देश-विदेश

उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को अधिक समग्र और कठोर बनाया जाएगा: राम विलास पासवान

नई दिल्ली: उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को अधिक समग्र और कठोर बनाया जाएगा। एक प्रेस सम्मेलन में यह बताते हुए उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत नियमों को अंतिम रूप देने के पहले उपभोक्ता कार्य विभाग के पूर्व सचिवों और सांसदों के साथ इस महीने एक बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण विधेयक संसद में पारित होने के समय 41 सांसदों ने इस पर चर्चा की थी। उपभोक्ता अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या का जिक्र करते हुए श्री पासवान ने कहा कि इसका कारण यह है कि कई पद खाली पड़े हैं, जिन्हें जल्द भरने के प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) एक नया और क्रांतिकारी विचार है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने की शक्ति बढ़ेगी।

उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने कहा कि नए अधिनियम के जरिये निर्मित उत्पादों की कई स्तरों पर जांच संभव होगी। खरीदने के दौरान या उसके बाद यदि उत्पाद में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाई जाएगी तो बाजार से उस माल की पूरी खेप वापस उठा ली जाएगी। इस अधिनियम के तहत अन्य चीजों के अलावा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण स्थापित करने का भी प्रस्ताव है ताकि उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन हो सके। अनुचित कारोबारी व्यवहार से उपभोक्ता को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सीसीपीए दखल देगा। यह एजेंसी कार्रवाई शुरू करेगी और उत्पाद को वापस लेने से लेकर उसकी कीमत उपभोक्ता को वापस दिलाने तक का काम करेगी। इस अधिनियम के तहत विवाद के निपटाने की प्रक्रिया सरल बनाई जाएगी और इसमें मध्यस्थता तथा मुकदमों को ऑनलाइन दायर किया जा सकेगा। उपभोक्ता अपने न्याय क्षेत्र के अंदर आने वाले सबसे नजदीकी आयोग में जाकर मुकदमा दायर कर सकता है।

पहली बार उत्पाद-दायित्व जैसा विशेष कानून लागू किया जा रहा है। निर्माता या उत्पाद प्रदाता या उत्पाद विक्रेता गड़बड़ उत्पाद या सेवाओं में कमी से होने वाली क्षति के लिए हर्जाना देने के लिए जिम्मेदार होगा।

इस समय उपभोक्ता को कतिपय कारणों से न्याय मिलने में देर होती है। सीसीपीए के जरिये मुकदमों का निपटारा जल्द किया जाएगा। भ्रामक विज्ञापनों और उत्पाद में मिलावट को रोकने के लिए दंड का प्रावधान भी है। इसके अलावा ऐसे प्रावधान भी किए गए हैं, ताकि निर्माता और सेवा प्रदाता त्रुटिपूर्ण उत्पादों की आपूर्ति न कर पाएं।

Related Articles

Back to top button