देश-विदेश

प्रधानमंत्री ने दवा उद्योग से ‘कोविड-19’ के लिए आरएनए टेस्टिंग किट के निर्माण पर युद्धस्तर पर काम करने को कहा है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दवा उद्योग के प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कोविड-19’ की चुनौती का सामना करने में दवा उत्पादकों और वितरकों की अत्‍यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि दवा उद्योग को न केवल आवश्यक दवाओं, चिकित्सा किट और उपकरणों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित रखनी चाहिए,  बल्कि इसके साथ ही इस गंभीर बीमारी का अभिनव इलाज ढूंढ़ने के लिए भी अपनी ओर से ठोस कोशिश करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार सक्रिय दवा सामग्री या एक्टिव फार्मास्यूटिकल इन्ग्रेडिएंट्स (एपीआई) की आपूर्ति बनाए रखने में उद्योग की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने देश में इस तरह के एपीआई के निर्माण के विशेष महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि देश में आवश्‍यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने क्रमशः 10,000 करोड़ रुपये और 4,000 करोड़ रुपये की लागत वाली योजनाओं को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री ने दवा उद्योग के दिग्‍गजों से अनुरोध किया कि वे कोविड-19 के लिए आरएनए डायग्नोस्टिक किट के निर्माण पर युद्ध स्तर पर काम करें।

उन्होंने दवाओं के खुदरा विक्रेताओं और औषध निर्माताओं (फार्मासिस्ट) से निरंतर सतर्कता बरतने को कहा, ताकि दवाओं की कालाबाजारी एवं जमाखोरी से निश्चित तौर पर बचा जा सके और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनी रहे। उन्होंने सुझाव दिया कि जहां भी संभव हो, थोक में दवाओं की आपूर्ति को टाला जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में दवा उद्योग के लिए निरंतर काम करना अनिवार्य है और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि दवा सेक्‍टर में कर्मचारियों की कोई कमी नहीं हो। उन्होंने दवा दुकानों में सामाजिक दूरी या एक-दूसरे से आवश्‍यक दूरी बनाए रखने के लिए होम-डिलीवरी मॉडल को तलाशने और वायरस को फैलने से रोकने के लिए डिजिटल भुगतान व्‍यवस्‍था के उपयोग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।

दवा संगठनों ने संकट की इस बेला में प्रधानमंत्री के नेतृत्व के लिए उनका धन्यवाद किया।

इन संगठनों ने क‍हा कि वे आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके साथ ही वे टीके (वैक्‍सीन) विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दवा क्षेत्र के लिए सरकार की नीतिगत घोषणाओं से इस सेक्‍टर को काफी बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने दवा उद्योग के समर्पण भाव एवं प्रतिबद्धता के साथ-साथ जिस जज्‍बे के साथ वे काम कर रहे हैं, उसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि दवा उद्योग पर लोगों को जो भरोसा है उसे ध्‍यान में रखते हुए लोगों को वैज्ञानिक सूचनाएं उपलब्‍ध कराने में भी उद्योग को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

फार्मास्यूटिकल्स सचिव ने आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार के अथक प्रयासों और हवाई अड्डों एवं बंदरगाहों के प्राधिकरणों के साथ मिलकर ठोस काम करने पर प्रकाश डाला। स्वास्थ्य सचिव ने दवा संगठनों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब तक आपूर्ति में कोई कमी नहीं पाई गई है। इसके साथ ही उन्‍होंने प्रोटेक्टिव वियर मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशनों के साथ सहयोग के बारे में भी बताया।

केंद्रीय शिपिंग, रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के स्वास्थ्य, कपड़ा, औषधि विभाग में सचिव और भारतीय फार्मास्यूटिकल गठबंधन, भारतीय दवा निर्माता संघ, भारतीय फार्मास्यूटिकल उत्पादक संगठन, ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स, टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स, बल्क ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री सहित फार्मास्यूटिकल संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने इस विचार-विमर्श में भाग लिया।

Related Articles

Back to top button