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आईआईएसएस 2020 की विषय वस्‍तु- नीली क्रांतिः उत्पादन के आगे मूल्य वर्धन

नई दिल्ली: वाणिज्‍य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत समुद्री उत्‍पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) ने भारतीय समुद्री खाद्य (सीफूड) निर्यातक एसोसिएशन (एसईएआई) के सहयोग से 7 से 9 फरवरी 2020 तक कोच्चि में भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय सीफूड शो (आईआईएसएस) के 22वें संस्‍करण का आयोजन कर रहा है।

इस वर्ष के समुद्री खाद्य शो की विषय वस्तु् है “नीली क्रांति – उत्पादन के आगे मूल्य वर्धन”। कोच्चि में आयोजित 3 दिन के इस शो में विदेशी प्रतिनिधियों सहित 5000 प्रतिनिधि 350 स्टॉलों में 200 प्रदर्शकों के साथ अपने सामान को प्रदर्शित करेंगे। इन प्रतिनिधियों में भारत और विदेश की कम्पनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य संबंधित क्षेत्रों के सीफूड प्रोसेसर, खरीददार और साझेदार शामिल हैं। आईआईएसएस, 2020 में शामिल होने वाले प्रतिनिधिमंडल में सीफूड प्रोसेसिंग और मूल्य वर्धन के क्षेत्र में आपसी समझौते पर ध्यान केन्द्रित करने वाले अन्य देशों के खरीददार भी शामिल हैं।

यह द्विवार्षिक शो कोच्चि में 12 साल बाद आयोजित किया जा रहा है और यह भारतीय निर्यातकों और भारतीय समुद्री उत्पादों का विदेश से आयात करने वालों को बातचीत के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह प्रोसेसिंग मशीनरी, पैकेजिंग प्रणालियों, प्रोसेसिंग सामग्री के डीलरों और शीत श्रृंखला प्रणालियों के निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं को अपने सामान प्रदर्शित करने और बिक्री का अवसर प्रदान करेगा। सीफूड शो सेवा प्रदाताओं को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा।

आईआईएसएस, 2020 में भारत में समुद्री खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपनाई जाने वाली तकनीकी की प्रगति और निरंतर अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं को विशेष रूप से दर्शाया जाएगा। भारतीय समुद्री खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं को मत्स्य पालन और कृषि के क्षेत्र में सहयोग के साथ निरंतर अपनाए जाने वाले स्तर में अपना स्थान दर्शाना होगा। साथ ही प्रसंस्करण उद्योग मूल्य वर्धन के लिए तकनीक को उन्नत करना चाहता है। इसके परिणामस्वरूप इस दशक के कुल निर्यात में मूल्य वर्धित उत्पाद के निर्यात का प्रतिशत 6 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से बढ़ जाएगा।

अस्थायी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 के दौरान भारत ने 6.70 बिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के 14,37,000 टन समुद्री उत्पादों का निर्यात किया। बहु-आयामी रणनीति, मछली पालन के परिचयन के साथ इसके अगले पांच वर्ष में 15 बिलियन अमरीयकी डॉलर का निर्यात कारोबार करने की संभावना है। विविधता के जरिए मछली पकड़ने के दीर्घकालिक तरीके, मूल्य वर्धन और मत्स्यपालन उत्पादन बढ़ने से भारत के समुद्री उत्पादों के निर्यात के लिए इस निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

आईआईएसएस दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े सीफूड शो में से एक है। यह अमरीका, यूरोपीय संघ, जापान, दक्षिण-पूर्व एशिया और अन्य देशों के प्रमुख बाजारों से समुद्री उत्पाद के व्यापारियों को आकर्षित करता है। इसके अलावा विदेशी मशीनरी निर्माता, उपकरण/मशीनरियों के विकास की उच्च अवस्था को दर्शाएंगे। इस सीफूड शो से नए रास्तों का पता लगाने और विभिन्न प्रौद्योगिकियों को शुरू करने और वैश्विक बाजार तक उत्पादों को पहुंचाने में मदद मिलेगी। पिछले कुछ वर्षों में आईआईएसएस भारतीय समुद्री उत्पाद निर्यात समुदाय और विदेशी खरीददारों को एक स्थान पर लाने में मददगार रहा है जिससे वे भविष्य के व्यवसाय से संबंधित समझौतों को अंतिम रूप देने में सक्षम होंगे। यह शो भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का मार्ग प्रशस्त करेगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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