उत्तर प्रदेश

प्रदेश सरकार लोगों को आर्थिक मदद देकर उन्हें स्वावलम्बी बनाने का कार्य कर रही: सीएम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आर्थिक समानता सामाजिक समानता का आधार बनती है। समाज में अगर एक तबका मजबूत हो जाए और एक तबका कमजोर हो तो ऐसा समाज कभी भी आत्मनिर्भर समाज नहीं बन सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि समाज में संतुलन हो और यह संतुलन न केवल सामाजिक स्तर पर बल्कि आर्थिक स्तर पर भी होना चाहिए। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वर्तमान सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के तहत कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर अनुसूचित जाति के गरीब व्यक्तियों के सर्वागीण विकास हेतु ‘नवीन रोजगार छतरी योजना’ के शुभारम्भ एवं पं0 दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के 3,484 लाभार्थियों को धनराशि के आॅनलाइन हस्तान्तरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। योजना के तहत मुख्यमंत्री जी ने लाभार्थियों के खातों में 17 करोड़ 42 लाख रुपये धनराशि अन्तरित की।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने जनपद रायबरेली, गोरखपुर, बस्ती, मेरठ, आजमगढ़ तथा मुरादाबाद के लाभार्थियों से संवाद स्थापित किया। लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि वे इस हस्तान्तरित धनराशि का उपयोग परचून की दुकान, जनरेटर सेट, लाॅण्ड्री तथा ड्राइक्लीनिंग, साइबर कैफे, टेलरिंग, बैंकिंग काॅरेसपाॅण्डेन्ट, टेन्ट हाउस, गौ-पालन आदि के लिए करेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोविड-19 से त्रस्त है। इससे न केवल आर्थिक जगत की स्थितियां खराब हुई हैं, बल्कि सामाजिक और अन्य सभी प्रकार की व्यवस्थाएं भी प्रभावित हुई हैं। इन परिस्थितियों में भी प्रदेश सरकार लोगों को आर्थिक मदद देकर उन्हंे स्वावलम्बी बनाने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर जी व अन्य सभी महापुरुषों ने सामाजिक समानता का जो सपना देखा था, उसे मूर्तरूप देने का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी ने गरीबों के कल्याण के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की, जिसके माध्यम से गरीब, दलित, वंचित लोगों को मदद पहंुचायी जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से गरीबों को मुफ्त अनाज देने का कार्य किया जा रहा है। इस प्रकार गरीबों को महीने में दो बार खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों को रोजगार व उनके समायोजन के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश के श्रमिकों/कामगारों, ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले या दैनिक कार्य करने वाले सभी लोगों को 1000 रुपये का भरण-पोषण दिया गया है। साथ ही, निर्माण श्रमिकों को भी दो-दो बार भरण-पोषण भत्ता देने का कार्य किया गया है। अब तक 01 करोड़ 25 लाख से अधिक श्रमिकों/कामगारों को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया है। कोविड-19 के दौरान 03 करोड़ 56 लाख प्रधानमंत्री जनधन खातों में 500-500 रुपये की धनराशि अन्तरित की गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने प्रत्येक बैंक शाखा को यह लक्ष्य दिया है कि वे कम से कम दो अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला लाभार्थियों को अनिवार्य रूप से ऋण उपलब्ध कराए। उत्तर प्रदेश में लगभग 18 हजार बैंक शाखाएं हैं। इनके माध्यम से 36 हजार लोगों को लाभान्वित किया जा सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ प्रत्येक जरूरतमन्द को प्राप्त हो रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को प्राप्त हो रहा है।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि0 के अध्यक्ष डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान भी लोगों के आर्थिक उन्नयन का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री डाॅ0 गिर्राज सिंह धर्मेश, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण श्री मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 के प्रथम त्रैमास में विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के उपरान्त भी प्रदेश में 1,77,491 अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को विभागों द्वारा वित्तीय सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।

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