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भारत के वाटर स्पोटर्स एथलीटों को पैरालम्पिक खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का भरोसा

भारत के वाटर स्पोटर्स दल के तीन सदस्य जिसमें दो पुरुष तैराक एक महिला केनोए स्परिंट एथलीट शामिल हैं, इन्हें टोक्यो पैरालम्पिक खेलों में उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का भरोसा है।

सुयश जाधव का यह दूसरा पैरालम्पिक है जबकि निरंजन मुकुंदन प्राची यादव पहली बार इन खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। तीनों टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं।

सुयश ने 2018 एशियाई पैरा खेलों में पुरुष 50 मीटर बटलफ्लाई एस7 में 32.71 सेकेंड के साथ जीत हासिल की थी जिसके कारण वह टोक्यो पैरालम्पिक में प्रवेश कर सके थे। सुयश ने कोच तपन पानीग्राही के अंडर बेलावड़ी स्टेडियम में ट्रेनिंग ली है। उन्हें भारत सरकार से विदेशी दौरों के लिए सहायता मिली है, जहां उन्होंने पांच से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग लिया है।

2016 रियो पैरालम्पिक के बाद सुयश ने 2018 एशिया पैरा खेलों में एक स्वर्ण दो कांस्य पदक जीते हैं। इसके साथ ही उन्हें 2018 में एकलव्य अवॉर्ड तथा 2020 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

सुयश का 200 मीटर व्यक्तिगत मेडली एसएम7 इवेंट 27 अगस्त को होना है। इसके बाद वह निरंजन के साथ पुरुष 50 मीटर बटरफ्लाई एस7 इवेंट में तीन सितंबर को हिस्सा लेंगे। मुरलीकांत पेटकर पहले भारतीय एथलीट है जिन्होंने पैरालम्पिक पदक जीता था। उन्होंने जर्मनी में 50 मीटर फ्रीस्टाइल में स्वर्ण जीता था।

निरंजन ऐसे एथलीट हैं जिनके नाम 60 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पदक हैं वह एकमात्र पैरा तैराक हैं जिन्होंने 50 पदक को पार किया है। निरंजन को भी सरकार से विदेशी दौरे के लिए तथा राष्ट्रीय कोचिंग कैंप में भाग लेने में मदद मिली है।

इस बीच, प्राची पहली भारतीय हैं जिन्होंने पैरा केनोएइंग इवेंट के लिए पैरालम्पिक में प्रवेश किया है। वह महिला वीएल2 200 मीटर हीट्स में दो सितंबर को हिस्सा लेंगी। इस वर्ग के सेमीफाइनल फाइनल अगले दिन होंगे।

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