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रविशंकर ने हाईकोर्ट के जजों को लिखा पत्र, कहा- महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को राष्ट्रीय चिंता

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों और 25 उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को महिलाओं के खिलाफ अपराध में तेजी से जांच और सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा। मुख्यमंत्रियों को भेजे पत्र में उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों की जांच दो महीनों में पूरी हो। उन्होंने उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित अदालतें छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी करें। जांच और सुनवाई की समय सीमा 2018 में संसद द्वारा पारित आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम का हिस्सा है। पत्र में आगे कहा गया है, हम इसका श्रेय अपनी बेटियों और बहनों और उनके परिवारों को देते हैं, जो इन जघन्य अपराधों का दुर्भाग्यपूर्ण शिकार हुए हैं। केंद्र सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों में हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा राष्ट्रीय चिंता का विषय है। भारत में जल्द ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के 1.66 लाख से अधिक मामलों की सुनवाई के लिए 1,023 त्वरित अदालतें स्थापित होंगी।

भारत सरकार द्वारा भेजे प्रस्ताव के मुताबिक इनमें से प्रत्येक अदालत हर साल 165 से अधिक ऐसे मामलों का निपटारा कर सकती है। Source अमर उजाला

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