देश-विदेश

रविशंकर प्रसाद ने भारत में नेल्‍को समुद्री संचार सेवा का शुभारंभ किया

नई दिल्ली: केन्द्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज मुम्‍बई में समुद्री संचार सेवा का शुभारंभ किया। उन्‍होंने कहा कि इस संचार सेवा से समुद्र में यात्रा करने वाले मालवाहक और यात्री जहाजों में तीव्र गति की वायस डेटा तथा वी‍डियो सेवा उपलब्‍ध कराई जा सकेगी।

वीसैट सोल्‍यूशन सेवा प्रदान करने वाली नेल्‍को, देश की पहली ऐसी भारतीय कंपनी है, जो समुद्री क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्‍ध कराएगी। वैश्विक भागीदारी के माध्यम से नेल्को, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के उपग्रह पर ट्रांसपोंडर क्षमता सहित और एक व्यापक सेवा मालवाहक और यात्री जहाजों की परिचालन दक्षता बढ़ाने, चालक दल की सुविधाओं में सुधार और ग्राहक सेवाओं को सक्षम बनाने में मदद करेगी।

दिसंबर 2018 में, भारत सरकार ने इन-फ़्लाइट और मैरीटाइम कम्युनिकेशंस (आईएफएमसी) के लिए लाइसेंसों की घोषणा की। इसने जहाजों पर ऑन-बोर्ड उपयोगकर्ताओं के लिए न केवल कनेक्टिविटी को सक्षम बनाया, बल्कि जहाजरानी कंपनियों के लिए परिचालन क्षमता बढ़ाने में भी सहायक रहा। आईएफएमसी अंतर्राष्‍ट्रीय और घरेलू विमानों तथा समुद्री जहाजों को यात्रा के दौरान वायस और इंटरनेट सेवाएं देने की अनुमति देता है। आईएफएमसी लाइसेंस, दूरसंचार मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भारत में उपग्रह संचार सेवाओं को उदार बनाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।

इस अवसर पर, नेल्को के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री पी. जे. नाथ ने कहा कि वे विभिन्न प्रकार के समुद्री जहाजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक साथ कई तरह की डिजिटल सेवाएं उपलब्‍ध कराएंगे।

श्री प्रसाद ने इस अवसर पर एक वेब पोर्टल भी जारी किया, जिस पर चोरी किए गए मोबाइलों का पता लगाने के लिए रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है।

इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (आईएमईआई) को मोबाइल फोन डिवाइस की विशिष्ट पहचान माना जाता है। आईएमईआई नंबर प्रोग्राम करने योग्य है, कुछ शरारती तत्‍व इस नंबर को रिप्रोग्राम करते हैं, जिससे  परिणामस्वरूप आईएमईआई की क्लोनिंग हो जाती है और एक ही आईएमईआई  नंबर वाले कई फोन डिवाइस हो जाते हैं। इस समस्‍या से निपटने के लिए सक्षम उपायों की जरूरत है। ऐसे में एकीकृत उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) प्रणाली नामक एक परियोजना को सुरक्षा, चोरी और मोबाइल हैंडसेटों की पुनर्संरचना सहित अन्य चिंताओं को दूर करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा बनाया गया है।

Related Articles

Back to top button