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कोविड महामारी के दौरान आरटीआई मामलों की निपटान की दर पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अधिक रही: डॉ जितेंद्र सिंह

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विभाग के राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा कि आरटीआई (सूचना का अधिकार) के मामलों में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में बीते 6 महीनों की कोविड अवधि के दौरान उच्च निपटान दर दर्ज की गई है।

12 अक्टूबर 2005 को लागू हुए आरटीआई अधिनियम के 15 साल पूरे होने के अवसर पर संबोधन करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि, पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में मार्च से सितंबर के बीच 76.49% आरटीआई के मामलों का निस्तारण किया गया। जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मार्च से सितंबर की समान अवधि के दौरान आरटीआई मामलों निपटान दर बढ़कर 93.98% हो गई है। पंजीकृत मामलों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि, पिछले साल की समान अवधि के दौरान कुल 11,716 पंजीकृत मामलों में से 8,962 मामलों का निस्तारण किया गया, वहीं इस वर्ष मार्च से सितंबर के बीच कुल 8,528 में से 8,015 मामलों का निस्तारण किया गया।

केंद्रीय सूचना आयोग-सीआईसी ने लॉकडाउन अवधि के दौरान भी प्रभावी ढंग से काम किया है और महामारी की चुनौतियों के बावजूद आयोग में सुनवाई की सुविधा के लिए ई-ऑफिस का व्यापक उपयोग और नवीनतम तकनीकी उपकरणों के प्रयोग की वजह से ही मामलों का शीघ्रता से निपटान संभव हो पाया है। केंद्रीय सूचना आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया कि, मामलों की सुनवाई के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। अपीलकर्ताओं तथा प्रतिवादियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए दृश्य-श्रव्य सुनवाई व्यवस्था भी बहाल की गई है।

बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि, आरटीआई अधिनियम ने आम जनता के लिए पारदर्शिता और सूचना की उपलब्धता में बहुत योगदान दिया है। इसके बावजूद कई वर्षों से कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें दोहराए जाने वाले आरटीआई आवेदन और व्यक्तिगत शिकायतों से संबंधित मुद्दों ने आरटीआई तथा अपीलों की संख्या को बढ़ाया है।

केंद्रीय सूचना आयोग आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के समुचित मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर आरटीआई कार्यकर्ताओं, आम जनता, सीपीआईओ और प्रथम अपीलीय अधिकारियों के साथ सेमिनार, कार्यशालाएं तथा वार्षिक सम्मेलन आयोजित करता रहा है। इस प्रतिक्रिया तंत्र के माध्यम से, सभी हितधारकों के बीच गुणात्मक सुधार लाया गया है। महामारी के दौरान, मामलों के निपटान में तेज़ी लाने में आयोग की सहायता के लिए आरटीआई कार्यकर्ता और पूर्व सीआईसी/आईसीएस सहित सभी हितधारकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठकें आयोजित की गईं।

आयोग ने आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन को और अधिक मजबूत तथा कारगर बनाने के लिए जल्द से जल्द सेमिनार/वेबिनार/कार्यशाला आयोजित करने की संभावना पर भी विचार किया।

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