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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (प्रधानमंत्री-किसान) छोटे एवं सीमान्त कृषक परिवारों को आय सहायता उपलब्ध कराने के द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आरंभ की गई

नई दिल्ली: सरकार छोटे एवं सीमान्त किसानों को आश्वस्त आय सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (प्रधानमंत्री-किसान) कार्यक्रम आरंभ कर रही है। इस कार्यक्रम के तहत 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि रखने वाले निर्बल भू-धारक किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपए तक की प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह आय सहायता 2000 रुपए प्रत्येक की तीन समान किस्तों में लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में सीधे अंतरित कर दी जाएगी। इससे लगभग 12 करोड़ छोटे एवं सीमान्त कृषक परिवारों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। इस पर 75,000 करोड़ रुपए का वार्षिक व्यय होगा। प्रधानमंत्री-किसान योजना न केवल अधिकांश निर्बल कृषक परिवारों को आश्वस्त सहायक आमदनी उपलब्ध कराएगी बल्कि यह विशेष रुप से फसल कटाई के मौसम से पूर्व उनकी आकस्मिक आवश्यकताओं की भी पूर्ति करेगी। प्रधानमंत्री-किसान योजना किसानों के लिए आय एवं एक सम्मानजनक जीवन व्यतीत करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

लाभ की गणना के प्रयोजन से एक छोटे एवं सीमान्त भू-धारक कृषक परिवार की व्याख्या एक ‘ऐसे परिवार के रूप में की जाती है जिसमें पति, पत्नी एवं छोटे बच्चे (18 वर्ष की उम्र तक के) होते हैं तथा जो सामूहिक रुप से संबंधित राज्य/संघ शासित प्रदेश के भूमि रिकार्ड के अनुसार 2 हेक्टेयर तक के खेती योग्य भूमि के स्वामी होते हैं।’

संबधित राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में विद्यमान भूमि स्वामित्व प्रणाली का उपयोग लाभार्थियों की पहचान के लिए किया जाएगा। जिन लोगों के नाम 01.02.2019 तक भूमि रिकार्ड में दर्ज हैं, वे लाभ पाने के योग्य होंगे। अगर किसी भू-धारक कृषक परिवार (एलएफएफ) के पास विभिन्न गांवों/राजस्व रिकार्ड में फैले भूखण्ड हैं, तो लाभ के निर्धारण के लिए उन भूखण्डों को इकट्ठा किया जाएगा। इसी के अनुरुप, यह बेहद महत्वपूर्ण है कि भूमि रिकार्ड स्पष्ट और अद्यतन हों तथा राज्य/संघ शासित प्रदेशों की सरकारों से आग्रह किया जाता है कि वे इस उद्देश्य के लिए तत्काल भूमि रिकार्ड का पूर्ण अद्यतन करें। सभी राज्य/ संघ शासित प्रदेश लाभार्थियों की पहचान का कार्य संपन्न करने तथा किसानों को लाभ का त्वरित वितरण सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे।

भारत सरकार द्वारा लाभ का अंतरण स्टेट नोशनल अकाउंट के जरिए लाभार्थियों के बैंक खातों में किया जाएगा। लाभ के अंतरण के लिए जिलावार लाभार्थियों की सूची भारत सरकार के प्रधानमंत्री किसान पोर्टल पर राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रमाणित एवं अपलोड की जाएगी और फंड स्टेट नोशनल अकाउंट के जरिए भारत सरकार द्वारा लाभार्थियों के बैंक खातों तक मनरेगा की पद्धति के समान ही लाभार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक रुप से अंतरित हो जाएगा। आय समर्थन लाभ से संबंधित निधि सावधिक रुप से योग्य लाभार्थी विवरणों के साथ संबंधित राज्य / संघ शासित प्रदेश सरकार के जरिए फंड हस्तांतरण आदेश की प्राप्ति के आधार पर जारी की जाएगी। राज्य योजना के कार्यान्वयन से संबंधित सभी शिकायतों के निपटान के लिए जिला स्तर शिकायत निपटान समिति को भी अधिसूचित करेंगे।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में सचिव श्री संजय अग्रवाल ने राज्य / संघ शासित प्रदेशों से लाभार्थियों की पहचान करने एवं योग्य कृषक परिवारों के बैंक खातों में भारत सरकार द्वारा निधियों को जारी करने के लिए आवश्यक डाटा अपलोड करने का कार्य तत्काल आरंभ करने का आग्रह किया है। उन्होंने मुख्य सचिवों से व्यक्तिगत रुप से कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी करने तथा प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उनके स्तर पर सावधिक समीक्षा करने का आग्रह किया है।

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