उत्तर प्रदेश

जनता, किसानों और उद्यमियों के हितों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध: धर्मपाल सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह के साथ आज विधान भवन स्थित उनके कार्यालय कक्ष में उत्तर प्रदेश में अण्डा संचरण के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के पोल्ट्री व्यवसाय से जुडे़ किसानों एवं उद्यमियों तथा नेशनल एग क्वारडिनेशन कमेटी (एनईसीसी) के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इस दौरान पंजाब तथा हरियाणा के अण्डा उद्योग से जुड़े उद्यमी मौजूद थे। श्री सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा के उद्यमियों से दुग्धशाला विकास नीति तथा कुक्कुट विकास नीति के तहत प्रदेश में निवेश करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार उद्यमियों को हर प्रकार की सहायता एवं सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि अण्डा संचरण हेतु प्रतिनिधिमण्डल द्वारा दिये गये सुझावों पर विचार कर निर्णय लिया जायेगा और अण्डा व्यवसाय से जुड़े सभी लोगों के आर्थिक उन्नयन के लिए कार्य किया जायेगा।
इस अवसर पर श्री धर्मपाल ने कहा कि प्रदेश को अण्डा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और जनसामान्य को गुणवत्तायुक्त अण्डों की उचित दरों पर उपलब्धता सुनिश्चित कराना सरकार की प्राथमिकता है। जनता, किसानों और उद्यमियों के हितों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुक्कुट उत्पादन में मांग के सापेक्ष उपलब्धता में अंतर (गैप) को पूर्ण कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने तथा निर्यातोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से कुक्कुट विकास नीति-2022 लागू की गई। उन्होंने कुक्कुट विकास नीति की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नीति के तहत आगामी 05 वर्षों में एक करोड़ 90 लाख अण्डा प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के कामर्शियल लेयर फार्म की स्थापना तथा एक करोड़ 72 लाख ब्रायलर चूजों के वार्षिक उत्पादन हेतु ब्रायलर पेरेन्ट फार्म की स्थापना किया जाना लक्षित है। यह योजना उत्तर प्रदेश सरकारी की वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के लक्ष्य प्राप्ति में सहायक होगी तथा इससे अधिकाधिक रोजगार का सृजन होगा।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पशुपालन को लघु उद्योग के रूप में विकसित करने के साथ ही कुक्कुट विकास को भी प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 1.60 करोड़ अण्डों का उत्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है, जबकि 2.50 करोड़ अण्डों का उपभोग प्रतिदिन होता है, जिसकी पूर्ति अन्य राज्यों से आयात कर की जा रही है।
बैठक में चर्चा के दौरान नेशनल एग क्वारडिनेशन कमेटी (एनईसीसी) के प्रतिनिधियों ने प्रदेश में अण्डो के परिवहन हेतु शीतितयान की अनिवार्यता को समाप्त करने का अनुरोध किया।
बैठक में पशुपालन निदेशालय के अपर निदेशक गोधन, डा0 राजेश कुमार, उपनिदेशक(कुक्कुट) डा0 बृजेश कुमार त्रिपाठी एवं डा0 अजय कुमार मिश्रा सहित ईएनसीसी के प्रिंस गोयल, गुरूप्रीति सिंह, इन्द्रजीत सिंह, हरियाणा पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा पंजाब पोल्ट्री फर्म एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एम0 के अरोड़ा उपस्थित थे।

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