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देश में स्टार्टअप्स आत्मनिर्भर भारत के नए विजेता हैं: श्री गोयल

केंद्रीय रेल, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (एनएसएसी) की पहली बैठक की अध्यक्षता की। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग ने राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद का गठन किया है जिससे सरकार को देश में नवाचार और स्टार्टअप के पोषण के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने के लिए आवश्यक उपायों पर सलाह दी जा सके। देश में सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में यह परिषद सलाहकार की भूमिका में है। इस परिषद में पदेन सदस्यों के अलावा, कई गैर-आधिकारिक सदस्य जैसे कि कई स्टार्टअप्स के संस्थापक, ऐसे लोग जो अपने व्यवसाय को भारत बड़ी कंपनियों के रूप में स्थापित कर चुके हैं, स्टार्टअप में निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम व्यक्ति, इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग तथा औद्योगिक संघों के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल हैं।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री गोयल ने कहा कि यह परिषद भारत में कई उभरते स्टार्टअप उद्यमियों के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश के इतिहास में पहली बार है जब निजी क्षेत्र और सरकार के लोगों की ऐसी उच्चस्तरीय टीम एक साथ आई है, ताकि ‘आप अपने के नीतिगत निर्णय खुद लें’।

श्री गोयल ने विभिन्न समस्याओं के अभिनव समाधान खोजने के लिए सभी क्षेत्रों में स्टार्टअप्स द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारत इनोवेशन और लीक से हटकर सोचने का केंद्र है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप आंदोलन ने पिछले 5 वर्षों में उद्यमशीलता की भावना को उभारा है। “हमने माननीय प्रधानमंत्री के ‘स्टार्टअप इंडिया’ विज़न की प्राप्ति की दिशा में राष्ट्रीय स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक हितधारकों के जबरदस्त प्रयासों को देखा है।”

श्री गोयल ने स्टार्टअप्स को आत्मनिर्भर भारत के नए विजेता के रूप में बताते हुए कहा कि हमारे पास विश्व का सबसे बड़ा और सबसे नवीन स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रगति को बढ़ावा देने में हमेशा मददगार सहयोगी की भूमिका में रही है और आगे भी रहेगी। राष्ट्रीय भागीदारी और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक “स्टार्टअप इंडिया” बनाने का आह्वान करते हुए, मंत्री महोदय ने छात्रों को नवाचार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल स्तर पर उद्यमिता के बीज बोने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सफल उद्यमियों से अपने ज्ञान, अनुभव, विचारों को साझा करने के साथ-साथ छात्रों और युवाओं का मार्गदर्शन करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत, टियर-II और टियर-III शहरों में लोगों के पास कई अनोखे आइडियाज हैं जिन पर काम करके सफल बनाने की जरूरत है।

उद्योग मंत्री ने यह भी कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया: द वे अहेड’ के लक्ष्यों को साकार करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस अभियान को प्रधानमंत्री ने इस साल जनवरी में लॉन्च किया था। उन्होंने कहा कि इससे भारत को उस मंच पर पहुंचने में मदद मिलेगी, जहां दुनिया भर के देश भारत की उपलब्धियों के आधार पर अपने स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करना चाहेंगे। इससे ‘स्टार्टअप इंडिया’ को वैश्विक मंच मिलेगा।

श्री गोयल ने कहा कि सरकार नियामक के बजाय मददगार के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सामूहिक रूप से हमें समस्याओं को कम करने के लिए अपने प्रयासों को अधिकतम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत के लागत प्रभावी समाधान गरीबों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध हों।

बैठक के दौरान प्रतिभागियों ने स्टार्टअप इकोसिस्टम पर कई सार्थक सुझाव दिए और अपने विचार साझा किए कि कैसे विभिन्न उपायों के माध्यम से इसे मजबूती प्रदान की जा सकती है।

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