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PM के आर्थिक पैकेज के ऐलान पर अर्थशास्त्रियों ने कहा- हिंदुस्तान आजादी के बाद सबसे बडे बदलाव की ओर

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. पीएम ने देश के नाम अपने पांचवें संबोधन में 20 लााख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज का ऐलान कर दिया है. पीएम मोदी ने कहा है कि यह पैकेज देश की गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए विशेषतौर के लिए होगा. पीएम मोदी ने इस विशेष राहत पैकेज में स्वदेशी का नारा दिया है. साथ ही कहा है कि इस संकट में लोकल ने ही साथ दिया है इसलिए आगे भी लोकल को ही अपनाएं और इसके लिए वोकल रहें. प्रधानमंत्री ने बाताया यह पैकेज किसान, मध्यमवर्ग समेत सभी वर्गों की मदद के लिए है. इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को 20 लाख करोड़ रुपये का सपोर्ट मिलेगा. यह पैकेज भारत की जीडीपी (GDP) का करीब-करीब 10 फीसदी है.

क्या कहते हैं अर्थशास्त्री
देश के जाने-माने अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी कहते हैं कि पीएम मोदी के इस फैसले से अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी. इस राहत पैकेज की इस समय बहुत जरूरत थी. सरकार की कोशिश पॉजिटिव डायरेक्शन में है और इससे इकोनॉमी को रिवाइब करेगी. यह बड़ा पैकेज है. इस फैसले में एक डायरेक्शनल चेंज नजर आ रहा है. कोरोना की वजह से ग्लोबल ट्रेड प्रभावित हुआ है, लेबर मार्केट प्रभावित हुआ है, ग्लोबल ट्रांसपोर्ट प्रभावित हुआ है. प्रधानमंत्री का संबोधन ग्लोबलाइजेशन से लोकलाइजेशन की तरफ बढ़ने का डायरेक्शन है. देश में एक बार फिर से सेल्फ लाइन की नीति की बात हो रही है. 80 के दशक से पहले सेल्फ लाइन की नीति चल रही थी, लेकिन 80 के दशक के बाद इसमें बदलाव शुरू होनी शुरू हुई और नरसिम्हाराव की सरकार और मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री के कार्यकाल में सैद्धांतिक सहमति दी गई.

कैसे बदल जाएगा भारतीय अर्थव्यवस्था

चौधरी आगे कहते हैं, ‘कोरोना संकट के बाद देश की आर्थव्यवस्था एक बार फिर से बदलने जा रही है. सबसे बड़ी बात है कि पॉलिसी चेंज होने जा रहा है. इससे भारत जैसे देश में लोकल डिमांड को पूरा करने के लिए अब स्थानीय उत्पाद को बढ़वा मिलेगा. स्मॉल इंडस्ट्री जैसे हैंडलूम, खादी ग्रामोद्योग, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषिजनित उद्योग, लघु उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार पैदा होगा. वैश्ववीकरण का जो केंद्र था अमेरिका वह भी अब स्थानीयकरण की बात कर रहा है. कोविड ने इसको लेकर बड़ा चेंज किया है. साथ ही अर्बन और रूरल के बीच जो गैप था वह भी घटेगा. यह हिंदुस्तान में आजादी के बाद सबसे बड़ा चेंज साबित होगा. यह राहत पैकेज ग्रामीण इलाकों में रोजगार के साधन बढाएंगे. साथ ही मजदूरों को उनके गृह राज्य में ही काम देने में सहायक होगा. आने वाले दिनों में इससे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी.’

वित्त मंत्री आज कर सकती हैं बड़ा ऐलान
एक और अर्थशास्त्री प्रो. अजय कुमार झा कहते हैं, ‘प्रधानमंत्री ने बड़ा ऐलान किया है, लेकिन हमको अभी वित्त मंत्री की घोषणा करने तक थोड़ा इंतजार करना चाहिए. ये सामान्य तौर पर एक अच्छी राशि है, जो ग्रामीण क्षेत्र और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए दिया गया है. शहरों में भी असंगठित क्षेत्रों के लोगों के लिए यह राशि दी गई है. आज की तारीख में बहुत बड़ी घोषणा है. पिछले दिनों रिजर्व बैंक का भी जो स्टेटमेंट आया था, उसके लिहाज से देंखे तो यह राशि बड़ी राशि है.’

लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं. लेकिन, मई महीने की शुरुआत में कुछ इंडस्ट्रीज को शुरू करने की इजाजत मिल गई है. भारत एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यह बड़ा फैसला लिया है. Source News18

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