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श्री नितिन गडकरी ने एमएसएमई के प्रौद्योगिकी केंद्रों, विस्तार केंद्रों और उद्यम एक्सप्रेस का वर्चुअल रूप से उद्घाटन किया

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और मध्य प्रदेश के भोपाल में दो प्रौद्योगिकी केंद्रों, बड़े प्रौद्योगिकी केंद्रों के तीन विस्तार केंद्रों और सात मोबाइल उद्यम एक्सप्रेस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री गडकरी ने कहा कि अगर देश को गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी की तीन बड़ी समस्याओं से निपटना है तो हमें रोजगारों का सृजन करना होगा। श्री नितिन गडकरी ने ज्ञान को धन में परिवर्तित करने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए जिलावार विकास योजना के बारे में जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी केंद्रों को स्थानीय उद्योगों के साथ समन्वय, सहयोग और संचार स्‍थापित करना चाहिए।

भारतीय युवाओं के लिए अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में मौजूद व्‍यापक संभावनाओं का जिक्र करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि देश के युवाओं को सफल होने के लिए अवसर, सहायता और उपकरण की जरूरत है। श्री गडकरी ने कहा कि सरकार के सभी विभागों को किसी स्‍थान का सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य बदलने के लिए समन्वित तरीके से काम करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में कच्चा माल, युवा और कुशल जनशक्ति के लिए व्‍यापक संभावनाएं हैं और सरकार सभी उद्यमियों की सहायता करने के लिए तैयार है। हमें आईआईटी, इंजीनियरिंग कॉलेजों और समाज में सफल व्यक्तियों का सहयोग लेने की जरूरत है। श्री गडकरी ने एकीकृत सोच की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए सभी हितधारकों का एक मंच पर आने, मिलकर सोचने और मिलकर काम करने का आह्वान किया। भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र का जिक्र करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि हमारा लक्ष्‍य अगले पांच वर्षों के दौरान  देश के ऑटोमोबाइल उद्योग को मौजूदा साढ़े चार लाख करोड़ रुपये के स्‍तर से बढ़ाकर दस लाख करोड़ रुपये करने का है।

उन्‍होंने सभी प्रौद्योगिकी केन्‍द्रों और विस्तार केन्‍द्रों के कार्य प्रदर्शन का ऑडिट करने पर जोर दिया। उन्होंने सर्व संबंधितों से इस प्रणाली को परिणामजनित, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर एमएसएमई राज्य मंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि इन केन्‍द्रों में लगभग 2,50,000 छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और टूल रूम सामान्य डिजाइनिंग से लेकर रोबोटिक्स क्षेत्र का कार्य करता है। मोबाइल उद्यम एक्सप्रेस का जिक्र करते हुए श्री सारंगी ने कहा कि ये मोबाइल वैन गांवों में जाएंगी और लोगों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उद्यमिता के सभी पहलुओं के बारे में जागरूक बनाएंगी। उन्होंने कहा कि ये वैन लोगों को एमएसएमई के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करेंगी।

पूरे देश में नए प्रौद्योगिकी केन्द्रों और विस्तार केन्द्रों की स्थापना द्वारा एमएसएमई मंत्रालय का उद्देश्‍य अधिक से अधिक राज्‍यों और क्षेत्रों को शामिल करते हुए वर्टिकल के साथ-साथ क्षैतिज विस्‍तार के साथ भविष्‍य के लिए तैयार इन नए प्रौद्योगिकी केन्द्रों के माध्यम से प्रौद्योगिकी केन्द्रों के नेटवर्क के भौगोलिक पदचिह्नों को और आगे बढ़ाना है।

यह अनुमान है कि इन नए टीसीएस/ईसीएस केन्‍द्रों की स्थापना के बाद देश में चार लाख प्रशिक्षुओं और एक लाख एमएसएमई की सहायता करने के लिए अतिरिक्त क्षमता का सृजन होगा, ताकि देश में प्रौद्योगिकी, इनक्यूबेशन, कौशल और परामर्श सहायता उपलब्‍ध हो और एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी हो, नए एमएसएमई का सृजन हो और देश में नियोजित/बेरोजगार युवाओं की रोजगार क्षमता में बढ़ोतरी हो।

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