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स्वर्गीय माधवराव सप्रे ने निष्काम कर्म योगी के रूप में अपना जीवन देश को समर्पित किया: प्रहलाद सिंह पटेल

अपने समय के मूर्धन्य पत्रकार, संपादक,प्रखर चिंतक, साहित्यकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,तथा लोकमान्य तिलक के विचारों को हिंदी जगत में व्यापकता देने वाले माधव राव सप्रे जी की 150वीं जयंती के अवसर   पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र कथा भारतीय जनसंचार संस्थान ने वर्ष भर महत्वपूर्ण आयोजनों की योजना बनाई है|  इसी क्रम में शनिवार 19 जून को स्वर्गीय माधव राव सप्रे के डेढ़ सौवें जन्मदिवस पर स्वर्गीय सप्रे जी की जन्म स्थली मध्य प्रदेश के दमोह ज़िले के पथरिया कस्बे में मुख्य समारोह हुआ । इसके मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री प्रहलाद सिंह पटेल थे । आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार पदमश्री विजय दत्त श्रीधर और वरिष्ठ पत्रकार तथा फिल्मकार राजेश बादल ,साहित्यकार श्री श्याम सुंदर दुबे और सी सी ई आर टी की चेयरमैन सुश्री हेमलता मोहन भी उपस्थित थीं ।

 आयोजन में मुख्य अतिथि श्री प्रहलाद  सिंह पटेल ने कहा कि स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश भर में  आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं । इनमें आजादी के आंदोलन की घटनाओं और उनमें शामिल रहे महापुरुषों के योगदान को याद किया जाएगा ।इस कड़ी में पथरिया का यह कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है ।स्वर्गीय सप्रे जी ने  निष्काम योगी के रूप में अपने जीवन को देश को समर्पित कर दिया । ऐसे श्रद्धा पुरुष को वे नमन करते हैं ।उन्होंने कहा की वर्ष भर स्वर्गीय श्री सप्रे के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित कार्यक्रमो का आयोजन किया जाएगा ।

पदमश्री विजय दत्त श्रीधर ने सप्रे जी के जीवन से जुड़ी तमाम घटनाओं की जानकारी दी । उन्होंने कहा कि सप्रे जी ने माखनलाल चतुर्वेदी, द्वारिका प्रसाद मिश्र, और सेठ गोविंददास जैसी अनेक विभूतियों को  तराशा और स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई पहचान दी ।उन्होंने कहा कि भोपाल का माधवराव सप्रे संग्रहालय राष्ट्रीय स्तर पर दुर्लभ समाचार पत्र पत्रिकाओं की पहचान बन गया है । इसमें अनेक महान पुरुषों की पांडुलिपियां और  दुर्लभ मुद्रित सामग्री सुरक्षित है । शीघ्र ही अगला कार्यक्रम इसी संग्रहालय में किया जाएगा ।

वरिष्ठ पत्रकार ,फिल्मकार और राज्य सभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक राजेश बादल ने कहा कि पथरिया देश भर के पत्रकारों के लिए एक तीर्थ से कम नहीं है ।उन्होंने कहा कि सप्रे जी ने भारत में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की ।उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए भी अभियान छेड़ा ।बाद में महात्मा गांधी ने भी उनके इन कार्यक्रमों को देश भर में विस्तार दिया ।गोरी हुकूमत उनके लेखन से परेशान थी ,लेकिन माधवराव जी अपना काम करते रहे ।

साहित्यकार श्याम सुंदर दुबे ने पथरिया से सप्रे जी के रिश्ते को रेखांकित करते हुए अनेक संस्मरण सुनाए । कार्यक्रम में सप्रे जी पर केंद्रित पांच विशेष प्रकाशनों का लोकार्पण किया गया । इसके अलावा माधव राव सप्रे संग्रहालय के सौजन्य से सप्रे जी के जीवन वृत्त को दर्शाते हुए एक चित्र दीर्घा का अवलोकन भी अतिथियों ने किया । समारोह में विधायक  श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, श्री पी.एल. तंतवाय, पूर्व सांसद श्री लक्ष्मी नारायण यादव, सीसीआरटी अध्यक्ष डॉ. हेमलता एस. मोहन सहित  बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता,बुद्धिजीवी, पत्रकार और साहित्यकार उपस्थित थे ।

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