उत्तर प्रदेश

राज्य सरकार किसानों की सुविधा बढाकर उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए कटिबद्व

लखनऊ: उत्तर प्रदेश का किसान अपनी उपज को बाजार में सही समय पर और सही मूल्य पर बेचे इसके लिए राज्य भण्डारण निगम द्वारा किसानों की उपज के भण्डारण हेतु लगातार प्रयास किय जा रहे है।

      यह जानकारी देते हुए प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार किसानों की सुविधा बढाकर उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए कटिबद्व है। उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा किसानों की आय दोगुना करने तथा किसानों को अधिक से अधिक सुविधाये दने के लिए लगातार प्रयाास किये जा रहे है। इसी क्रम में यह महसूत किया गया कि यदि किसानों की उपज को भण्डाराणगृहों में सुरक्षित रखवाकर बैंक से ऋण आदि की सुविधा उपलब्ध कराया जाये तो किसानो का काफी लाभ होगा इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य भण्डारण निगम किसानों की भण्डारित उपज पर किराये में 30 प्रतिशत की छूूट  प्रदान की जा रही है तथा भण्डारित उपज के सापेक्ष भण्डारण रसीद जारी की जाती है जारी की गयी भण्डारण रसीद को किसान किसी भी बैंक में गिरवीं रखकर भण्डारित उपज के मूल्य का 80 से 90 प्रतिशत तक का ऋण प्राप्त कर सकता हैैं

       श्री वर्मा ने बताया कि राज्य भण्डारण निगम द्वारा नवीनतम प्रयोग के रूप में 37 मण्डी स्थलो पर 5000 हजार मै0टन के गोदाम का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें किसान के खाद्यान्न को रखने के लिए 1000 हजार मैं0टन का चैम्बर पूर्णतः किसानों को समर्पित रहेगा। क्षमता विस्तार हेतु 6.85 लाख मै0टन के पी0ई0जी0, 1.50 लाख मै0टन के साईलो के निर्माण तथा 1.25 लाख मै0टन की क्षमता का निर्माण सहकारी समितियों/संघों आदि की भूमि पर किये जाने की योजना है।

      श्री वर्मा ने बताया कि निगम में पारदर्शिता को दृष्टिगत रखते हुए E-NWR (Electronic Negotiable Warehouse Receipt) जारी करने की भी योजना है जिसके लिए प्रदेश में निगम के 08 भण्डारगृहों को W.D.R.A. (Warchousing Development Regulatiory Authority) में पंजीकृत कराया गया है। 13 और भण्डारगृह ॅण्क्ण्त्ण्।ण्में पंजीकृत किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होने बताया कि इन योजनाओं के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी राज्य भण्डारण निगम के प्रधान कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय अथवा विभिन्न स्थलों पर स्थापित भण्डारगृहों से सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।

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