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श्री पासवान ने नए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियमों और नियमावलियों को तैयार करने के लिए 15 सितंबर तक सुझाव आमंत्रित किए

नई दिल्ली: उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सावर्जनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत नियमों और नियमावलियों को तैयार करने पर लोकसभा व राज्‍यसभा के कई सांसदों सहित उपभोक्‍ता कार्य विभाग के मौजूदा और पूर्व सचिवों तथा मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों और मीडिया कर्मियों के साथ विस्‍तार से चर्चा की। बैठक में नए उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के विभिन्‍न महत्‍वपूर्ण पक्षों पर चर्चा की गई, जिनमें केन्‍द्रीय उपभोक्‍ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए), राज्‍य और राष्‍ट्रीय आयोग मध्‍यस्‍थता, ई-वाणिज्‍य नियम, भ्रामक विज्ञान आदि मुद्दे शामिल थे।

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए श्री पासवान ने बताया कि संसद में विधेयक पर चर्चा के दौरान जिन सांसदों ने सुझाव दिए थे, उन्‍हें खुली चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया, ताकि अधिक से अधिक सुझावों को नियमों में शामिल किया जा सके। श्री पासवान ने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि सभी सांसदों ने दलीय राजनीति से ऊपर उठकर चर्चा में हिस्‍सा लिया। सांसदों ने देश के उपभोक्‍ताओं के जीवन को प्रभावित करने वाले तमाम महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर विचार व्‍यक्‍त किए।

उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सावर्जनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने सभी सांसदों, सचिवों, अधिकारियों और मीडिया कर्मियों को आमंत्रित किया कि वे नियमों व नियमावलियों को बनाने के संबंध में अपने अन्‍य सुझाव लिखित में 15 सितंबर, 2019 तक उपभोक्‍ता कार्य सचिव श्री अविनाश के. श्रीवास्‍तव को सौंप दें। श्री पासवान ने कहा कि मंत्रालय का प्रयास है कि सभी सुझावों पर कानूनी ढांचे के अंतर्गत विचार किया जाए और उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत समग्र नियमों और नियमावलियों का मसौदा सकारात्‍मक रूप से तैयार हो सके।

श्री पासवान ने कहा कि किसी भी अधिनियम के तहत नियम और नियमावली तैयार करने में आमतौर से 1 या 2 वर्ष का समय लगता है। इसके मद्देनजर उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत सभी नियम अगले तीन माह में तैयार कर लिए जाएंगे और 31 दिसंबर, 2019 के पहले उन्‍हें अधिसूचित कर दिया जाएगा। विधेयक के दायरे से स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को बाहर रखने के बारे में श्री पासवान ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए नियम पूर्व की तरह कायम रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के विचारों पर भी गौर किया गया है और उपभोक्‍ता अपने अधिकारों के उल्‍लंघन होने पर उपभोक्‍ता मंचों पर अपना मामला ले जाने के लिए मुक्‍त हैं। कई सांसदों ने श्री रामविलास पासवान द्वारा विभिन्‍न दलों के साथ बैठक करने और उनके सुझाव मांगने की पहल की सराहना की। आज दिए गए कई सुझावों को दर्ज किया गया और नियमों तथा नियमावलियों में उन्‍हें शामिल करने पर विचार किया जाएगा।

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