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विशाखापट्टनम और रायगढ़ के बाद कुड्डालोर में हादसा, सरकारी प्‍लांट के बॉयलर में ब्‍लास्‍ट, 8 लोग घायल

नई दिल्‍ली: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और छत्‍तीसगढ़ के रायगढ़ में गैस लीक होने के हादसों के बाद अब तमिलनाडु में एक और हादसा हुआ है. तमिलनाडु के कुड्डालोर में स्थित नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएलसी) के बॉयलर में गुरुवार को तेज धमाका हो गया. जानकारी के मुताबिक इस घटना में 8 लोग घायल हुए हैं.

एनएलसी केंद्र सरकार के अधीन आने वाला प्‍लांट है. सभी घायल इसी प्‍लांट के कर्मचारी हैं. सभी घायल कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार देने के बाद त्रिची के कावेरी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है.

एनएलसी के एक अधिकारी ने बताया कि घटना थर्मल पावर स्टेशन-2 की छठी इकाई में शाम के समय हुई, जिसमें दो कामगारों को गंभीर चोटें आई हैं. उन्होंने बताया, ‘बॉलयर में दाब के कारण धमाका हुई, जिसमें छह कामगार और दो तकनीशियन घायल हो गए.’

अधिकारी ने कहा कि बॉयलर की ऊंचाई 84 मीटर है और जब धमाका हुआ तो कर्मचारी और तकनीशियन 32 मीटर की ऊंचाई पर थे. घटना के बाद बिजली उत्पादन रोककर घायलों को यहां से लगभग 147 किलोमीटर दूर तिरुपचिरापल्ली में एक निजी अस्पताल ले जाया गया. इससे पहले उन्हें यहीं पर प्राथमिक उपचार दिया गया था.

एनएलसी के मैनेजिंग डायरेक्‍टर और चेयरमैन राकेश कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्‍होंने बताया, ‘सभी घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है. बॉयलर में ब्‍लास्‍ट से आग लगी है. लेकिन अब वो काबू में है. हमने तीन बॉयलर को बंद कर दिया है. जब सब ठीक हो जाएगा तक काम शुरू होगा. साथ ही हमने इस हादसे की जांच के भी आदेश दिए हैं.’

विशाखापट्टनम और रायगढ़ में भी हुए हादसे
बता दें कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की पेपर मिल में भी गुरुवार को हादसा हुआ है. पेपर मिल में क्लोरीन गैस पाइप लाइन फटने से 7 मजदूर झुलस गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहीं आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक रासायनिक संयंत्र से गैस लीक होकर करीब पांच किलोमीटर के दायरे में गांवों में फैल गई, जिससे कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई तथा लगभग 1,000 लोगों को सांस लेने में तकलीफ सहित अन्य दिक्कतें हो रही हैं. राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

विशाखापट्टनम के पास गोपालपत्तनम के तहत आने वाले आर आर वेंकटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड के संयंत्र से स्टाइरीन गैस का रिसाव बुधवार देर रात करीब ढाई बजे शुरू हुआ, जिसके कुछ घंटों बाद कई लोग सड़क किनारे और नालों के पास बेहोशी की हालत में पड़े मिले. अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में एक बच्चा और दो वे लोग भी शामिल हैं, जो जान बचाने के लिए भागने के दौरान कुएं में गिर गए थे. Source News18

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