उत्तर प्रदेश

निजी चिकित्सालयों तथा निजी नर्सिंग होम के पंजीकरण की अवधि 31 दिसम्बर तक बढ़ी: अमित मोहन प्रसाद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां लोक भवन स्थित मीडिया सेल में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने सभी जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी प्रवासी कामगार/श्रमिक पैदल अथवा बाइक से यात्रा न करने पाए। इसके लिए प्रत्येक जनपद के हर थाना क्षेत्र में एक टीम गठित करते हुए पैदल अथवा बाइक से यात्रा करने वाले प्रवासी कामगार/श्रमिकों को रोका जाए। उन्होंने ट्रक आदि असुरक्षित वाहनों से सवारी ढोने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। राज्य सरकार कामगारों/श्रमिकों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार व्यवस्था कर रही है। सभी अधिकारी व कर्मचारी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाते हुए इनकी हर सम्भव मदद करें। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को सबसे पहले पेयजल एवं भोजन उपलब्ध कराया जाए। उसके बाद उनकी स्क्रीनिंग करके उनके गंतव्य तक सुरक्षित व सम्मानजनक ढंग से पहुंचाया जाए। प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि सम्बन्धित राज्यों के पुलिस महानिदेशक से संवाद कायम करते हुए उनसे अनुरोध किया जाए कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को ट्रक से न भेजा जाए, बल्कि बस अथवा रेल जैसे सुरक्षित साधनों का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि विभिन्न राज्यों से ट्रेन के माध्यम से आने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने के लिए आवश्यकतानुसार बसों की व्यवस्था की जाए। सम्बन्धित जिलाधिकारी रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त संख्या में बसों की उपलब्धता सुनिश्चित करातेे हुए वहां एक टीम की सतत तैनाती की व्यवस्था भी करें। राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें उपलब्ध न होने की स्थिति में निजी बस अथवा स्कूली बस आदि भी प्रयुक्त की जाएं। बसों के ड्राइवर, परिचालक, सुरक्षाकर्मी आदि के लिए मास्क, ग्लव्स तथा सेनिटाइजर की अनिवार्य रूप से व्यवस्था की जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के आगमन को देखते हुए क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए। क्वारंटीन सेन्टर में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि क्वारंटीन सेन्टर/आश्रय स्थल में साफ-सफाई तथा सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध हों। क्वारंटीन सेन्टर पर प्रवासी कामगार/श्रमिक का चेकअप कराकर स्वस्थ लोगों को होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। अस्वस्थ पाए गए लोगों के उपचार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि क्वारंटीन सेन्टर में किसी भी दशा में मांस अथवा मादक द्रव्यों का प्रयोग न होने पाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था में जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए प्रत्येक जनपद हेतु आई0ए0एस0 अधिकारी अथवा वरिष्ठ पी0सी0एस0 अधिकारी को नामित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि यह अधिकारी क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन की साफ-सफाई व्यवस्था, भोजन की उपलब्धता का नियमित निरीक्षण कर अपनी आख्या सम्बन्धित मण्डलायुक्त को उपलब्ध कराएं। होम क्वारंटीन में रहने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की निगरानी के लिए प्रत्येक राजस्व ग्राम तथा शहरी निकायों के वाॅर्ड मंे निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से इन समितियों के सदस्यों से नियमित संवाद बनाया जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए। लाॅकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए। प्रत्येक स्तर पर इसकी समीक्षा की जाए। उन्होंने सोशल डिस्टंेसिंग का पालन कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए दिल्ली तथा एन0सी0आर0 से पर्याप्त संख्या में रेलगाड़ी चलवायी जाएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि एल-1 चिकित्सालय में हर 10 बेड पर आॅक्सीजन तथा एल-2 अस्पताल में प्रत्येक बेड पर आॅक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। एल-2 हाॅस्पिटल में वेंटीलेटर की व्यवस्था भी होनी चाहिए। कोविड हाॅस्पिटल में भर्ती कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को समय पर जलपान एवं भोजन उपलब्ध कराए जाए। इन अस्पतालों में साफ-सफाई और उपचार की बेहतर व्यवस्था की जाए।  प्रत्येक दशा में सभी वेंटीलेटर क्रियाशील रहने चाहिए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए पूल टेस्टिंग को अपनाया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि करते हुए इसे 10,000 टेस्ट प्रतिदिन किया जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए चिकित्साकर्मियों की ट्रेनिंग का कार्य सतत संचालित किया जाए। एम्बुलेंस के चालक व उसके सहायक को भी इस सम्बन्ध में प्रशिक्षित किया जाए तथा उन्हें मास्क, ग्लव्स एवं सेनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएं। कोरोना पाॅजिटिव मरीजों का ट्रांसपोर्टेशन करने वालों को पी0पी0ई0 किट भी उपलब्ध करायी जाए। सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ओ0पी0डी0 सेवाओं को छोड़कर, स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल के अनुरूप इमरजेंसी तथा आवश्यक आॅपरेशन की कार्यवाही शुरू की जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में उद्योगों के पुनः संचालन की दृष्टि से इन इलाकों मंे श्रमिकों की उपलब्धता का आकलन किया जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क निर्माण के साथ-साथ विक्रय के लिए भी प्रोत्साहित किया जाए। ठेले आदि के माध्यम से मास्क की बिक्री की व्यवस्था की जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी ने लगभग 20 लाख करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया है। उन्होंने बताया कि एम0एस0एम0ई0, पावर सेक्टर, प्रवासी कामगार/श्रमिक, कृषि, पटरी व्यवसायी तथा युवाओं आदि के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित इस पैकेज के उत्तर प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों के साथ आज एक बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पटरी व्यवसाइयों के लिए केन्द्र सरकार ने पैकेज घोषित किया है। पैकेज में की गई व्यवस्था के अनुसार इन्हें ऋण उपलब्ध कराने के लिए एम0एस0एम0ई0 विभाग की भांति लोन मेला आयोजित किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि राजस्थान में टिड्डी दल आगमन के मद्देनजर राजस्थान की सीमा से लगे प्रदेश के इलाकों में निगरानी और सतर्कता बरती जाए। टिड्डी नियंत्रण गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना बनाने का कार्य भी प्रारम्भ किया जाए।

श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 13.50 लाख लोग आ चुके हैं। प्रदेश में 01 मार्च से 30 अप्रैल तक 6.50 लाख लोग प्रदेश में आये हैं। प्रदेश में अब तक 380 टेªन के माध्यम से लगभग 4.69 लाख प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं। बसों के माध्यम से विभिन्न प्रदेशों से लगभग 70 हजार लोग आए हैं। जबकि लगभग 1.50 लोग निजी वाहनों से प्रदेश में आये हैं। प्रदेश में आ रहे कामगार एवं श्रमिकों को मेडिकल स्क्रीनिंग के उपरान्त खाद्यान्न देकर होम क्वारंटाइन हेतु घर भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में 57 ट्रेन से 62,680, लखनऊ में 34 ट्रेन से 39,905, प्रयागराज में 25 ट्रेन से 31,431, जौनपुर में 25 ट्रेन से 32,419, बलिया में 14 ट्रेन से 17,568, वाराणसी में 18 ट्रेन से 22,357, आगरा में 05 ट्रेन से 6,433, कानपुर में 08 ट्रेन से 10,133 प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं। वर्तमान में प्रदेश के 48 रेलवे स्टेशन पर टेªन का आवागमन हो रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 250 और टेªन की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में गुजरात से रिकार्ड 201 टेªन आ चुकी हैं जबकि महाराष्ट्र से 72, कर्नाटक से 13, पंजाब से 67, केरल से 05, तेलंगाना से 05, आन्ध्र प्रदेश से 02, राजस्थान से 07 तमिलनाडु से 03, मध्य प्रदेश से 02 तथा गोवा से 01 टेªन के माध्यम से प्रवासी कामगार एवं श्रमिक को लाया गया है।

श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार विभिन्न राज्यों से आ रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों एवं अन्य लोगों को बसों द्वारा उनके गृह जनपद भेजते हुए चिकित्सकीय जांच के उपरान्त स्वस्थ पाये जाने पर उन्हें होम क्वारेंटाइन कराया जा रहा है। प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को उनके गृह जनपद भेजे जाने के लिए यूपीएसआरटीसी की 9,267 बसें तथा यूपीएसआरटीसी अनुबंधित 2,697 बसें इस प्रकार कुल 11,964 बसें लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति पैदल या साइकिल से यात्रा न करे। जन सुनवाई पोर्टल पर प्रदेश में वापसी हेतु आये हुए अनुरोध के डाटा को सम्बंधित राज्य के सम्बंधित जिलाधिकारी को भेजा जा रहा है। प्रदेश में वापस आने के इच्छुक लोग अपने अनुरोध के क्रम में वहां के स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क कर उत्तर प्रदेश में वापस आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिण के राज्यों से भी उत्तर प्रदेश के लिए टेªनों का संचालन शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रदेशों से लगभग 90 से 01 लाख लोगों को प्रदेश में प्रतिदिन लाया जा रहा है।

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 72 जनपदों में 1773 मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 2080 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। अब तक प्रदेश के 75 जिलों से 3945 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 1871 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में तथा 9911 लोग फैसलिटी क्वारेंटाइन में रखे गये हैं। उन्होंने बताया कि कल 426 पूल टेस्टिंग मेें 2082 सैम्पल टेस्ट किये गयेे, जिसमें 35 पूल पाॅजीटिव पाये गये। प्रदेश में अब पूल टेस्ट में 05 सैम्पल से बढ़ाते हुए 10 सैम्पल का टेस्ट किया जायेगा, जिसे आगे और भी बढ़ाया जायेगा। आईसीएमआर द्वारा 25 सैम्पल प्रति पूल टेस्ट करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। प्रदेश में चिकित्सा विभाग की 75,006 सर्विलांस टीमों के माध्यम से सर्वेक्षण में 3.07 करोड़ लोगों का सर्वे कर लक्षण के आधार पर सैम्पलिंग की गई है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु अलर्ट जनरेट होने पर 6500 से अधिक लोगों को कन्ट्रोल रूम से काॅल किया है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम एवं निजी चिकित्सालय का पंजीकरण 31 दिसम्बर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

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