देश-विदेशसेहत

प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के कारण ही आज भारत में विकास को स्वास्थ्य से जोड़ा गया है: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तथा एम्स के अध्यक्ष श्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार की उपस्थिति में एम्स, नई दिल्ली के 66वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इसी दिन एम्स में स्नातक शिक्षण की शुरुआत हुई थी और इसी तारीख को 1956 में एमबीबीएस कक्षाओं का पहला बैच आयोजित किया गया था।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0017KWF.jpg https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002RN8G.jpg

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने संस्थान को बधाई देते हुए, एम्स समुदाय को इस बात को लेकर सचेत किया कि सफलता उसे प्राप्त करने वाले की अपेक्षाओं और जिम्मेदारी को बढ़ाती है। उन्होंने कहा, “एम्स, नई दिल्ली पूरे भारत में फैले सभी 22 नए एम्स के लिए एक प्रकाशस्तंभ है। यहां के छात्र और शिक्षक पूरे भारत में इस एम्स की सफलता को दोहराने के लिए अपने समृद्ध अनुभव के माध्यम से इन संस्थानों की मदद कर सकते हैं।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं जब भी किसी अस्पताल में जाता हूं तो वहां पर बाउंसरों को देखकर बहुत दुख होता है, जहां बीमार लोग इलाज के लिए आते हैं, झगड़ा करने नहीं। लेकिन अगर वे झगड़ा कर रहे हैं, तो उसकी वजह यह है कि वे गुस्से में होते हैं और इस गुस्से की वजह हमारी ओर से किए जाने वाले प्रयासों में किसी तरह की कमी होती है।”

उन्होंने कहा, “जब कोई डॉक्टर मरीज को भगवान के रूप में देखता है, तो उसे मरीजों की लंबी कतार परेशान नहीं करती है। वास्तव में इसी भावना के साथ मरीजों का इलाज प्राथमिकता बन जाता है।”

उन्होंने यह भी कहा, “देशभक्ति न केवल सीमा पर खड़े सैनिकों की जिम्मेदारी है, बल्कि हमारे लिए यह देशभक्ति अपने नागरिकों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी है। अगर हम अपने लोगों के स्वास्थ्य को देशभक्ति से जोड़ेंगे तो मुझे लगता है कि सकारात्मक बदलाव होना तय है।” उन्होंने सरकार के दृष्टिकोण को लेकर कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों के कारण ही भारत में स्वास्थ्य सेवा को विकास से जोड़ा गया है। मंत्री ने कहा, “स्वास्थ्य के लिए बजट परिव्यय पिछले वर्ष से 137% बढ़कर 2.40 लाख करोड़ हो गया है। आयुष्मान भारत ने देश में स्वास्थ्य सेवा को बदल दिया है, जहां गरीब मरीज उसी गैर-सरकारी उपचार सुविधा का उपयोग कर सकते हैं जो पहले केवल उन लोगों के लिए आरक्षित थी जो इसका खर्च वहन कर सकते थे।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकारें केवल कार्रवाई कर सकती हैं, जुनून केवल सेवा प्रदाताओं से ही आ सकता है और समुदाय से जुनून और समर्पण की भावना के साथ सभी की सेवा करने का आह्वान किया।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार ने इस अवसर पर अपने संबोधन में एम्स समुदाय की पांच दशकों से अधिक समय से लोक सेवा के क्षेत्र में उनके अंतहीन और निःस्वार्थ प्रयासों के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “भारत में 1994 में पहली बार हृदय प्रत्यारोपण, 2005 में पहली रोबोटिक सर्जरी, 2014 में पहले टीएमजे (टोटल टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट) प्रतिस्थापन के साथ, एम्स ने एक उच्च प्रतिष्ठा हासिल की है और शैक्षिक, अनुसंधान एवं मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।” उन्होंने अंत्योदय और सर्वोदय पर बात करते हुए, अस्पताल को पहले 24 घंटों के लिए आपातकालीन केंद्र में मुफ्त इलाज और सभी बीपीएल परिवारों के लिए मुफ्त इन-हाउस ऑपरेशन की पेशकश करने के लिए बधाई दी और नर्सों, रिसेप्शनिस्ट तथा कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती उन रोगियों के प्रति दयालु होने की सलाह दी, जो सबसे संवेदनशील स्थिति में होते है।

समारोह में श्री मंडाविया और डॉ. पवार ने संकाय सदस्यों और स्नातक छात्रों को 33 पुरस्कार और पदक प्रदान किए। श्री मंडाविया ने अपने प्रारंभिक जीवन की एक घटना का उल्लेख किया जब उन्हें इंदिरा गांधी पर एक निबंध लिखने के लिए सम्मानित किया गया था। मंत्री ने कहा कि इससे उन्हें इस दिशा में और प्रयास करने के लिए प्रोत्साहन मिला और धीरे-धीरे उन्हें वह इंसान बनने में मदद मिली जो वह आज हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004RTO8.jpg https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image005KCX0.jpg

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आरएके भवन में एक हाई थ्रूपुट लैब का वर्चुअल मोड से उद्घाटन भी किया जो 50 प्रयोगशाला नैदानिक ​​परीक्षण कर सकता है और दो से तीन घंटे में रिपोर्ट तैयार कर सकता है। उन्होंने राज्य मंत्री के साथ “डिजिटल स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा” विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। सभी विभागों ने थीम से संबंधित विभिन्न विषयों पर प्रदर्शनी लगाई।

एम्स के निदेशक प्रो. रणदीप गुलेरिया, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं एम्स के उप निदेशक श्री विशाल चौहान, एम्स, नई दिल्ली की डीन (शैक्षिक) डॉ. अनीता सक्सेना, वैज्ञानिक प्रदर्शनी समिति के अध्यक्ष डॉ. पीयूष साहनी और अन्य वरिष्ठ डॉक्टर भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

कार्यक्रम यहां पर वेबकास्ट किया गया:

https://youtu.be/FZ1q1F40LVY

Related Articles

Back to top button