देश-विदेश

प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना निधि के तहत एक लाख करोड़ रूपये की वित्‍त पोषण सुविधा आरंभ की

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज एक लाख करोड़ रूपये की कृषि अवसंरचना निधि के तहत वित्‍त पोषण सुविधा की एक नई योजना आरंभ की है। यह योजना समुदाय कृषक परिसंपत्तियों के निर्माण तथा फसल उपरांत कृषि अवसंरचना में किसानों, पैक्‍स, एफपीओ, कृषि उद्यमियों आदि की सहायता करेगी। ये परिसंपत्तियां उनकी उपज के लिए अधिक मूल्‍य पाने में किसानों को सक्षम बनायेंगी, क्‍योंकि वे उच्‍चतर मूल्‍यों पर भंडारण एवं बिक्री करने, अपव्‍ययों को कम करने तथा प्रसंस्‍करण एवं मूल्‍य वर्धन बढ़ाने में सक्षम हो जायेंगे।

      आज, मंत्रिमंडल द्वारा योजना को अनुमोदित किये जाने के केवल 30 दिनों के बाद 2280 से अधिक कृषक सोसायटियों को 1000 करोड़ रूपये से अधिक की पहली मंजूरी दी गई। इस कार्यक्रम का संचालन वीडियो कांफ्रेंस के जरिये किया गया तथा इसमें देश भर के लाखों किसानों, एफपीओ, सहकारी संघों, पैक्‍स एवं नागरिकों ने भाग लिया।

      इसी कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने लगभग 8.5 करोड़ किसानों को 17000 करोड़ रूपये की पीएम-किसान योजना के तहत छठीं किस्‍त भी जारी की। नगदी लाभ बटन दबाने के साथ ही आधार प्रमाणित उनके बैंक खातों में सीधा हस्‍तांतरित हो गया। इस हस्‍तांतरण के साथ, इस योजना ने 1 दिसम्‍बर, 2018 को अपनी शुरूआत से 10 करोड़ से अधिक किसानों के हाथों में 90,000 करोड़ रूपये से अधिक उपलब्‍ध करा दिया है।

प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियों के साथ परस्‍पर संवाद

      प्रधानमंत्री ने वर्चुअल तरीके से कर्नाटक, गुजरात एवं मध्‍यप्रदेश के तीन प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियों के साथ परस्‍पर संवाद किया जो योजना के आरंभिक लाभार्थियों में से है। प्रधानमंत्री की इन सोसायटियों के प्रतिनिधियों के साथ उनके वर्तमान प्रचालनों और किस प्रकार वे ऋण का उपयोग करने की योजना बनाते हैं, को समझने के लिए परस्‍पर गहन चर्चा हुई। सोसायटियों ने गोदाम बनवाने, ग्रेडिंग और सॉर्टिंग इकाईयों की स्‍थापना करने, जो सदस्‍य किसानों को उनकी उपज के लिए उच्‍चतर मूल्‍य सुनिश्चित करेगा, के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

राष्‍ट्र के नाम संबोधन       

      प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियों के साथ अपने परस्‍पर संवाद के बाद, प्रधानमंत्री ने राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में विश्‍वास जताया कि किस प्रकार किसानों और कृषि क्षेत्र को इस योजना से लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि यह योजना किसानों और कृषि क्षेत्र को वित्‍तीय प्रोत्‍साहन उपलब्‍ध करायेगी और वैश्विक स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धा करने की भारत की क्षमता में बढोत्‍तरी करेगी।

      प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत के पास वेयरहाउसिंग, कोल्‍ड चेन और खाद्य प्रसंस्‍करण जैसे फसल उपरांत प्रबंधन समाधानों में निवेश करने, और जैविक तथा प्रतिबलित खाद्यों  जैसे क्षेत्रों में वैश्विक उपस्थिति का निर्माण करने की विशाल संभावना है। उन्‍होंने यह भी उल्‍लेख किया कि यह योजना कृषि स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए लाभ उठाने तथा प्रचालनों को बढ़ाने का एक अच्‍छा अवसर प्रदान करता है और इस प्रकार एक ऐसे परितंत्र का निर्माण करता है जो देश के प्रत्‍येक हिस्‍से में किसानों तक पहुंचता है।

      प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना के कार्यान्‍वयन की गति पर संतोष व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने यह भी नोट किया कि इस कार्यक्रम का दायरा इतना व्‍यापक है कि आज जारी निधियां कई देशों की एक साथ मिलाकर उनकी सारी आबादी से भी अधिक लोगों तक पहुंच गई है। उन्‍होंने राज्‍यों को पंजीकरण से लेकर संवितरण तक समस्‍त प्रक्रिया के जरिये कार्यान्‍वयन तथा किसानों की सहायता में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राज्‍यों को भी बधाई दी।

      केन्‍द्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

कृषि अवसंरचना निधि

      कृषि अवसंरचना निधि ब्‍याज माफी तथा ऋण गारंटी के जरिये फसल उपरांत प्रबंधन अवसंरचना एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्‍यावहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्‍यम-दीर्धकालिक कर्ज वित्‍त-पोषण सुविधा है। इस योजना की अवधि वित्‍त वर्ष 2020 से 2029 (10 वर्ष) होगी। इस योजना के तहत 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की ऋण माफी तथा दो करोड़ रूपये तक ऋण के लिए सीजीटीएमएसई स्‍कीम के तहत ऋण गारंटी कवरेज़  के साथ ऋण के रूप में बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रूपये उपलब्‍ध कराये जायेंगे। लाभार्थियों में किसानपैक्‍सविपणन सहकारी सोसायटियांएफपीओएसएचजीसंयुक्‍त जवाबदेही समूह (जेएलजी)बहुउद्देशीय सहकारी समितियांकृषि उद्यमीस्‍टार्ट-अप्‍स और केन्‍द्रीय/राज्‍य एजेंसियां या सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजना प्रायोजित स्‍थानीय निकाय शामिल हैं।

पीएम-किसान   

      पीएम-किसान योजना दिसम्‍बर 2018 में सभी खेतिहर किसानों (उच्‍च विशिष्‍ट बहिष्‍करण मानदंडों के अध्‍यधीन) को नकदी लाभ के द्वारा आय सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए आरंभ की गई थी, जिससे कि‍ उन्‍हें उनकी कृषि संबंधी आवश्‍यकताओं को पूरा करने तथा उनके परिवारों की सहायता करने में सक्षम बनाया जा सके। इस योजना के तहत योग्‍य लाभार्थी किसानों को तीन समान किस्‍तों में प्रतिवर्ष 6000 रूपये की वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराई जाती है।

कृषि क्षेत्र के लिए एक नया युग

      ये कदम प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देश के तहत भारत सरकार द्वारा किये गये सुधारों की श्रृंखला में नवीनतम है। ये उपाय सामूहिक रूप से भारत में कृषि क्षेत्र के लिए एक नये युग का सूत्रपात करेंगे और ये भारत के किसानों के कल्‍याण तथा आजीविका की निरंतरता सुनिश्चित करने के प्रयोजन को पूरा करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं।

Related Articles

Back to top button