उत्तर प्रदेश

बच्चों के व्यक्तित्व विकास में माताओं की भूमिका अहम: डा. (श्रीमती) भारती गाँधी

लखनऊ: सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास में माताओं की अहम भूमिका है। माँ बच्चे की प्रथम गुरू होती है और उसी पर यह बड़ा उत्तरदायित्व है कि वह प्रारम्भ से ही बच्चे में ऐसे बीज बोए कि वे बड़े होकर एक आदर्श व्यक्ति बनें जिसमें शिक्षक उत्कृष्टता के साथ ही मानवीय गुण जैसे दया, करूणा, प्रेम व शान्ति के भाव बसते हैं। डा. गांधी ने आगे कहा कि माताओं को हर प्रयास करना चाहिए कि बच्चों को सवस्थ व पौष्टिक आहार, उपयुक्त खेलकूद, व्यायाम व एक हंसता-खेलता खुशहाल वातावरण मिले, जिसमें वे शारीरिक, बौद्धिक व आध्यात्मिक रूप से पूर्णतः विकसित हों। इससे पहले,  सी.एम.एस. के संगीत शिक्षकों ने सुमधुर भजनों की श्रृंखला प्रस्तुत कर सम्पूर्ण आडिटोरियम को आध्यात्मिक आलोक से प्रकाशित कर दिया तथापि उपस्थित सत्संग प्रेमियों को सुखद अनुभूति करायी।

            विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. अशर्फाबाद कैम्पस के छात्रों ने शानदार आध्यात्मिक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्कूल प्रार्थना, सर्व-धर्म प्रार्थना एवं प्रार्थना गीत के पश्चात छात्रों ने जीवनमूल्यों पर सार्थक चर्चा-परिचर्चा की, जिसे सभी ने खूब सराहा। छात्रों ने नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाया कि स्वस्थ जीवन के लिए भोजन में विटामिन व खनिज तत्वों की उपलब्धता जरूरी है। छात्रों ने योगासन के प्रस्तुतिकरण द्वारा व्यायाम की महत्ता से अवगत कराया। माताओं द्वारा प्रस्तुत समूह गीत को भी सभी ने खूब सराहा। विश्व एकता सत्संग में आज विभिन्न धर्मावलम्बियों ने भी सारगर्भित विचार रखे। सत्संग का समापन संयोजिका श्रीमती वंदना गौड़ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

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