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आयकर विभाग ने मेघालय में पेट्रोल पंप चलाने के बेनामी कारोबार का पता लगाया

नई दिल्ली: एक त्वरित और समन्वित कार्रवाई में आयकर विभाग की जांच इकाई, एनईआर ने 2 अगस्त 2019 को मेघालय के कुछ कारोबारियों की जांच और तलाशी ली जिन्हें कई पेट्रोल पंपों को चलाने और पंपों को बेनामी संपत्तियों के रूप में नियंत्रित करने में शामिल पाया गया है। इन कारोबारियों को राज्य सरकार को दिए जाने वाले टैक्स को कम करने, स्थानीय कर को जमा नहीं करने तथा आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (26) के तहत छूट का दुरुपयोग करके आयकर की बड़े पैमाने पर चोरी में लिप्त पाया गया है। आयकर की उक्त छूट केवल जनजातीय व्यक्तियों को ही उपलब्ध है।

तलाशी अभियान अगले दिन सुबह तक जारी रहा। तलाशी के दौरान विभाग के अधिकारियों द्वारा अवैध दस्तावेजों के साथ 2 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई। यह नकदी पानी की टंकियों जैसे अप्रत्याशित स्थानों में छिपा कर रखी गई थी।

यह अवैध कारोबार मेघालय के स्थानीय लोगों का शोषण करने वाले कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लंबे समय से चलाए जा रहा था। यह रैकेट स्थानीय लोगों को मिली छूट का दुरूपयोग करके कर चोरी कर रहा था। इन लोगों पर पिछले एक साल से नजर रखी जा रही ही।

इन बेनामी पेट्रोल पंपों की जानकारी के बाद खासी हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (केएचएडीसी) के कार्यकारी समिति (ईसी) सदस्य व व्यापार प्रभारी ने 8 अगस्त, 2019 को मीडिया के समक्ष घोषणा की कि राज्य में बेनामी कारोबार की  रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून के बावजूद, बेनामी लेनदेन कुछ स्थानीय लोगों और उनके जनजतीय व्यापार भागीदारों के बीच मिलीभगत के कारण पनप रहे हैं। केएचएडीसी एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है जो मेघालय में व्यापार और वाणिज्य के विभिन्न पहलुओं का नियमन करता है।

आम लोगों और स्थानीय अधिकारियों ने विभाग की इस कार्रवाई की सराहना की है। इससे बेनामी कारोबार के खतरे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी तथा सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

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