उत्तराखंड समाचार

मनरेगा से संबंधित योजनाओं की समीक्षा बैठक लेते हुएः राज्यमंत्री धन सिंह रावत

देहरादून: प्रदेश के सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 धन सिंह रावत ने विधान सभा स्थित कक्ष में मनरेगा से संबंधित योजनाओं की समीक्षा के संबंध में बैठक ली।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत छूट गये लाभार्थियों को पुनः योजना में शामिल किया जायेगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत छूट गये लाभार्थियों की संख्या 94 हजार है। अभी तक 90 प्रतिशत लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। लाभार्थियों का चयन 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है। यह तथ्य ग्राम्य विकास योजना की समीक्षा के दौरान सामने आया है। डाॅ0 धन सिंह रावत ने निर्देश दिया कि सचिव, ग्राम्य विकास इससे संबंधित प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे जिससे इस गैप को पूर्ण किया जाय।
प्रधान, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के निर्वाचन के पश्चात ब्लाॅकवार प्रधान सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य को मनरेगा से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। प्रशिक्षण में जानकारी दी जायेगी, कौन-कौन से कार्य मनरेगा में अनुमन्य है। जानकारी के अभाव में योजना का सही लाभ नहीं मिल पा रहा था।
स्वयं सहायता समूह को ग्राम्य विकास रिवाल्विंग फंड से धन प्राप्त होने में समस्या आ रही थी। इस समस्या को दूर करने के लिए सहकारी समिति अथवा सहकारी बैंक से ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने के लिए सहकारी विभाग और ग्राम्य विकास विभाग की संयुक्त बैठक प्रत्येक जनपद के मुख्य विकास अधिकारी को करने का निर्देश दिया गया।
पौड़ी जनपद प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के रख-रखाव, डामरीकरण और सुदृढ़ीकरण इत्यादि कार्य के लिए, लोक निर्माण विभाग को कार्य हस्तान्तरित किया जायेगा। इस निर्णय से 5 वर्ष बाद भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के रख-रखाव, डामरीकरण और सुदृढ़ीकरण इत्यादि कार्य के लिए फण्ड की समस्या नहीं आयेगी।
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि कुशल और अकुशल श्रमिकों के चिन्हिकरण के लिए एक गाइड लाइन बना लिया जाय। इससे कार्यों में पारदर्शिता आयेगी।
बैठक में सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार, अनुसचिव ग्राम्य विकास आशुतोष शुक्ल,  डिप्टी डायरेक्टर एस.डी.आर.डी.ए. विवेक कुमार उपाध्याय एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

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