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जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) अनुमति प्रदान करने वाले राज्यों में कक्षा X और XII के लिए वास्तविक रूप से कक्षाएं शुरू करेगा

शिक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) को फिर से खोलने के लिए एसओपी तैयार की है। जवाहर नवोदय विद्यालय परिसरों को स्वच्छ बनाये रखने, शारीरिक दूरी के साथ कक्षाओं का प्रबंधन एवं छात्रावास में छात्रों के रहने की व्यवस्था और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए कोविड प्रबंधन प्रोटोकॉल की तैयारी आदि जैसे सभी एहतियाती उपायों के बारे में जवाहर नवोदय विद्यालयों द्वारा पहले ही ध्यान दिया जा चुका है।

शिक्षा मंत्रालय के एसओपी के आधार पर, प्रत्येक स्कूल ने टास्क फोर्स का गठन करके कोविड की वजह उपजी​​स्थिति के कारगर प्रबंधन के लिए राज्य सरकार के एसओपी पर आधारित और जिला प्रशासन के परामर्श से एक अपनी एसओपी भी तैयार की है। जवाहर नवोदय विद्यालयउन छात्रों, जिनके माता-पिता की सहमति उपलब्ध है, के लिए वास्तविक कक्षाओं का प्रबंधन करने को पूरी तरह तैयार है। अन्य छात्रों को शैक्षणिक नुकसान से बचाने के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। छात्रों को वास्तविक कक्षाओं के लिए चरणबद्ध तरीके से बुलाए जाने के संबंध में, राज्य प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। एक आवासीय विद्यालय होने के नाते मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना, बार-बार हाथ धोना और स्वच्छता को अत्यधिक महत्व दिया जाएगा। इसी के अनुरूप, शुरू में वास्तविक कक्षाओं के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय उन्हीं राज्यों में खुलेंगे जहां राज्य सरकार ने कक्षा X और XII के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी है। छात्रों के लिए आवास और उपकरणों की उपलब्धता के आधार पर अन्य कक्षाओं केसंबंध में शीघ्र ही निर्देश जारी किये जायेंगे।

जवाहर नवोदय विद्यालय मार्च – 2020 में कोविड -19 महामारी के प्रकोप के फैलने के बाद सत्र के अंत में होने वाली परीक्षाओं के पूरा होने के बाद गर्मियों की छुट्टी के लिए बंद कर दिए गए थे। ई-सामग्री तैयार करने और ऑनलाइन कक्षाओं के प्रबंधन एवं ऑनलाइन मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के प्रयास किये गये। सभी जवाहर नवोदय विद्यालयों में 15 जून 2020 से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की गयी थी। समय-समय पर ऑनलाइन मूल्यांकन भी आयोजित किए जा रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा के लिए आवश्यक उपकरणों से वंचित रहने वाले छात्रों को विशेष दूत/माता-पिता/ डाक के माध्यम से पाठ्य पुस्तकें, असाइनमेंट, प्रश्न बैंक आदि जैसे शिक्षण सामग्री प्रदान किये गये हैं।

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