उत्तर प्रदेश

ग्राम सचिवालय से ग्राम स्वराज की अवधारणा होगी साकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की 78 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में अवस्थित हैं। गॉवो में संचालित विभिन्न योजनाओं में ग्रामीण जनों की भागीदारी योजना की सफलता के लिए अनिवार्य हैं। प्रदेश सरकार अपने ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक निवासी के विकास के लिए प्रयासरत एवं कटिबद्ध है। शासन की सभी महत्वपूर्ण योजनाएं ग्राम पंचायतों के माध्यम से अथवा उनके सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित होती है। प्रदेश में 73वां संविधान संशोधन के अनुरूप त्रिस्तरीय पंचायतीराज प्रणाली लागू है। प्रदेश में वर्तमान में 58000 से ज्यादा ग्राम पंचायतें है। पिछले कई वर्षो से ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन या सामुदायिक भवन बनाने का कार्य चल रहा हैै। जिसके पीछे यह सोच है कि इन पंचायतों में नियमित कार्यालय का संचालन होना चाहिए परन्तु ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यालय संचालन के पूर्व प्रयास सफलतापूर्वक क्रियान्वित नही हो पाए है। जबकि ग्राम पंचायतों को जो दायित्व निर्वहन के लिए दिए गए है, उसे पूर्ण करने हेतु इनका अपना भवन आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार के पंचायतीराज विभाग द्वारा प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम स्वराज के लिए ग्राम सचिवालय की स्थापना हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे है। इसके अन्तर्गत ग्राम पंचायत कार्यालय भवन की यथा आवश्यकता मरम्मत/विस्तार/नवनिर्माण के कार्य किये जा रहें है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी कार्य अगले 03 माह में पूर्ण कर लिए जाने का समयबद्ध लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। लगभग 33 हजार से अधिक पूर्व निर्मित पंचायत भवनों में मरम्मत व विस्तार की आवश्यकता है, जबकि 24 हजार से अधिक नये पंचायत भवनों का निर्माण किया जाना है। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत के यह भवन ग्राम सचिवालय के रूप में कार्य कर सकें, इसके लिए इनमें अनेक सुविधाओं की स्थापना की जा रही है। इन सभी ग्राम पंचायत भवनों कों इण्टरनेट से जोड़ा जा रहा है।
पंचायत कार्यालयों में ही कामन सर्विस सेंटर संचालित किया जाएगा। जिससे ग्रामीणजन प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न वर्गों के हितार्थ चलायी जा रही योजनाओं से अवगत हो सकेंगे। शासन द्वारा बी0सी0सखी के माध्यम से ग्राम पंचायतों में लोगों को बैकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की योजना संचालित है। यह कार्य भी ग्राम पंचायत भवन से ही किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। ग्राम स्तरीय विभिन्न विभागों के कर्मी आवश्यकतानुसार ग्राम पंचायत में एक जगह बैठकर कार्य कर सकें। इसके लिए भी ग्राम पंचायत का अपना भवन होना आवश्यक हैं।
प्रत्येक ग्राम पंचायत भवन को सुसज्जित करने हेतु फर्नीचर व अन्य आवश्यक सामग्रीयों की खरीद ग्राम पंचायतें स्वयं कर सकेगी। जिनमें कम्प्यूटर, आलमारी, सोलर पैनल, इनवर्टर एवं बैटरी, सी0सी0टी0वी0 कैमरे भी शामिल है। इस हेतु पंचायतों को 1,75,000 की धनराशि दी जा रही है।
प्रदेश की वर्तमान सरकार ग्राम पंचायतों में रोजगार के व्यापक अवसर भी उपलब्ध कराने जा रही है। ग्राम पंचायत कार्यालय को पूर्व में संचालित करने के लिए किए गए प्रयास पूर्ण सफल नही हो पाए क्योंकि प्रदेश की 58000 से अधिक ग्राम पंचायतों में वर्तमान में लगभग 11,008 पंचायत सचिव/ग्राम विकास अधिकारी ही कार्यरत है। जिससे एक कर्मी के पास एक से अधिक ग्राम पंचायत का कार्यभार होने के कारण वह प्रतिदिन नियमित रूप से ग्राम पंचायत में उपस्थित होकर कार्यालय का संचालन नही कर पाते थे। अतः वर्तमान सरकार ग्राम पंचायतों में कार्मिकों की कमी दूर करने के लिए इन पंचायतों में पंचायत सहायक/एकाउंटेन्ट-कम-डाटा इन्ट्री आपरेटर का चयन करने जा रही है। इसके लिए ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति द्वारा उसी ग्राम पंचायत के योग्य अभ्यर्थियों में से चयन किया जाएगा। यह कर्मी ग्राम पंचायत के दिन प्रतिदिन के कार्यों का संचालन करेंगे।
पंचायत सहायक/एकाउंटेन्ट-कम-डाटा इन्ट्री आपरेटर को इसकी सेवाओं के बदले ग्राम पंचायत द्वारा रूपये छः हजार प्रतिमाह का भुगतान किया जाएगा। इन कार्मिकों को पंचायतीराज निदेशालय, पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा, जिससे यह अपना कार्य भलीभांति सम्पादित कर सकेंगे। पंचायत सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने एवं भाई भतीजावाद रोकने हेतु भी प्रदेश सरकार ने व्यापक प्रावधान रखे है। जिसके अन्तर्गत ग्राम पंचायत के प्रधान, उपप्रधान, सदस्य अथवा सचिव के किसी संबंधी को इस पद पर नही रखा जा सकेंगा। ग्राम सचिवालय में जन्म मृत्यु पंजीकरण प्रपत्र, परिवार रजिस्टर, ग्राम पंचायत के आय-व्यय से सम्बन्धित पुस्तिका एवं बिल वाउचर, कार्यवाही रजिस्टर, विभिन्न योजनाओं के पात्र लाभार्थियों की सूची, बी0पी0एल0 परिवारों की सूची, विभिन्न योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र आदि उपलब्ध रखे जायेगे, जिससे उनका आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके।
ग्राम सचिवालय की स्थापना से ग्रामीण लोकतंत्र को और मजबूती मिलेगी। प्रदेश सरकार का यह प्रयास गाँवों के विकास को नई उड़ान प्रदान करेगा। गाँव के सभी निवासी ग्राम सचिवालय से राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा उनके हितार्थ चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी ले सकेगे। वही इनमें स्थापित कामन सर्विस सेंटर से उन योजनाओं के लिए आवेदन भी कर सकेंगे। ग्रामीण विकास से संबंधित समस्त जानकारियां इण्टरनेट के माध्यम से यहां उपलब्ध होगी। ग्राम सचिवालय से प्रदेश के ग्रामवासी भारत एवं विश्व के विकास के साथ तालमेल स्थापित करने में सक्षम बनेगें। प्रदेश सरकार का यह कदम गॉवों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगा एवं ग्रामीणजनों की जिंदगी आसान करेगा। एक ओर जहां यह सरकार व नागरिक अन्तःक्रिया को बढ़ावा देगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति प्रदान करेगा।

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