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ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुएः सीएम

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत श्री तुंगनाथ महायज्ञ समिति द्वारा ग्राम बेंजी रूद्रप्रयाग में ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमदभगवद्, श्री शिव पुराण, शतचण्डी यज्ञ में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 16वी से 18वीं सदी तक की पर्वतीय लोक संग्रहालय में रखी गई हस्तलिखित पाण्डुलिपि, हस्तलिखित पंच्चाग, शुक्ल यजुर्वेद सहिंता, अगस्त्य संहिता, गढवाली साबर आदि पुस्तकों व बर्तनों का अनावरण किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनता को गंगा दशहरा की शुभकामनायें देते हए कहा कि ग्राम बेंजी की पवित्र भूमि ने वेदान्त के परकाण्ड विद्वान माधवाश्रम जी महाराज का जन्म हुआ था। हमारी पौराणिक परम्परा श्रुति(वेद) का अनुसरण आज भी इस गांववासियों द्वारा किया जा रहा है जो अपने आप विश्ष्टि है। उन्होंने कहा कि देश-काल, परिस्थिति के अनुरूप धर्मगुरूओं ने राष्ट्र व राज्य को अपना मार्गदर्शन दिया है। शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज विलक्षण प्रतिभा के धनी थे।

मुख्यमंत्री ने राज्य के उपलब्ध संसाधनों से विकास, स्वरोजगार, भांग, कण्डाली की खेती तथा पिरूल से बिजली उत्पादन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका, पोलेण्ड, इजरायल व अन्य देशों में कण्डाली की डिमांड है। इस दिशा में हम कार्य कर उत्तराखण्ड की आर्थिकी को मजबूत कर सकते हैं। विश्व में एक लिटर भांग के तेल कीमत साढे चार लाख रूपये है। कण्डाली एनीमिया, कैन्सर व अन्य बीमारियों में लाभप्रद है। पिरूल से उत्पादित बिजली को सरकार द्वारा साढे सात रूपये यूनिट की दर से खरीदा जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ब्रहमलीन माध्वाश्रम जी महाराज की प्रतिभा व व्यक्तित्व के अनुरूप ग्राम बेंजी में संग्रहालय खोलने की बात कही। संग्रहालय हेतु ग्रामीणों को भूमि चिन्हित कर जिलाधिकारी के माध्यम से एस्टिमेट बनाकर भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि यहाँ पर ऐसा केन्द्र बनाया जाएगा जिसे देखने के लिए देश विदेश से लोग आए। इससे गांव की आर्थिकी मजबूत होगी।

 इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि माधवाश्रम जी महाराज के व्यक्तित्व में पूर्ण पहाड की झलक दिखाई देती थी। कहा कि उत्तराखण्ड में देवस्थलों को सर्किट से जोडा जाएगा। पहाड को कारपोरेट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा जिससे गावों की आर्थिकी मजबूत होगी। उन्होने कहा कि केदारनाथ में यात्रियों को लाइन में कई देर इंतजार करना पड है, यात्री हवा, धूप, बारिश से बच सके इसके लिए सरकार प्रयासरत है।

विधायक रूद्रप्रयाग श्री भरत सिंह चौधरी ने कहा कि माध्वाचार्य जी उत्तराखण्ड के प्रथम शंकराचार्य थे। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष अशोक खत्री, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य वाचस्पति सेमवाल, पूर्व विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल, एसपी अजय सिंह सहित जनता व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बीना बेंजवाल व गिरीश बेंजवाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

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