उत्तर प्रदेश

योजना के अन्तर्गत दुकान निर्माण/क्रय हेतु पात्र लाभार्थी को वित्तीय सहायता के रूप में रू0 20,000/- की धनराशि स्वीकृत की जाती है

लखनऊ: दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित ‘‘उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन पुनर्वासन हेतु दुकान निर्माण/दुकान संचालन‘‘ योजना के अन्तर्गत दुकान निर्माण/क्रय हेतु पात्र लाभार्थी को वित्तीय सहायता के रूप में रू0 20,000/- की धनराशि स्वीकृत की जाती है, जिसमें रू0 15,000/- की धनराशि 4 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर ऋण के रूप में तथा रू0 5,000/- की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है। दुकान संचालन हेतु दुकान न्यूनतम पाॅंच वर्ष के लिए किराये पर लिए जाने हेतु एवं खोखा/गुमटी/हाथ ठेला क्रय हेतु पात्र लाभार्थी को वित्तीय सहायता के रूप में रू0 10,000/- की धनराशि स्वीकृत की जाती है, जिसमें रू0 7,500/- की धनराशि 4 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर ऋण के रूप में तथा रू0 2,500/- की धनराशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है।

यह जानकारी दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के निदेशक, श्री अजीत कुमार ने दी है। उन्होंने पात्रता की जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे दिव्यांग जो 40 प्रतिशत या इससे अधिक की दिव्यांगता से प्रभावित हो एवं उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो। जिनकी वार्षिक आय समय-समय पर शासन द्वारा गरीबी रेखा के लिए निर्धारित आय सीमा के दो गुने से अधिक न हो। जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक, किन्तु 60 वर्ष से अधिक न हो। जो किसी आपराधिक अथवा आर्थिक मामलों में सजा न पाए हों तथा जिनके विरूद्ध किसी प्रकार की सरकारी धनराशि देय न हो। जिनके पास दुकान निर्माण हेतु स्वयं की 110 वर्ग फिट भूमि हो या अपने संस़्त्रोतों से उक्त क्षेत्रफल की भूमि खरीदने/लेने में समर्थ हो, अथवा स्थानीय निकाय/उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद/विकास प्राधिकरण/प्राइवेट विल्डर्स तथा एजेन्सी से निर्मित दुकान क्रय हेतु, किन्तु दुकान का क्रय किसी परिवारजन के नाम से अनुमन्य नहीं होगा,अथवा जिनके द्वारा कम से कम पाॅंच वर्ष की अवधि का किरायेदारी का पट्टा कराया जाए उन्हें उपलब्ध दुकान संचालन हेतु (किराया एवं कार्यशील पूॅजी), अथवा जिनके द्वारा गारन्टी/बन्धक उपलब्ध कराया जाये उन्हें खोखा/गुमटी/हाथठेला के क्रय एवं कार्यशील पूॅजी हेतु। ऐसे दिव्यांग व्यक्ति को जो विभाग द्वारा संचालित कार्यशाला से प्रशिक्षित हो अथवा आई0टी0आई0/पालीटेक्निक या किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी व्यवसाय में प्रशिक्षण प्राप्त/डिप्लोमा प्रमाण-पत्र धारी है और उसी क्षेत्र में व्यवसाय करना चाहता है, उसे वरीयता दी जायेगी।

श्री कुमार ने बताया कि दिव्यांग पुनर्वासन हेतु दुकान निर्माण/दुकान संचालन योजना के अन्तर्गत इच्छुक दिव्यांगजन दुकान निर्माण/दुकान संचालन हेतु 15 जून,2019 के बाद आॅनलाइन ीजजचध्ध्कपअलंदहरंदकनांदण्नचेकबण्हवअण्पद पर आवेदन कर सकते है।  आॅनलाइन फार्म भरते समय आवेदक को दिव्यांगता प्रदर्शित करने वाला नवीनतम फोटो, आयु प्रमाण पत्र जिसमें जन्म तिथि का अंकन हो, सक्षम प्राधिकारी के स्तर से निर्गत दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, राष्ट्रीयकृत बैंक में संचालित खाता, अधिवास का प्रमाण पत्र तथा आधार कार्ड की छायाप्रति को स्वप्रमाणित कर आवेदन पत्र के साथ आॅनलाइन उपरोक्त वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए संबंधित जनपद के जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी के कार्यालय में किसी भी कार्यदिवस में सम्पर्क कर सकते है।

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