उत्तर प्रदेश

कोरोना महामारी से निपटने के लिये जनसहयोग आवश्यक: अवनीश कुमार अवस्थी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या 278 से बढ़कर 305 हो गयी है। कल की तुलना में कोरोना मरीजों की संख्या में 27 की बढ़ोतरी हुयी है, जिसमें से 21 मरीज ऐसे हैं, जो तबलीगी जमात से जुडे़ हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल कोरोना मरीजों की संख्या में से 159 मरीज तबलीगी जमात से जुड़े हैं। अब तक दिल्ली के तबलीगी मरकज में सम्मिलित होने वाले लगभग 1600 लोगों को चिन्हित करके 1200 से अधिक लोगों को क्वारेन्टाइन किया गया है। जीवन सबसे महत्वपूर्ण हैं, अतः मरकज से लौटने वाले लोग स्वयं आगे आकर अपनी जांच करायें।
श्री अवस्थी आज लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि तीन तरह की श्रेणी बनाकर सर्विलांस की प्रक्रिया निरंतर चल रही है। प्रथम श्रेणी के अन्तर्गत उन्हें रखा गया है, जो स्वयं संक्रमित है, जबकि दूसरी श्रेणी में सीधे उनके सम्पर्क में आये लोगों को रखा गया है। तीसरी श्रेणी में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जो दूसरी श्रेणी के लोगों के सम्पर्क में रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के बढ़ने से प्रदेश की स्थिति संवेदनशील हो गयी है और जब तक प्रदेश में तीनों श्रेणी के लोगों को चिन्हित नहीं कर लिया जाता, तब तक लाॅकडाउन खोलने का निर्णय लिया जाना जनहित में उचित नहीं होगा। तबलीगी जमात के कोरोनो पाॅजिटिव लोगों की संख्या बढ़ने के कारण 14 अप्रैल के बाद लाॅकडाउन खुलने पर संदेह है। लाॅकडाउन के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिये युवा वर्ग को जोड़ते हुये मोहल्ला वाॅरियर बनाये जायें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिये जनसहयोग आवश्यक है।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में कोरोना जांच की सुविधा को मजबूत करने के निर्देश दिये हैं। चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि प्रदेश के 10 राजकीय मेडिकल कालेजों में स्थापित टेस्टिंग लैब को अपग्रेड किया जाये। इसके अतिरिक्त 14 अन्य मेडिकल कालेजों में टेस्टिंग लैब की स्थापना किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि जिन जनपदों में मेडिकल कालेज नहीं हैं, उन जनपदों के जिला चिकित्सालयों पर सैम्पल कलेक्शन सेंटर स्थापित किये जायें। उन्होंने बताया कि टेस्टिंग लैब को अपग्रेड किये जाने एवं नये टेस्टिंग लैब की स्थापना पर संभावित व्यय का वहन कोविड केयर फण्ड से किया जायेगा।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा आज यहां एनेक्सी भवन में राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र का लोकार्पण किया गया। एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र में राहत टोल फ्री नं0 1070 स्थापित किया गया है, जिसमें 12 वर्क स्टेशन 24ग्7 कार्यरत हैं। 03 अप्रैल से 05 अप्रैल के मध्य टोल फ्री नं0 पर 1167 फोन काॅल्स आये, जिनमें से 853 समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है। यह केन्द्र राज्य स्तरीय विभिन्न विभागों के साथ जुड़कर कोविड-19 महामारी के रोकथाम एवं राहत से संबंधित सूचनाएं एकीकृत रूप से प्राप्त करेगा। इसके साथ ही यह केन्द्र प्रदेश के समस्त डिस्ट्रिक्ट कण्ट्रोल रूम से भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त इसे प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं यथा 112, 1076, 1090, 102 और 108 आदि से भी शीघ्र ही जोड़ा जायेगा।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅक डाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 9955 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। अब तक कुल 32132 लोग गिरफ्तार किये गये। प्रदेश में कुल 5355 बैरियर व नाके स्थापित किये गये हैं तथा अब तक 1136214 वाहनांे की सघन चेकिंग में 17244 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 47220809 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 149715 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 276 लोगों के खिलाफ 203 एफआईआर दर्ज करते हुए 94 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार फेक न्यूज पर कड़ाई से नजर रख रही है। आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले जौनपुर के 01 व्यक्ति के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गयी है, जबकि हरदोई के ग्राम पंचायत अधिकारी को निलम्बित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त कुछ लोगों के सोशल एकाउंट सस्पेंड किये गये हैं और कुछ पर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि टिक-टाॅक पर कई मामले आपत्तिजनक पाये गये हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि निःशुल्क खाद्यान्न वितरण के अन्तर्गत 1,32,16,546 राशन कार्ड (अंत्योदय की संख्या सहित) के सापेक्ष 71,03,202 खाद्यान्न का वितरण किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में प्रचलित कुल 3,52,93,328 राशन कार्ड के सापेक्ष 2,07,51,084 कार्ड पर खाद्यान्न का वितरण किया गया है। इसी क्रम में प्रदेश में धार्मिक, स्वैच्छिक एवं जिला प्रशासन तथा अन्य सरकारी संस्थाओं द्वारा कुल 1066712 फूड पैकेट्स उपलब्ध कराये गये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में डोर-स्टेप-डिलीवरी व्यवस्था के अन्तर्गत 21393 स्टोर क्रियाशील हैं, जिनके माध्यम से 50024 डिलीवरी मैन आवश्यक सामग्री निरंतर पहुंचा रहे हैं। प्रदेशवासियों को फल एवं सब्जी उपलब्ध कराये जाने के लिए कुल 44765 वाहनों की व्यवस्था की गयी है। इसी क्रम में कुल 41.15 लाख लीटर दूध उपार्जन के सापेक्ष 27.96 लाख लीटर दूध का वितरण 18061 डिलीवरी वैन के माध्यम से किया गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े 11.04 लाख श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार रूपए की धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से भेजी गई है। इसके अतिरिक्त नगरीय क्षेत्र के 199704 श्रमिकों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की 25418 फैक्ट्री से सम्पर्क किया गया, जिनमें 22176 द्वारा अपने श्रमिकों को वेतन का वितरण कर दिया गया है। सेनेटाइजर की 40 नई इकाईयों को आवश्यक स्वीकृति के उपरान्त एल्कोहल आवंटित कराते हुए कुल 99 इकाईयां क्रियाशील हैं। प्रदेश में मेडिकल¬ इक्युपमेंट एवं दवा निर्माण आदि से सम्बंंिधत 452 इकाईयों में से 410 इकाईयां कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आटा की पर्याप्त सप्लाई बनाये रखने के लिए 747 मिलों का संचालन किया जा रहा है, इसके साथ ही 393 तेल मिल एवं 209 दाल मिल का भी संचालन हो रहा है।
श्री अवस्थी ने बताया कि कोविड-19 के सम्बंध में पूरे प्रदेश में अब तक 4009 अस्थायी स्क्रीनिंग कैम्प एवं आश्रय स्थल बनाये गये हैं जिसमें 1,17,467 लोग रह रहे हैं। इन आश्रय स्थलों पर बेड, पेयजल, भोजन, सेनेटाइजर, साबुन, शौचालय एवं चिकित्सीय सुविधा आदि की व्यवस्था की गयी है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

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