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प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की छठी प्रशासनिक परिषद बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नीति आयोग की छठी प्रशासनिक परिषद बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की प्रगति का आधार सहकारी संघवाद है और आज की बैठक, इसे और अधिक सार्थक बनाने और प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की ओर बढ़ने पर विचार-विमर्श करने के लिए है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब राज्य और केंद्र सरकारों ने एक साथ काम किया तो पूरे देश को सफलता मिली। उन्होंने कहा कि आज की बैठक का एजेंडा, देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर गरीब को पक्का घर उपलब्ध कराने का अभियान भी चल रहा है। शहरों और गांवों को मिलाकर, 2014 से अब तक 2 करोड़ 40 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के शुरू होने के 18 महीनों के भीतर 3.5 लाख से अधिक ग्रामीण घरों में पाइप से पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने कहा कि गांवों में इंटरनेट सुविधा के लिए, भारत नेट योजना एक बड़े बदलाव का माध्यम बन रही है। जब केंद्र और राज्य सरकारें ऐसी सभी योजनाओं में एक साथ काम करेंगी तो काम की गति बढ़ेगी और लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट पर मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया ने राष्ट्र की भावना को व्यक्त किया है। देश ने अपना मन बना लिया है, देश तेजी से आगे बढ़ना चाहता है और समय बर्बाद नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि देश का निजी क्षेत्र इस विकास यात्रा में और अधिक उत्साह के साथ आगे आ रहा है। एक सरकार के रूप में, हमें  निजी क्षेत्र के इस उत्साह ऊर्जा का सम्मान करना चाहिए और उन्हें आत्‍मनिर्भर भारत अभियान में अधिक से अधिक अवसर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत अभियान एक ऐसा भारत विकसित करने का माध्यम है, जो न केवल अपनी जरूरतों, बल्कि दुनिया के लिए भी उत्पादन करे और ये उत्पाद वैश्विक परीक्षणों पर भी खरा उतरें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे युवा देश की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक अवसंरचना का निर्माण किया जाना चाहिए। नवाचार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और शिक्षा और कौशल के बेहतर अवसर के लिए प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने हमारे व्यवसायों,  एमएसएमई और स्टार्ट-अप को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश के सैकड़ों जिलों के उत्पादों की विशेषता के आधार पर पहचान की गयी है, जिससे उन्हें बढ़ावा मिला है और राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी बढ़ी है। उन्होंने इसे प्रखंड स्तर तक ले जाने, राज्यों के संसाधनों का पूरा उपयोग करने और राज्यों से निर्यात बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और नीतिगत ढांचे के महत्व पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के क्रम में विभिन्न क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की शुरूआत की है। उन्होंने राज्यों से इस योजना का पूरा फायदा लेने, अधिकतम निवेश आकर्षित करने और कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कमी का लाभ उठाने का आग्रह किया।

इस बजट में अवसंरचना के लिए आवंटित धनराशि के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को कई स्तरों पर आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने राज्यों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके बजट में विकास को गति देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि 15 वें वित्त आयोग के अंतर्गत स्थानीय निकायों के आर्थिक संसाधनों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। स्थानीय शासन सुधारों में प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ सार्वजनिक भागीदारी भी बहुत महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों के आयात में लगभग 65,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, जिसे हमारे किसानों के पास जाना चाहिए। इसी तरह कई कृषि उत्पाद हैं, जिनकी आपूर्ति न केवल देश के लिए, बल्कि दुनिया के लिए भी की जा सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि सभी राज्य अपनी कृषि-जलवायु क्षेत्रीय योजना रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि कृषि से लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन तक पर समग्र दृष्टिकोण अपनाया गया है। परिणामस्वरूप, कोरोना के समय में भी देश के कृषि निर्यात में काफी वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री ने कृषि-उत्पादों की बर्बादी को कम करने के लिए भंडारण और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने मुनाफे को बढ़ाने के लिए कच्चे खाद्य पदार्थों की बजाय प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को निर्यात करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुधार बहुत जरूरी हैं, ताकि हमारे किसानों को आवश्यक आर्थिक संसाधन, बेहतर अवसंरचना और आधुनिक तकनीक प्राप्त करने में सुविधा हो।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हाल ही में ओएसपी नियमों में सुधार किया गया है, जो युवाओं को कहीं से भी काम करने की सुविधा देता है और हमारे प्रौद्योगिकी क्षेत्र को इससे काफी फायदा हुआ है। कई प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में भू-स्थानिक डेटा को उदार बनाया गया है। इससे हमारे स्टार्टअप और तकनीकी क्षेत्र को मदद मिलेगी और यह आम आदमी के जीवनयापन को भी आसान बनाएगा।

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