रहा है। मेधावी बच्चों के इस शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य देश के आकर्षण के प्रमुख केन्द्रां, देश के प्रमुख हस्तियों से बच्चों को रूबरू कराना है। इसके साथ ही बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ाने व विभिन्न क्षेत्रों के रहन-सहन एवं तौर तरीकों से अवगत कराना है। उन्होंने कहा कि यह शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जायेगा।

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