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राष्ट्रपति ने वर्ष 2014, 2015 और 2016 के लिए टैगोर सांस्कृतिक सद्भावना पुरस्कार प्रदान किए

नई दिल्ली: राष्ट्रपति ने आज नई दिल्‍ली में आयोजित एक कार्यक्रम में वर्ष 2014, 2015 और 2016 के लिए टैगोर सांस्कृतिक सद्भावना पुरस्कार क्रमश: श्री राजकुमार सिंहजीत सिंह, छायानट (बांग्‍लादेश का ए‍क सांस्‍कृतिक संगठन) और श्री राम वनजी सुतार को प्रदान किए।

     इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि यह पुरस्‍कार भारत की सांस्‍कृतिक परंपराओं और हमारी सभ्‍यतामूलक संपदा का एक महोत्‍सव है, चाहे यह साहित्‍य का क्षेत्र हो अथवा संगीत का, कला का हो अथवा नाटक का, शिल्‍पकला हो या हस्‍तकला, डिजाइन हो या डिजिटल कला। हमारे देश के प्रत्‍येक क्षेत्र की एक विशिष्‍ट सांस्‍कृतिक पहचान है। इसके बावजूद भी इसका सार है यह कि संस्‍कृति हमें विभाजित नहीं करती, बल्कि सभी भारतीयों और पूरी मानवता को एकता और भाईचारे के सूत्र में पिरोती है।

     पुरस्‍कार विजेताओं के योगदान के बारे में चर्चा करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि श्री राजकुमार सिंहजीत सिंह मणिपुरी नृत्‍य के हमारे सबसे बड़े पुरोधाओं में शामिल हैं। उन्‍होंने मणिपुर की सदियों पुरानी कला की इस विधा को न केवल आधुनिक संवेदनाओं से जोड़ा, बल्कि देश के अन्‍य हिस्‍सों से भी जोड़ा। छायानट एक ऐसा संगठन है जिसने बांग्‍लादेश में रबीन्‍द्रनाथ टैगोर के कार्यों और उनके दर्शन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनका संरक्षण भी किया है। श्री राम वनजी सुतार एक ऐसे शिल्‍पकार और विद्वान हैं, जो कला की एक ऐसी परंपरा का प्रतिनिधित्‍व करते हैं, जो हमारे हजारों वर्ष पुराने प्राचीन अतीत का हिस्‍सा है। इन दिनों वे स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी के लिए काफी जाने जाते हैं।

     इस अवसर पर उपस्थित गणमान्‍य लोगों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी और संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा शामिल हैं।

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