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वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों से संबंधित ‘आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज’ का कार्यान्वयन – अब तक की प्रगति

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत में कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए 12 मई, 2020 को 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की जो भारत की जीडीपी के 10% के बराबर है। उन्होंने ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ आंदोलन के लिए स्पष्ट आह्वान किया। उन्होंने आत्‍मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों- अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी और मांग को भी रेखांकित किया।

माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 13 मई 2020 से लेकर 17 मई 2020 तक विभिन्‍न प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज का विवरण प्रस्‍तुत किया।

वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज से संबंधित घोषणाओं को तुरंत लागू करना शुरू कर दिया है। इस दिशा में सरकार की गंभीरता का अंदाजा लगभग हर दिन नियमित समीक्षा के साथ-साथ आर्थिक पैकेज के कार्यान्वयन की करीबी निगरानी से लगाया जा सकता है।

वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालयों द्वारा आत्‍मनिर्भर भारत पैकेज की मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन में अब तक हुई प्रगति निम्नानुसार है:

  1. नाबार्ड के जरिए किसानों के लिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी राशि –   28 अगस्‍त 2020 तक 25,000 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। विशेष तरलता सुविधा (एसएलएफ) के तहत 5000 करोड़ रुपये की शेष राशि छोटी एनबीएफसी और एनबीएफसी-एमएफआई के लिए आरबीआई द्वारा नाबार्ड को आवंटित की गई। नाबार्ड इसे शीघ्र ही शुरू करने के लिए परिचालन संबंधी दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे रहा है।

इसके अलावा, नाबार्ड ने दो एजेंसियों एवं बैंकों के साथ मिलकर ‘संरचित वित्त और आंशिक गारंटी योजना’ भी शुरू की है, ताकि ऋणदाताओं से कर्ज प्राप्त करने में बिना रेटिंग वाली एनबीएफसी/एमएफआई की मदद की जा सके।

इस तरह की दो एजेंसियां और बैंकों के साथ मिलकर तैयार की गई इस व्‍यवस्‍था से उन छोटे एमएफआई के लिए ऋण की पात्रता 5-6 गुना बढ़ जाएगी जिन्‍हें कोई भी रेटिंग प्राप्‍त नहीं है। जब एक बार इस योजना के लिए निर्धारित समस्‍त 500 करोड़ रुपये का इस्‍तेमाल सही ढंग से हो जाता है, तो इन छोटी एनबीएफसी/एमएफआई द्वारा 2500 से 3000 करोड़ रुपये तक की ऋण प्राप्ति की परिकल्पना की जाती है। यह सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों के लोगों, विशेषकर महिलाओं तक पहुंचने में एक गेम चेंजर साबित होगा।

  1. एमएसएमई और व्यक्तियों को नए सिरे से ऋण देने हेतु एनबीएफसीएचएफसी और एमएफआई के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी योजना 2.0  – 28 अगस्‍त 2020 तक बैंकों ने 25,055.5 करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो की खरीद को मंजूरी दे दी है और वे वर्तमान में अतिरिक्त 4,367 करोड़ रुपये के लिए अनुमोदन/बातचीत की प्रक्रिया में हैं।
  1. एनबीएफसी/एचएफसी/एमएफआई के लिए 30,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता योजना ने भी अच्छी प्रगति की है। योजना को लागू करने के लिए एसबीआईकैप को एक एसपीवी स्थापित करने का जिम्‍मा सौंपा गया था। यह योजना 1 जुलाई, 2020 को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से शुरू की गई थी।  उसी दिन नियामक आरबीआई ने भी इस योजना पर एनबीएफसी और एचएफसी  को एक परिपत्र जारी कर दिया।

11 सितंबर, 2020 तक सैंतीस (37) प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है जिनमें 10590 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। 783.5 करोड़ रुपये के वित्तपोषण के लिए छह (06) आवेदन प्रक्रियाधीन हैं।4. एमएसएमई सहित कारोबारियों के लिए लाख करोड़ रुपये का गारंटी-मुक्त स्‍वत: ऋण – व्यवसाय को राहत देने के लिए 29 फरवरी 2020 तक बकाया ऋण के 20% के बराबर अतिरिक्त कार्यशील पूंजी वित्‍त रियायती ब्‍याज दर पर सावधि ऋण के रूप में प्रदान किया जाएगा। यह 25 करोड़ रुपये तक के बकाया ऋण और 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली उन इकाइयों के लिए उपलब्ध होगा, जिनके खाते मानक हैं। इन इकाइयों को स्वयं की ओर से कोई गारंटी या जमानत प्रदान नहीं करनी होगी। इस राशि पर 100% गारंटी भारत सरकार द्वारा दी जाएगी जो 45 लाख से भी अधिक एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये की कुल तरलता (लिक्विडिटी) प्रदान करेगी।

20 मई 2020 को कैबिनेट की मंजूरी लेने के बाद वित्तीय सेवा विभाग ने 23.05.2020 को योजना के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए और आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) फंड 26.05.2020 को पंजीकृत किया गया था। व्‍यवसाय  के लिए व्यक्तिगत ऋणों को शामिल करने, बकाया ऋण सीमा को बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये करने और वार्षिक कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये करने के लिए 4.8.2020 को दिशा-निर्देशों में संशोधन किए गए।

10 सितंबर 2020 तक 42,01,576 कर्जदारों को 1,63,226.49 करोड़ रुपये की अतिरिक्त ऋण राशि मंजूर की गई है। 10 सितंबर 2020 तक 25,01,999 कर्जदारों को 1,18,138.64 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। यह जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के शीर्ष 23 बैंकों द्वारा जानकारी दी गई है  http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image001NF85.png

5. आयकर रिफंड – 1 अप्रैल, 2020 से लेकर 8 सितंबर, 2020 तक की अवधि के बीच 27.55 लाख से ज्‍यादा करदाताओं को 1,01,308 करोड़ रुपये से भी अधिक के रिफंड जारी किए गए हैं। 25,83,507 मामलों में 30,768 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड जारी किए गए हैं और 1,71,155 मामलों में 70,540 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट टैक्स रिफंड जारी किए गए हैं। दरअसल, उन समस्‍त मामलों में 50 करोड़ रुपये तक के सभी कॉरपोरेट टैक्स रिफंड जारी कर दिए गए हैं, जहां भी देय थे। अन्य रिफंड प्रक्रियाधीन हैं।

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