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श्रेष्ठ गुणवत्ता तथा मानक के उत्पाद तैयार करना और उससे कुछ भी कम स्वीकार नहीं करना समय की जरूरतः श्री गोयल

केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण, रेल तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने वर्चुअल रूप से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की तीसरी गवर्निंग काउंसिल बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री श्री राव साहब पाटिल दानवे, राज्यसभा के सदस्य श्री महेश पोद्दार, उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव,बीआईएस के महानिदेशक श्री पी.के. तिवारी, क्यूसीआई के अध्यक्ष श्री अदिल जैनुलभाई तथा मंत्रालय और भारतीय मानक ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

श्री गोयल ने बीआईएस के अधिकारियों और विभिन्न मंत्रालयों/नियामकों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारतीय मानकों को बनाने तथा उन्हें लागू करने की प्रक्रिया की समीक्षा की। इस बात पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया कि कैसे मानक तय हों और किस तरह मानकों को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। “एक देश, एक मानक” पर बल देते हुए कहा गया कि भारतीय मानक वैश्विक मानकों के अनुरूप होने चाहिए।

गवर्निंग काउंसिल बैठक को संबोधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि मानकीकरण के बारे में देश की सोच में परिवर्तन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने तेज आर्थिक विकास के लिए तीन मंत्र- स्पीड, स्किल और स्केल दिए हैं। अब इसमें चौथे मंत्र “मानक” को जोड़ने का समय है।

श्री गोयल ने कहा कि प्रारंभिक वर्षों में एमएसएमई, स्टार्टअप तथा महिला उद्यमियों के लिए मानक परीक्षण फीस में कमी की जानी चाहिए। इससे उन्हें अपने उत्पादों के प्रमाणीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा और व्यावसायिक सुगम्यता को भी बढ़ावा मिलेगा।

उपभोक्ता कार्यमंत्री ने बीआईएस को बड़े पैमाने पर विस्तार करने और परीक्षण प्रयोगशालाओं को आधुनिक बनाने का निर्देश दिया ताकि उद्यमी परीक्षण और मानक प्रमाणीकरण के लिए लम्बी यात्रा न कर सकें।

श्री गोयल ने प्रमाणीकरण प्रक्रिया तथा निरीक्षण में उच्चस्तरीय पारदर्शिता लाने के लिए उपभोक्ता चार्टर बनाने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि भारत में तैयार किए गए उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मानकों के होने चाहिए, भले ही उत्पाद स्थानीय बाजार और अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए बनाया गया हो। किसी व्यक्ति या निजी अथवा सरकारी संस्थान को लाभ देने के लिए इसमें कोई कमी नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीआईएस के समक्ष मानक तय करने की प्रक्रिया विशेषकर राष्ट्रीय प्राथमिकता के कार्यक्रमों पर मानक तय करने के काम को फास्ट ट्रैक करना चुनौतीपूर्ण है इसीलिए बीआईएस को यह सुनिश्चित करना होगा कि इसकी तकनीकी समितियां उत्पादों के लिए कम से कम संभव समय में आवश्यक नए मानक विकसित करें और जरूरत पड़ने पर वर्तमान मानकों की समीक्षा करें और उनमें संशोधन करें।

भारतीय मानक ब्यूरो ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ तुलना योग्य विभिन्न भारतीय मानक तैयार किए हैं। इनमें इलेक्ट्रिक वाहन, ईंधन मिश्रण, स्मार्ट सिटी डिजिटल इंफ्रास्टक्चर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, टेक्निकल टेक्सटाइल, एरियल रोपवेज शामिल हैं।

बीआईएस पूरे देश में 37,000 से अधिक उत्पाद प्रमाणीकरण लाइसेंसों का संचालन करता है। एक अप्रैल 2020 के बाद पहली बार उत्पाद प्रमाणीकरण योजना के अंतर्गत 55 नए उत्पाद कवर किए गए हैं। एक कंज्युमर इंगेजमेंट पोर्टल लांच किया गया ताकि विभिन्न उपभोक्ता कार्यक्रमों तथा बीआईएस की गतिविधियों को चलाने के लिए उपभोक्ता संगठनों/समूहों के साथ विचार-विमर्श हो सके। उन्नत एन्ड्रायड मोइबाइल ऐप BIS CAREकाम कर रहा है जिससे हितधारक आईएसआई मार्क, पंजीकृत ज्वैलर्स तथा आवश्यक पंजीकरण योजना (सीआईएस)के अंतर्गत चिन्हित इलेक्ट्रॉनिक सामान के प्रमाणीकरण का सत्यापन कर सकते हैं।

उपभोक्ता कार्य, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री श्री राव साहेब पाटिल दानवे ने गवर्निंग काउंसिल बैठक को संबोधित किया। गवर्निंग काउंसिल बैठक में उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव श्रीमती लीना नन्दन ने भी अपने विचार प्रकट किए।

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