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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने बजट-पूर्व पहल के तहत अर्थशास्त्रियों एवं कारोबारी हस्तियों के साथ आयोजित बैठक की अध्‍यक्षता की

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था के लक्ष्‍य की प्राप्ति के लिए सभी हितधारकों से पूरे फोकस के साथ ठोस एवं अथक प्रयास करने का आह्वान किया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी विभिन्‍न वरिष्‍ठ अर्थशास्त्रियों; प्राइवेट इक्विटी/उद्यम पूंजीपतियों (वेंचर कैपिटलिस्ट); विनिर्माण, यात्रा एवं पर्यटन, परिधान व एफएमसीजी तथा विश्लेषिकी (एनालिटिक्स) क्षेत्रों की कारोबारी हस्तियों और कृषि, विज्ञान व प्रौद्योगिकी एवं वित्‍त के क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ संवाद कर रहे थे।

यह बैठक बजट-पूर्व पहल के तहत आज नई दिल्‍ली स्थित नीति आयोग में आयोजित की गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्‍हें इस बात से अत्‍यंत प्रसन्‍नता हुई कि दो घंटे की खुली परिचर्चा के दौरान जमीनी स्‍तर पर कार्य कर रहे लोगों के साथ-साथ अपने-अपने विशिष्‍ट क्षेत्रों में कार्य कर रही हस्तियों के भी अनुभवों से रूबरू होने का अवसर मिला।

उन्‍होंने कहा कि इससे नीति निर्माताओं और विभिन्‍न हितधारकों के बीच सामंजस्‍य बढ़ जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था का आइडिया अचानक नहीं आया है और यह देश की अंतर्निहित मजबूती की गहरी समझ पर आधारित है।

उन्‍होंने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में खपत करने की सुदृढ़ क्षमता घरेलू अर्थव्‍यवस्‍था के बुनियादी तत्‍वों की मजबूती के साथ-साथ इसके फिर से तेज विकास के पथ पर अग्रसर होने की क्षमता को भी दर्शाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्‍न सेक्‍टरों जैसे कि पर्यटन, शहरी विकास, बुनियादी ढांचागत क्षेत्र और कृषि आधारित उद्योगों में अर्थव्‍यवस्‍था को आगे ले जाने के साथ-साथ रोजगार सृजन की भी अपार क्षमता है।

उन्‍होंने कहा कि खुली परिचर्चाओं के साथ-साथ इस तरह के फोरम में विचार मंथन से सकारात्‍मक विचार-विमर्श और विभिन्‍न मुद्दों की गहरी समझ विकसित होने का मार्ग प्रशस्‍त होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे सकारात्‍मक माहौल को बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही समाज में इस तरह की भावना पनपेगी कि ‘हम यह कर सकते हैं’।

भारत को असीमित संभावनाओं वाला देश बताते हुए प्रधानमंत्री ने सभी हितधारकों से वास्‍तविकता एवं अवधारणा के बीच की खाई को पाटने के लिए अपनी ओर से अथक प्रयास करने का अनुरोध किया।

उन्‍होंने कहा, ‘हम सभी को निश्चित तौर पर मिल-जुलकर काम करना चाहिए और एक राष्ट्र की तरह सोचना शुरू कर देना चाहिए।’

इन परिचर्चाओं में 38 प्रतिनधियों ने भाग लिया जिनमें विभिन्‍न अर्थशास्‍त्री जैसे कि श्री शंकर आचार्य, श्री आर नागराज, सुश्री फरजाना अफरीदी, वेंचर कैपिटलिस्ट श्री प्रदीप शाह, उद्योगपति श्री अप्पाराव मल्लवरापु, श्री दीप कालरा, श्री पतंजलि गोविंद केसवानी, श्री दीपक सेठ, श्री श्रीकुमार मिश्रा, विषय विशेषज्ञ श्री आशीष धवन और श्री शिव सरीन भी शामिल थे।

गृह मंत्री श्री अमित शाह, केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री श्री नितिन गडकरी, रेल एवं वाणिज्‍य मंत्री श्री पीयूष गोयल और कृषि एवं किसान कल्‍याण तथा ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्‍द्र तोमर, विभिन्‍न मंत्रालयों के सचिव, नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष श्री राजीव कुमार और नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री अमिताभ कांत ने भी इस बैठक में भाग लिया।

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